चिटगांव टेस्ट के पहले सहवाग ने बांग्लादेश को बेहद साधारण टीम करार दिया था (फाइल फोटो)
बांग्लादेश के खिलाफ 9 फरवरी से हैदराबाद में होने वाले एकमात्र टेस्ट में टीम इंडिया का पलड़ा काफी भारी माना जा रहा है. टेस्ट की नंबर वन टीम भारत ने न्यूजीलैंड और इंलैंड के खिलाफ टेस्ट में प्रभावशाली जीत दर्ज की है. सबसे बड़ी बात यह है कि टीम यूनिट के रूप में इस समय बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है और हर खिलाड़ी जीत में योगदान दे रहा है. इस लिहाज से भारत के मैदान पर होने वाले इस टेस्ट में हार से बचना बांग्लादेश के लिए चुनौती से कम नहीं होगा. उसे विराट ब्रिगेड को काबू में रखने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा. वैसे भी बांग्लादेश के कप्तान मुशफिकुर रहीम उनकी टीम को कमजोर समझने के खिलाफ भारतीय टीम को चेतावनी जारी कर चुके हैं. उन्होंने कहा, 'हैदराबाद में होने वाले टेस्ट में हम दिखा देंगे कि हमारी टीम क्या कर सकती है.' रहीम ने कहा कि हम विश्व क्रिकेट को बताना चाहते हैं कि हम भारत में क्या करने में सक्षम हैं. मैं इस बारे में नहीं सोचता कि हम कितने साल बाद भारत में खेलने जा रहे हैं. हम ऐसा प्रदर्शन करना चाहते हैं कि भारत हमें फिर बुलाए.'
रहीम का यह बयान बताता है कि बांग्लादेशी खिलाड़ी भारत के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के लिए किस कदर संकल्पित हैं. ऐसे में बांग्लादेश को हल्के में आंकने की गलती टीम इंडिया शायद नहीं करेगी. चेतेश्वर पुजारा सहित टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ी भी कह चुके हैं कि बांग्लादेश के हाल के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है और अब उसे आसानी से नहीं लिया जा सकता. टीम इंडिया के वरिष्ठ सदस्यों को वर्ष 2010 में चिटगांव में दोनों देशों के बीच टेस्ट के पहले का वीरेंद्र सहवाग का वह बयान याद होगा जब वीरू ने बांग्लादेश को बेहद साधारण टीम करार दिया था. सहवाग ने कहा था कि बांग्लादेश की टीम में विपक्षी टीम को दो बार आउट करने की क्षमता नहीं है. अब इसे वीरू के बयान पर बांग्लादेश टीम की प्रतिक्रिया कहें या टीम के प्रदर्शन में आया लगातार सुधार, बांग्लादेश ने इस मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए मैच के पहले दिन टीम इंडिया को बैकफुट पर ला दिया था. चिटगांव टेस्ट में सहवाग टीम इंडिया के कप्तान थे.
मैच के पहले दिन की समाप्ति पर टीम इंडिया पहली पारी में 213 रन पर आठ विकेट गंवा चुकी थी और स्थापित बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर ही विकेट पर बचे थे. इस समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश टीम उसे साधारण बताने के सहवाग के बयान को गलत साबित करने को आमादा है. पहले दिन के खेल के बाद टीम इंडिया के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने भी माना था कि भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य नहीं रखा. उन्हें शॉट्स खेलने में सावधानी बरतनी चाहिए थी लेकिन वे लापरवाही से खेले.'' बहरहाल, पहले दिन के इस झटके के बाद टीम इंडिया ने अगले तीन दिन अपने प्रदर्शन को सुधारा था और टेस्ट को 113 रन से जीतने में कामयाब रही थी. आइए डालते हैं इस मैच पर एक नजर..
