आखिर महेंद्र सिंह धोनी को सुर बदलने के लिए किसने किया मजबूर...?

नई दिल्ली : करीब तीन साल पहले की बात है, जब इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के उस बदलाव की काफी चर्चा थी, जिसमें तेज गेंदबाज़ों को एक ओवर में एक के स्थान पर दो बाउंसर फेंके जाने की इजाजत मिलने वाली थी। उस वक्त एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से किसी ने इस मुद्दे पर राय मांगी, तो हमारे कप्तान का जवाब था, "एक बाउंसर तो इनसे ठीक से डाली नहीं जाती, दो बाउंसर मैं घर लेकर जाऊंगा क्या...?"

लेकिन अब वक्त बदल गया महसूस हो रहा है... वही महेंद्र सिंह धोनी, आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ जीत हासिल करने के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बदले हुए सुर में अपने तेज गेंदबाज़ों की तारीफ करते नहीं थक रहे थे।

वाकई, इस वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया के तेज गेंदबाज़ों - मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहित शर्मा - का प्रदर्शन कुछ ऐसा रहा है, जिसने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को अपने सुर बदलने पर मजबूर कर दिया। इन तीनों गेंदबाज़ों ने अब तक भारत के लिए सात मैचों में मिले 70 में से 43 विकेट चटकाए हैं, लेकिन इन 43 विकेटों में भी सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि इनमें से 25 विकेट शॉर्ट पिच गेंदों पर झटके गए।

एक ओवर में दो बाउंसर फेंकने की सुविधा का इस वर्ल्ड कप में जितना फायदा भारतीय तेज गेंदबाज़ों ने उठाया है, उतना किसी और टीम के तेज गेंदबाज़ नहीं उठा पाए हैं, भले ही वे दक्षिण अफ्रीका के हों या ऑस्ट्रेलिया के।

इन तीनों गेंदबाजों में भी मोहित शर्मा ने अपनी शॉर्ट पिच गेंदों का इस्तेमाल बेहतरीन ढंग से किया है। उनकी तेज गेंदबाज़ी की तारीफ करते हुए तो पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज़ आकिब जावेद ने भी हाल ही में पर्थ में कहा कि मोहित सबसे प्रभावी बाउंसर फेंक रहे हैं।

इतना ही नहीं, भारत के इन तीनों तेज गेंदबाज़ों की अब तक की औसत स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास रही है। इस तेजी के साथ भारत के लिए एक साथ तीन गेंदबाज़ कभी नहीं खेले थे। इस सच्चाई ने वेस्ट इंडीज़ के पूर्व क्रिकेटर ब्रायन लारा को भी चौंका दिया, और उन्होंने कहा, "हमारे जमाने में तो भारत में केवल श्रीनाथ ही इकलौते तेज गेंदबाज़ थे, लेकिन मौजूदा टीम में एक साथ तीन-तीन गेंदबाज़ इस रफ्तार से गेंदबाज़ी कर रहे हैं..."

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सो जाहिर है, भारतीय तेज गेंदबाज़ों की इस तिकड़ी - मोहम्मद शमी, उमेश यादव और मोहित शर्मा - ने महेंद्र सिंह धोनी ही नहीं, कई दिग्गज क्रिकटरों को सुर बदलने पर मजबूर कर दिया है।