आशीष नेहरा ने 2004 में टीम इंडिया को दिलाई थी शानदार जीत
नई दिल्ली:
आशीष नेहरा ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया. 18 साल तक क्रिकेट खेलने के बाद उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टी-20 खेलकर क्रिकेट को अलविदा कह दिया. टीम इंडिया ने भी उनको शानदार विदाई दी. सोशल मीडिया पर भी उनके कई साथी खिलाड़ियों ने उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. सभी ने अलग-अलग तरह से नेहरा को क्रिकेट से अलविदा कहा. लेकिन टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर हेमंग बदानी ने सबसे दिलचस्प किस्सा सुनाते हुए आशीष नेहरा को बधाई दी. उन्होंने 2004 का एक किस्सा सुनाया जब सौरव गांगुली को आशीष नेहरा ने कहा था- 'दादा डरो मत, मैं हूं ना...' इतना कहने के बाद एक कारनामा हुआ था. आइए जानते हैं हुआ क्या था...
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जब गांगुली से बोले नेहरा- दादा मैं हूं ना...
2004 में भारत पाकिस्तान में वनडे सीरीज खेलने गया था. उस वक्त आशीष नेहरा चोटों से गुजर रहे थे. लेकिन उनकी चोर का असर फॉर्म पर नहीं पड़ा. पूरी सीरीज में उनकी शानदार परफॉर्मेंस रही. कराची वनडे में जब टीम इंडिया ने 300 प्लस का टार्गेट पाकिस्तान को दिया तो लग रहा था टीम इंडिया आराम से मैच जीत जाएगा.
पढ़ें- इंटरनेशनल क्रिकेट से विदा लेने वाले तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने क्रिकेटप्रेमियों से की यह भावुक अपील...
लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज मोइन खान की शानदार बल्लेबाजी के चलते मैच रोमांचक मोड़ की तरफ बढ़ गया. उस वक्त सभी को लग रहा था कि मैच टीम इंडिया के हाथ से निकल गया. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 10 रनों की दरकार थी.
सौरव गांगुली को समझ नहीं आ रहा था कि वो किसे बॉल थमाए. क्योंकि सभी बॉलर बुरी तरह पिट चुके थे. उसी वक्त बाउंड्री से आशीष नेहरा गांगुली के पास आए. गांगुली उस वक्त बहुत टेंशन में थे. नेहरा ने उनकी टेंशन शांत करते हुए बोला कि 'दादा मैं डालता हूं... आप डरो मत... मैं मैच विन करके दूंगा.' जिसके बाद नेहरा ने आखिरी ओवर डाला और न सिर्फ उन्होंने मोइन खान को आउट किया बल्कि सिर्फ 3 रन देकर टीम इंडिया को मैच जिताया.
पढ़ें- आशीष नेहरा: 18 साल के कैरियर में 12 सर्जरी लेकिन फिर भी हार नहीं मानी
हेमंग बदानी ने उनका एक और किस्सा सुनाया. आशीष नेहरा अपने करियर में चोटों की वजह से परेशान रहते थे. 2001 में जब टीम इंडिया जिम्बाब्वे में सीरीज खेलने गए थे तो उनकी पैरों में खिचाव आ गया था. वो नेट प्रक्टिस करने के बाद होटल में अपने कमरे में पानी से भरी बाल्टी में पैर डालकर बैठ जाते थे और फिर प्रेक्टिस के लिए निकल जाते थे. उन्होंने पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाजी की थी और टीम को सीरीज जितवाई थी.
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जब गांगुली से बोले नेहरा- दादा मैं हूं ना...
2004 में भारत पाकिस्तान में वनडे सीरीज खेलने गया था. उस वक्त आशीष नेहरा चोटों से गुजर रहे थे. लेकिन उनकी चोर का असर फॉर्म पर नहीं पड़ा. पूरी सीरीज में उनकी शानदार परफॉर्मेंस रही. कराची वनडे में जब टीम इंडिया ने 300 प्लस का टार्गेट पाकिस्तान को दिया तो लग रहा था टीम इंडिया आराम से मैच जीत जाएगा.
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लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज मोइन खान की शानदार बल्लेबाजी के चलते मैच रोमांचक मोड़ की तरफ बढ़ गया. उस वक्त सभी को लग रहा था कि मैच टीम इंडिया के हाथ से निकल गया. आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 10 रनों की दरकार थी.
सौरव गांगुली को समझ नहीं आ रहा था कि वो किसे बॉल थमाए. क्योंकि सभी बॉलर बुरी तरह पिट चुके थे. उसी वक्त बाउंड्री से आशीष नेहरा गांगुली के पास आए. गांगुली उस वक्त बहुत टेंशन में थे. नेहरा ने उनकी टेंशन शांत करते हुए बोला कि 'दादा मैं डालता हूं... आप डरो मत... मैं मैच विन करके दूंगा.' जिसके बाद नेहरा ने आखिरी ओवर डाला और न सिर्फ उन्होंने मोइन खान को आउट किया बल्कि सिर्फ 3 रन देकर टीम इंडिया को मैच जिताया.
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हेमंग बदानी ने उनका एक और किस्सा सुनाया. आशीष नेहरा अपने करियर में चोटों की वजह से परेशान रहते थे. 2001 में जब टीम इंडिया जिम्बाब्वे में सीरीज खेलने गए थे तो उनकी पैरों में खिचाव आ गया था. वो नेट प्रक्टिस करने के बाद होटल में अपने कमरे में पानी से भरी बाल्टी में पैर डालकर बैठ जाते थे और फिर प्रेक्टिस के लिए निकल जाते थे. उन्होंने पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाजी की थी और टीम को सीरीज जितवाई थी.
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