भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट 21 रन पर उखाड़ दिए थे, लेकिन इसके बाद जार्ज बेली और स्टीव स्मिथ ने तीसरे विकेट के लिए 242 रन जोड़कर मेजबान टीम को जीत के मुहाने पर पहुंचा दिया।
रोहित ने शुक्रवार को होने वाले दूसरे वनडे से पहले कहा, 'पहले मैच में काफी सकारात्मक बातें थी, मसलन हमने पर्थ में 300 रन बनाए। हारना सकारात्मक नहीं है, लेकिन हम जो कर सकते थे, हमने किया। ऑस्ट्रेलिया ने बेहतरीन बल्लेबाजी की।'
उन्होंने कहा, 'हमारा मनोबल ऊंचा है क्योंकि हमने अच्छी क्रिकेट खेली। हमें हालांकि बीच के ओवरों में विकेट लेना और दबाव बनाना सीखना होगा।' उन्होंने कहा, 'अगर बीच के ओवरों में विकेट गिरते हैं तो विरोधी टीम के मनोबल पर इसका असर पड़ता है। हमें यही करना होगा, क्योंकि हमने उम्दा बल्लेबाजी की। हमने नई गेंद से अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन बीच के ओवरों में रुक गए, क्योंकि विकेट नहीं मिल सके। हमें यही सीखना होगा।'
ब्रिसबेन में भी हालात इसी तरह के होंगे, हालांकि पिच में उछाल ज्यादा रहेगा। रोहित ने चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने की पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि ईशांत शर्मा चयन के लिए उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा, 'चार गेंदबाजों को उतारने पर बात चल रही है, लेकिन हमें देखना होगा कि धोनी क्या सोचते हैं। ब्रिसबेन में हालात पर्थ के समान ही हैं। यहां उछाल अधिक होगा, जिससे तेज गेंदबाजों को कुछ और मदद मिलेगी।'
पर्थ में अपनी पारी के बारे में रोहित ने कहा, 'नियमों में बदलाव के कारण आखिरी दस ओवरों में सर्कल के बाहर पांच फील्डर रहते हैं लिहाजा क्रीज पर जम चुके बल्लेबाज के लिए लंबी पारी खेलना जरूरी था।' उन्होंने कहा, 'जमे हुए बल्लेबाज के लिए आखिरी दस ओवरों में बड़े शाट खेलना आसान होता है। मैंने सोचा कि मुझे यह भूमिका निभानी होगी। आप खुद को चुनौती देते हैं और शतक जमाने के बाद मैंने खुद को दूसरी पारी की चुनौती दी जो शून्य से शुरू हुई। मैंने दूसरा शतक जमाने का लक्ष्य रखा।'
विराट कोहली के साथ 200 रन से ज्यादा की उनकी साझेदारी की स्ट्राइक रेट को लेकर आलोचना हुई, लेकिन रोहित ने कहा कि वनडे क्रिकेट में अब कोई भी स्कोर सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा, 'जब आप पहले बल्लेबाजी करते हैं तो आपको पता नहीं होता कि कौन सा स्कोर सुरक्षित है। आप 340 रन भी बना लेते हैं और फिर आपको लगता है कि यह सुरक्षित स्कोर नहीं है। हम जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब लंबे समय तक टिके रहना लक्ष्य था। उस समय हम स्ट्राइक रेट के बारे में नहीं सोचते, क्योंकि हमें पता होता है कि आखिरी दस ओवरों में इसकी भरपाई हो सकती है।'