विनोद राय की फाइल फोटो
मुंबई:
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट प्रशासकीय समिति के चेयरमैन विनोद राय ने कहा है कि बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी को फिर से संस्थान में लौटने की अनुमति देना उनके लिए मुश्किल निर्णय नहीं था. साथ ही, उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की परीक्षा पर खरे उतरेंगे. कुछ दिन पहले ही मीटू अभियान के तहत एक महिला ने राहुल जौहरी पर सेक्सुअल हरमसेंट का आरोप लगाया था. हालांकि, तब राहुल बीसीसीआई से नहीं जुड़े थे. बावजूद इसके बीसीसीआई ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित कर दिया था. और अब बुधवार को पैनल ने राहुल जौहरी को क्लीन चिट दे दी, हालांकि डायना पूर्व कप्तान डायना एडुल्जी ने राहुल के खिलाफ अपनी राय दी. लेकिन कुल मिलाकर 2-1 से फैसला राहुल जौहरी के पक्ष में गया. वहीं, विनोद राय ने डायना एडुल्जी की राय पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.
राय ने कहा कि यह बिल्कुल भी कठिन स्थिति नहीं थी और यथा स्थिति बरकरार रहेगी, लेकिन अहम बात यह है कि पैनल के दो सदस्यों ने जौहरी को दोषमुक्त करार दिया है. तीसरे सदस्य ने कहा है कि जौहरी को काउंसलिंग प्रक्रिया से गुजरना चाहिए. इसका अर्थ है कि जौहरी को पद पर बरकरार रहना चाहिए और उनकी काउंसिल होने चाहिए. राय ने पूर्व महिला कप्तान डायना एडुल्जी की राय पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्होंने जौहरी को बीसीसीआई से बहाल किए जाने की वकालत की थी, तो फिर उन्होंने काउंसलिंग की सिफारिश कैसे की. राय ने कहा कि वह मामले की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगे.
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सीओए के चेयरमैन ने कहा कि 27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है और हम इसे कोर्ट के समक्ष रखेंगे. अगर किसी भी पहलू पर सुप्रीम कोर्ट मेरे फैसले की फिर से समीक्षा करना चाहता है, तो इसका बहुत स्वागत है. बता दें कि पैनल की रिपोर्ट बाहर आए कुछ हिस्से को छोड़कर बहुत ही गुप्त है. इसी बीच बुधवार से फिर से ऑफिस जाना शुरू करने वाले राहुल जौहरी ने कहा कि मैं बहुत ही राहत महसूस कर रहा हूं. मैं नजदीकी दस्तों और परिवार का आभारी हूं. मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि सत्य की जीत होगी. इस मामले में और ज्यादा न बोलते हुए जौहरी ने कहा कि बोर्ड में मेरी भूमिका प्रशासकीय है और इसी बात पर मुझे काम करना और इस पर ध्यान देना है.
VIDEO: जानिए कि धोनी के टी-20 से बाहर होने पर क्रिकेट विशेषज्ञों ने क्या कहा.
ध्यान दिला दें कि पूर्व में भी डायना एडुल्जी इस बात पर जोर दिया था कि जौहरी को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें हटा देना चाहिए. लेकिन पैनल के दो सदस्यों के द्वारा जौहरी को दोषमुक्त करार दिया गया है. बहरहाल, जौहरी के कट्टर आलोचक और बीसीसीआई की भ्रष्टचार ईकाई के पूर्व अध्यक्ष नीरज ने ट्विटर पर सीओए के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एक ऐसे शख्स को लैंगिक संवेदनशीलता और काउंसलिंग की जरूरत है, लेकिन बावजूद इसके वह सीईओ पद पर बना रह सकता है. शाबाश सीओए!
राय ने कहा कि यह बिल्कुल भी कठिन स्थिति नहीं थी और यथा स्थिति बरकरार रहेगी, लेकिन अहम बात यह है कि पैनल के दो सदस्यों ने जौहरी को दोषमुक्त करार दिया है. तीसरे सदस्य ने कहा है कि जौहरी को काउंसलिंग प्रक्रिया से गुजरना चाहिए. इसका अर्थ है कि जौहरी को पद पर बरकरार रहना चाहिए और उनकी काउंसिल होने चाहिए. राय ने पूर्व महिला कप्तान डायना एडुल्जी की राय पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्होंने जौहरी को बीसीसीआई से बहाल किए जाने की वकालत की थी, तो फिर उन्होंने काउंसलिंग की सिफारिश कैसे की. राय ने कहा कि वह मामले की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भेजेंगे.
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सीओए के चेयरमैन ने कहा कि 27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है और हम इसे कोर्ट के समक्ष रखेंगे. अगर किसी भी पहलू पर सुप्रीम कोर्ट मेरे फैसले की फिर से समीक्षा करना चाहता है, तो इसका बहुत स्वागत है. बता दें कि पैनल की रिपोर्ट बाहर आए कुछ हिस्से को छोड़कर बहुत ही गुप्त है. इसी बीच बुधवार से फिर से ऑफिस जाना शुरू करने वाले राहुल जौहरी ने कहा कि मैं बहुत ही राहत महसूस कर रहा हूं. मैं नजदीकी दस्तों और परिवार का आभारी हूं. मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि सत्य की जीत होगी. इस मामले में और ज्यादा न बोलते हुए जौहरी ने कहा कि बोर्ड में मेरी भूमिका प्रशासकीय है और इसी बात पर मुझे काम करना और इस पर ध्यान देना है.
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ध्यान दिला दें कि पूर्व में भी डायना एडुल्जी इस बात पर जोर दिया था कि जौहरी को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें हटा देना चाहिए. लेकिन पैनल के दो सदस्यों के द्वारा जौहरी को दोषमुक्त करार दिया गया है. बहरहाल, जौहरी के कट्टर आलोचक और बीसीसीआई की भ्रष्टचार ईकाई के पूर्व अध्यक्ष नीरज ने ट्विटर पर सीओए के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एक ऐसे शख्स को लैंगिक संवेदनशीलता और काउंसलिंग की जरूरत है, लेकिन बावजूद इसके वह सीईओ पद पर बना रह सकता है. शाबाश सीओए!
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