गौतम गंभीर ने पिछले महीने श्रीलंका दौरे के साथ भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया है. हालांकि, उनकी शुरुआत मिली जुली रही है. जहां टीम इंडिया ने टी20 सीरीज अपने नाम की. वहीं रोहित शर्मा, विराट कोहली और अन्य जैसे बड़े सितारों की मौजूदगी के बावजूद भारतीय टीम को वनडे सीरीज में हार का सामना करना पड़ा. राहुल द्रविड़ का कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था और उसके बाद 9 जुलाई, 2024 को गौतम गंभीर को भारतीय टीम का कोच बनाया गया था.
गौतम गंभीर की हेड कोच के तौर पर नियुक्ति से पहले इस तरह की रिपोर्ट्स थीं कि भारतीय टीम को हर फॉर्मेट के लिए अलग कोच मिल सकता है. लेकिन जब गंभीर की नियुक्ति हुई तो साफ हुआ कि बीसीसीआई ने आजमाए और परखे हुए तरीके को अपनाने का फैसला किया. वहीं अब एक बातचीत के दौरान, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने गंभीर को सभी प्रारूपों का कोच नियुक्त करने के फैसले पर खुल कर बात की है.
जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा,"यह हमारे द्वारा चुने गए कोच पर निर्भर करता है. गौतम गंभीर की रुचि तीनों प्रारूपों में थी, तो मैं कौन होता हूं उन्हें यह बताने वाला कि मैं आपको केवल इस प्रारूप के लिए चुनने जा रहा हूं. अगर आप टेस्ट, टी20 और वनडे टीमों की संरचना पर नजर डालें तो 70 फीसदी टीम एक जैसी ही है. शुभमन गिल, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, जड़ेजा... टी20 विश्व कप से पहले, हमारे पास रोहित और विराट थे. खिलाड़ी अलग-अलग कोचों के साथ कैसे जुड़ेंगे?."
जय शाह ने इस दौरान मुख्य कोच की भूमिका के लिए ठोस बैकअप की मौजूदगी पर भी बात की. जय शाह ने कहा,"भारत बिना रुके क्रिकेट खेलता है. हमारे पास कोचों की अच्छी बेंच स्ट्रेंथ है. जब राहुल भाई कोच थे और वह आराम करना चाहते थे तो वीवीएस लक्ष्मण कोच बनकर जाते थे. भारत ही एक ऐसी टीम है जो हर जगह यात्रा करती है. उससे हमें यह फायदा मिलता है कि दूसरे बोर्डों से हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं और भारत की वजह से दूसरे देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरती है. यही कारण है कि हमें (आईसीसी से राजस्व में) 40% हिस्सा मिलता है, लेकिन बदले में, अन्य देश भी कमाते हैं."
मुख्य कोच के रूप में गंभीर के पहले टेस्ट कार्यभार में भारत अगले महीने बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की सीरीज में उतरेगा. कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह सहित कई प्रमुख खिलाड़ी दलीप ट्रॉफी में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. इसके अलावा भारत को साल के अंत में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलनी है. ऐसे में चयनकर्ताओं की टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों पर नजर होगी.
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