विज्ञापन
This Article is From Dec 21, 2015

धोनी के पसंदीदा तेज गेंदबाज भुवनेश्‍वर को आखिर किस बात की 'सजा मिली

धोनी के पसंदीदा तेज गेंदबाज भुवनेश्‍वर को आखिर किस बात की 'सजा मिली
भुवनेश्‍वर कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: ऑस्‍ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया के सिलेक्‍शन में संदीप पाटिल की अगुवाई में चयनकर्ताओं ने कई साहसिक फैसले लिए, जिसके लिए वे वाकई प्रशंसा के पात्र हैं। वनडे टीम में हरफनमौला ऋषि धवन और पंजाब के नवोदित खब्‍बू तेज गेंदबाज बरिंदर सरां का चयन दिखाता है कि उनकी निगाह भविष्‍य के गेंदबाजों की ओर है।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शानदार गेंदबाजी के बाद इशांत शर्मा वनडे टीम में वापसी का एक मौका पाने के हकदार थे और ठीक यही किया गया। इसके साथ ही सुरेश रैना को टीम से ड्रॉप करके चयनकर्ताओं ने साफ संदेश दिया है कि टीम में रहने का पैमाना सिर्फ और सिर्फ प्रदर्शन होगा। साथ ही चोट के कारण बाहर रहे मो. शमी की वापसी से निश्चित ही गेंदबाजी खेमे को मजबूती मिलेगी जो ऑस्‍ट्रेलिया के 'मददगार' विकेट पर निर्णायक भूमिका निभाएगी।

इसी क्रम में हार्दिक पंड्या को आईपीएल में उनके शानदार प्रदर्शन का इनाम टी-20 टीम में चयन के रूप में मिला है। इन तमाम अच्‍छे पहलुओं के बीच खटकने वाली बात केवल भुवनेश्‍वर कुमार को वनडे टीम से बाहर किया जाना रहा। शमी के वर्ल्‍डकप के बाद इंजुरी के कारण टीम इंडिया से बाहर होने और उमेश यादव और मोहित शर्मा के 'कभी अच्‍छे तो कभी बेहद खराब' प्रदर्शन के दौर के बीच भुवनेश्‍वर ही धोनी के पसंदीदा गेंदबाज रहे। यह बात भी काबिले गौर है कि भुवनेश्‍वर चोट के कारण टीम से ड्रॉप किए गए हैं, इसका कोई संकेत चयनकर्ताओं की ओर से नहीं दिया गया है। भुवनेश्‍वर की पहचान ऐसे गेंदबाज के रूप में है जिनके पास भले ही ज्‍यादा गति नहीं हो, लेकिन वे सटीक लाइन-लेंग्‍थ और स्विंग से बल्‍लेबाजों को खासा परेशान करते हैं। इसके बावजूद भुवी भी युवराज की तरह केवल टी-20 टीम में स्‍थान बना पाए।

इंदौर और चेन्‍नई वनडे में दिखाई थी चमक
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में खराब प्रदर्शन को उनके टीम से बाहर होने का कारण बताया जा रहा है। लेकिन गहराई से देखें तो कहा जा सकता है कि भुवनेश्‍वर के प्रदर्शन में भले ही स्थिरता नहीं थी, लेकिन इंदौर और चेन्‍नई के दो मैचों में टीम इंडिया की जीत में उनकी  अहम भूमिका रही। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मौकों पर भुवनेश्‍वर ने तीन-तीन विकेट हासिल किए, जिसे किसी भी तरह से खराब प्रदर्शन नहीं माना जा सकता। इंदौर वनडे में उन्‍होंने 8.4 ओवर में 41रन देकर तीन विकेट लेते हुए 248 रन के लक्ष्‍य का पीछा कर रही दक्षिण अफ्रीकी टीम को 225 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई। इसी तरह चेन्‍नई के चौथे वनडे में भी वे 10 ओवर में 68 रन देकर तीन विकेट लेने में सफल रहे थे।

खासबात यह है कि मेहमान टीम के सबसे खतरनाक बल्‍लेबाज एबी डिविलियर्स (112 रन) का विकेट उन्‍होंने तब लिया था जब डिविलियर्स मैच को भारतीय टीम के जबड़े से निकालकर दक्षिण अफ्रीका के  पक्ष में ले जाने की पूरी तैयारी कर चुके थे। पूरी सीरीज में विकेट के लिए कप्‍तान धोनी ने या तो अपने स्पिनर या फिर भुवनेश्‍वर पर ही भरोसा किया। बल्‍लेबाजों के वर्चस्‍व वाली इस सीरीज में भुवनेश्‍वर ने सात विकेट हासिल किए, इसमें दो बार के तीन-तीन विकेट शामिल थे।

मुंबई में सारे गेंदबाज ही 'महंगे' रहे थे
यह सही है कि मुंबई के आखिरी वनडे में भुवनेश्‍वर की खूब धुलाई हुई और उन्‍होंने 10 ओवर्स में एक विकेट के लिए 106 रन लुटाए, लेकिन इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए कि इस मैच में भुवनेश्‍वर अकेले नहीं, बल्कि हमारे सारे गेंदबाज महंगे रहे थे।

मोहित शर्मा, हरभजन, अक्षर पटेल और अमित मिश्रा, सबकी इस मैच में दक्षिण अफ्रीकी बल्‍लेबाजों ने खूब खबर ली थी।  वर्ष 2015 की बात करें तो इस दौरान भुवनेश्‍वर ने 13 मैचों में 5.57 की इकोनॉमी और करीब 36 रन के औसत से 16 विकेट लिए हैं, इस प्रदर्शन को औसत तो माना ही जा सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्‍या केवल एक या दो मैच की नाकामी किसी खिलाड़ी को निकाल बाहर करने के लिए पर्याप्‍त है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
भुवनेश्‍वर कुमार, ऑस्‍ट्रेलिया दौरा, टीम इंडिया, Bhuvneshwar Kumar, Australia Tour, Team India, Selectors
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com