पहला दिन: भारत के आठ विकेट गिरे
चिटगांव में 17 जनवरी 2010 को शुरू हुए इस मैच में बांग्लादेश के आमंत्रण पर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया ने 200 रन के अंदर ही सात विकेट गंवा दिए थे, इसमें गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, दिनेश कार्तिक और अमित मिश्रा के विकेट शामिल थे. पहले दिन के खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया का स्कोर 8 विकेट पर 213 रन था. सचिन तेंदुलकर 76 और ईशांत शर्मा 1 रन बनाकर नाबाद थे.
दूसरा दिन: भारतीय पारी 243 पर सिमटी थी
मैच के दूसरे दिन तेंदुलकर (नाबाद 105)ने शतक बनाया था. इसके बावजूद टीम इंडिया 243 रन बनाकर आउट हो गई थी. दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर बांग्लादेश का पहली पारी का स्कोर 3 विकेट पर 59 रन था और मो. अशरफुल और रकीबुल हक क्रीज पर थे.
तीसरा दिन: बांग्लादेश 242 रन बनाकर हुआ था आउट
बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन की भरपाई गेंदबाजों ने की थी और बांग्लादेश को 242 रनों पर समेट दिया था. जहीर खान और अमित मिश्रा ने तीन-तीन विकेट लिए थे. दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश पर दबाव बढ़ा दिया था. तीसरे दिन की खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया का स्कोर एक विकेट पर 122 रन था. गौतम गंभीर 47 और नाइट वॉचमैन अमित मिश्रा 24 रन बनाकर डटे हुए थे.
चौथा दिन: भारत ने दूसरी पारी में बनाए थे 413 रन
मैच के चौथे दिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में 413 रन बनाए, इसमें गौतम गंभीर के 116 रन, अमित मिश्रा के 50 और वीवीएस लक्ष्मण के नाबाद 69 रन शामिल थे. बांग्लादेश के जीत के लिए 415 रन का लक्ष्य मिला. चौथे दिन की समाप्ति पर बांग्लादेश का दूसरी पारी का स्कोर 2 विकेट पर 67 रन था. तमीम इकबाल 23 व अशरफुल 16 रन बनाकर नाबाद थे.
पांचवां दिन: 301 रन बनाकर आउट हो गया था बांग्लादेश
मैच के अंतिम दिन बांग्लादेश की टीम दूसरी पारी में 301 रन बनाकर आउट हो गई. टीम की ओर से मुशफिकुर रहीम ने सर्वाधिक 101 और तमीम इकबाल ने 52 रन बनाए थे. भारत के लिए अमित मिश्रा ने सर्वाधिक चार और ईशांत शर्मा ने तीन विकेट लिए थे. मैच भले ही टीम इंडिया ने 113 रन से जीता था लेकिन बांग्लादेश टीम ने दिखा दिया था कि वह क्रिकेट में अब कमजोर नहीं है...
रहीम का यह बयान बताता है कि बांग्लादेशी खिलाड़ी भारत के खिलाफ अच्छे प्रदर्शन के लिए किस कदर संकल्पित हैं. ऐसे में बांग्लादेश को हल्के में आंकने की गलती टीम इंडिया शायद नहीं करेगी. चेतेश्वर पुजारा सहित टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ी भी कह चुके हैं कि बांग्लादेश के हाल के प्रदर्शन में काफी सुधार आया है और अब उसे आसानी से नहीं लिया जा सकता. टीम इंडिया के वरिष्ठ सदस्यों को वर्ष 2010 में चिटगांव में दोनों देशों के बीच टेस्ट के पहले का वीरेंद्र सहवाग का वह बयान याद होगा जब वीरू ने बांग्लादेश को बेहद साधारण टीम करार दिया था. सहवाग ने कहा था कि बांग्लादेश की टीम में विपक्षी टीम को दो बार आउट करने की क्षमता नहीं है. अब इसे वीरू के बयान पर बांग्लादेश टीम की प्रतिक्रिया कहें या टीम के प्रदर्शन में आया लगातार सुधार, बांग्लादेश ने इस मैच में अच्छा प्रदर्शन करते हुए मैच के पहले दिन टीम इंडिया को बैकफुट पर ला दिया था. चिटगांव टेस्ट में सहवाग टीम इंडिया के कप्तान थे.
