कोलंबो की हलचल : पारी घोषित करने में नहीं दिखी विराट की आक्रामकता!

कोलंबो की हलचल : पारी घोषित करने में नहीं दिखी विराट की आक्रामकता!

आक्रामक अंदाज में विराट कोहली। (सौजन्य : AFP)

कोलंबो:

"आक्रामक कप्तान" विराट कोहली कम से कम पारी घोषित करने में अपनी "आक्रामकता" नहीं दिखा रहे। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तरह कोहली भी कोई जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं दिखते। पिछले टेस्ट में भी यही हुआ था और इस बार तो उन्होंने पारी घोषित ही नहीं की। बावजूद इसके 22 साल में जो न हो सका वह कर दिखाने के करीब पहुंच गई है टीम इंडिया। वैसे क्रिकेट को अनिश्चिताओं का खेल कहा जाता है। इस "फनी गेम" की खूबसूरती भी यही है। इसमें भविष्यवाणी नहीं की जा सकती और न ही आंकड़ों के पलड़े पर टीमों की ताकत को तौला जा सकता है।

श्रीलंका और भारत के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के हर मैच के हर दिन एक दिलचस्पी बनी रही है। कभी एक टीम का पलड़ा भारी, तो कभी दूसरी टीम हावी। गॉल में ज्यादा समय तक भारतीय टीम का दबदबा रहा लेकिन जीता श्रीलंका। कोलंबो के एसएससी यानी सिंहलीज स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड की पिच पर चौथे दिन भी घास थी। आमतौर पर ये मैदान बल्लेबाजी के लिए स्वर्ग माना जाता रहा है। लिहाजा इतिहास और आंकड़ों के आधार पर क्रिकेट में रणनीति नहीं बनाई जा सकती। इन सबके अलावा बाहरी कारक भी जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। मसलन कोलंबो टेस्ट में मौसम की भूमिका भी अहम है। कप्तान विराट कोहली इन तमाम चीजों के बीच जीत की राह तलाश मंजिल के करीब हैं।

ईशांत और धम्मिका की नोकझोंक
कोलंबो टेस्ट के तीसरे दिन ईशांत शर्मा की गेंद पर श्रीलंकाई तेज गेंदबाज धम्मिका प्रसाद को उंगली पर जबर्दस्त चोट लगी और उन्हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा। चोट की असहनीय पीड़ा उनके चेहरे पर साफ पढ़ी जा सकती थी। चौथे दिन बदला लेने की बारी प्रसाद की थी। ईशांत के आते ही उन्होंने बाउंसर की बरसात कर दी। हर गेंद के बाद ईशांत को घूरते दिखे। बाउंसर फेंकने के चक्कर में धम्मिका 2 नो बॉल भी कर गए। लेकिन शायद ठानकर आए थे कि ईशांत को मजा चखाना है। बात इतनी बढ़ गई कि अंपायरों को बीच में आना पड़ा। आर अश्विन का विकेट लेकर धम्मिका प्रसाद ने जश्न नहीं मनाया, बल्कि पैवेलियन की ओर भाग रहे ईशांत शर्मा के पीछे भाग चले। पैवेलियन में क्या हुआ ये तो पता नहीं, लेकिन दोनों के बीच नोकझोंक का दर्शकों ने खूब मजा लिया। अब आईसीसी इन पर कार्रवाई कर सकती है।
 


ईशांत की पहली पारी में कुसल परेरा से भी तकरार हुई थी। पिछले टेस्ट में लाहिरू थिरिमाने और दिनेश चांदीमल को आउट करने के बाद ईशांत ने जो किया उसकी कीमत उन्हें 65 फीसदी मैच के रूप में चुकानी पड़ी थी। अगर इस बार भी आरोप सही पाए गए तो उन्हें आगे पाबंदी का भी सामना करना पड़ सकता है।।
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

मुथैया मुरलीधरन का जलवा
मुथैया मुरलीधरन के बिना श्रीलंका क्रिकेट अधूरा है। उन्हें श्रीलंका का सबसे सफल क्रिकेटर्स मानने में कोई हर्ज नहीं।आज के दिन ही साल 1998 में मुरलीधरन ने टेस्ट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। आईसीसी ने ट्वीट कर मुरली की कामयाबी की याद ताजा कर दी।


ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में 7 विकेट ले चुके मुरली ने दूसरी पारी में 65 रन देकर 9 शिकार बनाए। इस तरह मैच में उन्होंने 16 विकेट लेकर तहलका मचा दिया था। जाहिर था श्रीलंका ने उस टेस्ट में इंग्लैंड पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी। मुरलीधरन ने अपने करियर के दौरान टेस्ट में सबसे ज्यादा 800 और वनडे में 534 विकेट लिए।