धोनी इस समय चौथे क्रम पर बैटिंग के लिए आ रहे हैं (फाइल फोटो)
टीम इंडिया के लिए फिनिशर के रोल में अब कौन रहेगा? रांची वनडे में हार के बाद यह सवाल क्रिकेटप्रेमियों के दिमाग में उठ रहा है. रांची वनडे में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी नंबर 4 पर बल्लेबाज़ी करने आए. पिछले मैच में 80 रनों की पारी खेलने वाली धोनी इस बार चूक गए.
ऐसे में मैच खत्म करने का दबाव और फिनिशर का रोल निभाने की ज़िम्मेदारी नंबर 5, 6 और 7 नंबर के बल्लेबाज़ों पर आ गई, लेकिन स्लो होते विकेट और हर ओवर बढ़ते रनरेट का दबाव युवा बल्लेबाज़ सह नहीं पाए. यह समस्या एक मैच की नहीं, अब हर मैच की बन सकती है क्योंकि धोनी अब ये रोल नहीं निभाएंगे...
तो सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि फ़िनिशर के रोल में कौन होगा..मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या या फिर केदार जाधव. मौजूदा सीरीज की बात करें तो इस सीरीज़ में इन तीनों का बल्ले से प्रदर्शन ज्यादा उम्मीद नहीं बंधाता है. केदार ने इस सीरीज़ के 4 मैचों में 102.0 के स्ट्राइक रेट के साथ 51 रन बनाए हैं. इसी तरह मनीष पांडे के नाम इस सीरीज़ में अब तक 4 मैचों में 76 रन रहे हैं जबकि जबकि पांड्या ने 4 मैचों में 45 रन जोड़े. यह बात अलग है कि गेंद से पांड्या और केदार, दोनों ही हिट रहे
कप्तान धोनी ने भी माना कि " बैटिंग ऑर्डर में नीचे बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं है. स्ट्राइक रोटेट करने और बढ़ते रनरेट का दबाव रहता है. इन युवा क्रिकेटर्स को इस रोल में फिट होने के लिए थोड़ा वक्त लगेगा.
NDTV के क्रिकेट एक्सपर्ट और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के मुताबिक टीम इंडिया को नया फ़िनिशर मिलेगा लेकिन उससे पहले इन खिलाड़ियों पर विश्वास तो टीम मैनेजमेंट को रखना ही होगा. 'सनी' ने कहा कि "टीम मैनेजमेंट को नंबर 5, 6 और 7 के बल्लेबाज़ों में विश्वास रखना होगा. अक्षर पटेल को इन बल्लेबाज़ों से ऊपर भेजने का फैसला गलत था."
इस समस्या का एक हल सुरेश रैना की वापसी के बाद हो सकता है. रैना अनुभवी है और इस रोल को निभाने का दम रखते हैं. पांचवें नंबर पर रैना ने 91 मैचों में 35.32 की औसत के साथ 2402 रन बनाए हैं जबकि नंबर 6 पर खेले उन्होंने 68 मैचों में 35.54 की औसत के साथ1706 रन जोड़े हैं. अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में ज्यादा वक्त नहीं बचा है और मैच कौन फ़िनिश करेगा इसका जवाब टीम इंडिया के लिए बहुत ज़रूरी है.
ऐसे में मैच खत्म करने का दबाव और फिनिशर का रोल निभाने की ज़िम्मेदारी नंबर 5, 6 और 7 नंबर के बल्लेबाज़ों पर आ गई, लेकिन स्लो होते विकेट और हर ओवर बढ़ते रनरेट का दबाव युवा बल्लेबाज़ सह नहीं पाए. यह समस्या एक मैच की नहीं, अब हर मैच की बन सकती है क्योंकि धोनी अब ये रोल नहीं निभाएंगे...
तो सबसे बड़ा सवाल यहीं है कि फ़िनिशर के रोल में कौन होगा..मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या या फिर केदार जाधव. मौजूदा सीरीज की बात करें तो इस सीरीज़ में इन तीनों का बल्ले से प्रदर्शन ज्यादा उम्मीद नहीं बंधाता है. केदार ने इस सीरीज़ के 4 मैचों में 102.0 के स्ट्राइक रेट के साथ 51 रन बनाए हैं. इसी तरह मनीष पांडे के नाम इस सीरीज़ में अब तक 4 मैचों में 76 रन रहे हैं जबकि जबकि पांड्या ने 4 मैचों में 45 रन जोड़े. यह बात अलग है कि गेंद से पांड्या और केदार, दोनों ही हिट रहे
कप्तान धोनी ने भी माना कि " बैटिंग ऑर्डर में नीचे बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं है. स्ट्राइक रोटेट करने और बढ़ते रनरेट का दबाव रहता है. इन युवा क्रिकेटर्स को इस रोल में फिट होने के लिए थोड़ा वक्त लगेगा.
NDTV के क्रिकेट एक्सपर्ट और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के मुताबिक टीम इंडिया को नया फ़िनिशर मिलेगा लेकिन उससे पहले इन खिलाड़ियों पर विश्वास तो टीम मैनेजमेंट को रखना ही होगा. 'सनी' ने कहा कि "टीम मैनेजमेंट को नंबर 5, 6 और 7 के बल्लेबाज़ों में विश्वास रखना होगा. अक्षर पटेल को इन बल्लेबाज़ों से ऊपर भेजने का फैसला गलत था."
इस समस्या का एक हल सुरेश रैना की वापसी के बाद हो सकता है. रैना अनुभवी है और इस रोल को निभाने का दम रखते हैं. पांचवें नंबर पर रैना ने 91 मैचों में 35.32 की औसत के साथ 2402 रन बनाए हैं जबकि नंबर 6 पर खेले उन्होंने 68 मैचों में 35.54 की औसत के साथ1706 रन जोड़े हैं. अगले साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में ज्यादा वक्त नहीं बचा है और मैच कौन फ़िनिश करेगा इसका जवाब टीम इंडिया के लिए बहुत ज़रूरी है.
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