मैच के पहले दिन की समाप्ति पर टीम इंडिया पहली पारी में 213 रन पर आठ विकेट गंवा चुकी थी और स्थापित बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर ही विकेट पर बचे थे. इस समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश टीम उसे साधारण बताने के सहवाग के बयान को गलत साबित करने को आमादा है. पहले दिन के खेल के बाद टीम इंडिया के कप्तान सचिन तेंदुलकर ने भी माना था कि भारतीय बल्लेबाजों ने धैर्य नहीं रखा. उन्हें शॉट्स खेलने में सावधानी बरतनी चाहिए थी लेकिन वे लापरवाही से खेले.'' बहरहाल, पहले दिन के इस झटके के बाद टीम इंडिया ने अगले तीन दिन अपने प्रदर्शन को सुधारा था और टेस्ट को 113 रन से जीतने में कामयाब रही थी. आइए डालते हैं इस मैच पर एक नजर..
पहला दिन: भारत के आठ विकेट गिरे
चिटगांव में 17 जनवरी 2010 को शुरू हुए इस मैच में बांग्लादेश के आमंत्रण पर पहले बैटिंग करते हुए टीम इंडिया ने 200 रन के अंदर ही सात विकेट गंवा दिए थे, इसमें गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, दिनेश कार्तिक और अमित मिश्रा के विकेट शामिल थे. पहले दिन के खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया का स्कोर 8 विकेट पर 213 रन था. सचिन तेंदुलकर 76 और ईशांत शर्मा 1 रन बनाकर नाबाद थे.
दूसरा दिन: भारतीय पारी 243 पर सिमटी थी
मैच के दूसरे दिन तेंदुलकर (नाबाद 105)ने शतक बनाया था. इसके बावजूद टीम इंडिया 243 रन बनाकर आउट हो गई थी. दूसरे दिन के खेल की समाप्ति पर बांग्लादेश का पहली पारी का स्कोर 3 विकेट पर 59 रन था और मो. अशरफुल और रकीबुल हक क्रीज पर थे.
तीसरा दिन: बांग्लादेश 242 रन बनाकर हुआ था आउट
बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन की भरपाई गेंदबाजों ने की थी और बांग्लादेश को 242 रनों पर समेट दिया था. जहीर खान और अमित मिश्रा ने तीन-तीन विकेट लिए थे. दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश पर दबाव बढ़ा दिया था. तीसरे दिन की खेल की समाप्ति पर टीम इंडिया का स्कोर एक विकेट पर 122 रन था. गौतम गंभीर 47 और नाइट वॉचमैन अमित मिश्रा 24 रन बनाकर डटे हुए थे.
चौथा दिन: भारत ने दूसरी पारी में बनाए थे 413 रन
मैच के चौथे दिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए दूसरी पारी में 413 रन बनाए, इसमें गौतम गंभीर के 116 रन, अमित मिश्रा के 50 और वीवीएस लक्ष्मण के नाबाद 69 रन शामिल थे. बांग्लादेश के जीत के लिए 415 रन का लक्ष्य मिला. चौथे दिन की समाप्ति पर बांग्लादेश का दूसरी पारी का स्कोर 2 विकेट पर 67 रन था. तमीम इकबाल 23 व अशरफुल 16 रन बनाकर नाबाद थे.
पांचवां दिन: 301 रन बनाकर आउट हो गया था बांग्लादेश
मैच के अंतिम दिन बांग्लादेश की टीम दूसरी पारी में 301 रन बनाकर आउट हो गई. टीम की ओर से मुशफिकुर रहीम ने सर्वाधिक 101 और तमीम इकबाल ने 52 रन बनाए थे. भारत के लिए अमित मिश्रा ने सर्वाधिक चार और ईशांत शर्मा ने तीन विकेट लिए थे. मैच भले ही टीम इंडिया ने 113 रन से जीता था लेकिन बांग्लादेश टीम ने दिखा दिया था कि वह क्रिकेट में अब कमजोर नहीं है...
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