हैदराबाद:
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी शेन वॉटसन का कहना है कि चेन्नई टेस्ट के दौरान वह गेंदबाजी करना चाहते थे, लेकिन फिटनेस को लेकर उनकी यह इच्छा मन में ही रह गई।
वॉटसन ने चार मैचों की इस सीरीज के दौरान गेंदबाजी करने की अपनी सम्भावनाओं के बारे में बातचीत के दौरान कहा कि अपनी फिटनेस और फोर्म को लेकर उन्हें अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार ही चलना होगा।
बीते कुछ वर्षों में टेस्ट मैचों में वॉटसन काफी बार साझेदारी तोड़ने में सफल रहे हैं, लेकिन निराशा की बात यह है कि वह थोड़े-थोड़े दिनों में चोटिल होते रहे। उन्हें आखिरी चोट बाएं पैर की पिंडली में लगी थी, जिसकी वजह से उन्हें जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच और एक-दिवसीय सीरीज में मैदान से बाहर बैठना पड़ा था।
इसी बात ने उन्हें भारत दौरे पर गेंदबाजी से दूर रहने और बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। जिस वक्त भारतीय बल्लेबाज साझेदारी कर रहे थे, तो वॉटसन के मन में बार-बार गेंदबाजी करने का विचार कुलबुला रहा था।
वॉटसन ने कहा कि इस अनुभव ने इस बात की पुष्टि कर दी कि गेंदबाजी को त्यागना स्थायी कदम नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, "वह ऐसा समय था, जिसने इस बात की पुष्टि कर दी कि मैं गेंदबाजी करना चाहता हूं। अगर उस वक्त मैंने इस दौरे पर गेंदबाजी नहीं करने का फैसला नहीं लिया होता, तो मैच के दौरान महत्वपूर्ण समय पर मैं अपनी टीम के लिए कुछ कर सकता था। पिछले महीने से जब से मैंने वापसी की है, तब से यह पहला मौका था, जब मुझे गेंदबाजी करने की इच्छा हो रही थी।"
वॉटसन के 39 टेस्ट मैचों में 62 और 157 एकदिवसीय मैचों में 155 विकेट हासिल किए हैं।
वॉटसन ने चार मैचों की इस सीरीज के दौरान गेंदबाजी करने की अपनी सम्भावनाओं के बारे में बातचीत के दौरान कहा कि अपनी फिटनेस और फोर्म को लेकर उन्हें अपनी पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार ही चलना होगा।
बीते कुछ वर्षों में टेस्ट मैचों में वॉटसन काफी बार साझेदारी तोड़ने में सफल रहे हैं, लेकिन निराशा की बात यह है कि वह थोड़े-थोड़े दिनों में चोटिल होते रहे। उन्हें आखिरी चोट बाएं पैर की पिंडली में लगी थी, जिसकी वजह से उन्हें जनवरी में श्रीलंका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच और एक-दिवसीय सीरीज में मैदान से बाहर बैठना पड़ा था।
इसी बात ने उन्हें भारत दौरे पर गेंदबाजी से दूर रहने और बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया। जिस वक्त भारतीय बल्लेबाज साझेदारी कर रहे थे, तो वॉटसन के मन में बार-बार गेंदबाजी करने का विचार कुलबुला रहा था।
वॉटसन ने कहा कि इस अनुभव ने इस बात की पुष्टि कर दी कि गेंदबाजी को त्यागना स्थायी कदम नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा, "वह ऐसा समय था, जिसने इस बात की पुष्टि कर दी कि मैं गेंदबाजी करना चाहता हूं। अगर उस वक्त मैंने इस दौरे पर गेंदबाजी नहीं करने का फैसला नहीं लिया होता, तो मैच के दौरान महत्वपूर्ण समय पर मैं अपनी टीम के लिए कुछ कर सकता था। पिछले महीने से जब से मैंने वापसी की है, तब से यह पहला मौका था, जब मुझे गेंदबाजी करने की इच्छा हो रही थी।"
वॉटसन के 39 टेस्ट मैचों में 62 और 157 एकदिवसीय मैचों में 155 विकेट हासिल किए हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
भारत, ऑस्ट्रेलिया, भारत ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट सीरीज 2013, शेन वॉसन, चेन्नई, Shane Watson, Chennai, India, Australia, India Australia Cricket Series 2013