
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) भारत में क्रिकेट मैचों के आयोजन और प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार हैं. बीसीसीआई आईपीएल का भी प्रबंधन करती है, जो दुनिया के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट टूर्नामेंटों में से एक है. भारत में लोग क्रिकेट को किसी धर्म की तरह मानते हैं. टीम इंडिया के फैंस की संख्या करोड़ों में हैं और बीसीसीआई को इस लोकप्रियता का फायदा भी मिलता है और उसकी कमाई बड़ा जरिया यह लोकप्रियता ही है. दरअसल, बीसीसीआई भारतीय टीम और आईपीएल मैचों के मीडिया राइट्स से करोड़ो कमाती है. इसके अलावा, बीसीसीआई स्पॉन्सरशिप, मर्चेंडाइज़ और टिकटों की बिक्री से पैसा कमाती है. बीसीसीआई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की सदस्य है और उसे आईसीसी से रेवेन्यू शेयर भी मिलता है. ऐसे में भारतीय बोर्ड के पास सालाना 8 हजार करोड़ से अधिक आते हैं और आने वाले समय में इसके बढ़ने की संभावना है. साल 2021-22 में बीसीआई की कमाई ₹7,606 करोड़ की थी. वहीं कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2023 में बीसीसीआई की कमाई 16,875 करोड़ रूपये थी. वहीं अब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बताया है कि आखिर बीसीसीआई अपना पैसा कहां खर्च कहां करती है.
बीसीसीआई कहां खर्च करती है पैसा
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बताया है कि बीसीसीआई कहां और कितना पैसा खर्च करती है. जय शाह ने बताया,"राज्य संघों को उनके बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार के लिए एक बड़ा हिस्सा दिया जाता है. बीसीसीआई के लिए राजस्व का प्रमुख स्रोत मीडिया अधिकार और बीसीसीआई और आईपीएल का प्रायोजन है. आईपीएल के मामले में, अतिरिक्त कमाई का जरिया आईपीएल टीमों से फ्रेंचाइजी शुल्क है. बीसीसीआई जो राजस्व अर्जित करता है, उसमें से 70% राज्य संघों को जमीनी स्तर के कार्यक्रमों, बुनियादी ढांचे के विकास, देश भर में प्रतिभाओं को तलाशने के लिए आयु समूहों, जूनियर और सीनियर स्तरों पर विभिन्न टूर्नामेंट आयोजित करने के लिए दिया जाता है."
जय शाह ने आगे बताया,"राजस्व का 26% पुरुष अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों, महिला अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और घरेलू खिलाड़ियों को रिटेनरशिप और मैच फीस के माध्यम से खिलाड़ियों को भुगतान के लिए उपयोग किया जाता है. आईपीएल के मामले में, राजस्व को बीसीसीआई और 10 फ्रेंचाइजी के बीच 50:50 में विभाजित किया जाता है, जबकि बीसीसीआई द्वारा प्राप्त फ्रेंचाइजी शुल्क का 70% भी संघों को दिया जाता है."
बता दें, बीसीसीआई आईपीएल फ्रेंचाइजी की नीलामी से भी पैसा कमाती है. साल 2008 में जब टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी तब बीसीसीआई ने आठ फ्रेंचाइजी को बेचकर करीब 3 हजार करोड़ कमाए थे. वहीं साल 2021 में आईपीएल में दो नई टीमें आई थी और बीसीसीआई को करोड़ो की कमाई हुई थी. सीवीसी कैपिटल्स ने 5625 करोड़ में गुजरात टाइटंस फ्रेंचाइजी खरीदी थी, जबकि आरपीएसजी ग्रुप ने 7090 करोड़ में लखनऊ फ्रेंचाइजी खरीदी थी.
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