अमिताभ चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी को आईपीएल नीलामी में हिस्सा नहीं लेने दिया गया...
नई दिल्ली:
बीसीसीआई के वर्तमान संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी की पूर्व बोर्ड अध्यक्ष एन श्रीनिवासन द्वारा बुलाई गई बैठक में उपस्थिति प्रशासकों की समिति (सीओए) को नागवार गुजरी और अब वह इन दोनों पर निगरानी रख रहा है. अमिताभ और अनिरुद्ध दोनों ही श्रीनिवासन के वफादार माने जाते हैं लेकिन बैठक में उनकी उपस्थिति विनोद राय की अगुवाई वाली चार सदस्यीय समिति को अच्छी नहीं लगी. ऐसे समय में जबकि सीओए पूरी संस्था को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है तब उस बैठक में हिस्सा लेना अवज्ञा के रूप में देखा जा रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद बाहर किये गये पदाधिकारी उपस्थित थे.
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हालांकि उन्हें (अमिताभ और अनिरुद्ध) को आईपीएल नीलामी में हिस्सा नहीं लेने दिया गया लेकिन तकनीकी तौर पर वे अब भी सीओए द्वारा चलाये जा रहे बीसीसीआई के अधिकारी हैं. वे दोनों अब भी अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं जो कि चेक (सीओए से मंजूरी मिलने के बाद) पर हस्ताक्षर करते हैं. वे किसी भी तरह की बैठक में भाग लेने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन सीओए इसे किस तरह से लेता है यह अलग मामला है."
गौरतलब है कि जनवरी माह में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हटने को मजबूर या बोर्ड और राज्य संघों से हटाए गए पदाधिकारियों ने भारतीय क्रिकेट के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ बैठक करके अपने भविष्य पर चर्चा की थी. पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने शनिवार को बेंगलुरु में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए थे.
बीसीसीआई की 30 में से 24 इकाइयों में ऐसे प्रशासक हैं जो डिस्क्वालीफाई हो गए हैं या उन्हें अनिवार्य ब्रेक में जाना पड़ा है. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे.
इससे पहले श्रीनिवासन और ठाकुर के अलावा उच्चतम न्यायालय द्वारा बर्खास्त पूर्व सचिव अजय शिर्के, संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी बैठक में हिस्सा लिया. आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं. जिन छह संघों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया उसमें रेलवे, सेना और विश्वविद्यालय जैसे संस्थानिक संगठनों के अलावा राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब, विदर्भ सीए और डीडीसीए शामिल थे.
बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, "हालांकि उन्हें (अमिताभ और अनिरुद्ध) को आईपीएल नीलामी में हिस्सा नहीं लेने दिया गया लेकिन तकनीकी तौर पर वे अब भी सीओए द्वारा चलाये जा रहे बीसीसीआई के अधिकारी हैं. वे दोनों अब भी अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हैं जो कि चेक (सीओए से मंजूरी मिलने के बाद) पर हस्ताक्षर करते हैं. वे किसी भी तरह की बैठक में भाग लेने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन सीओए इसे किस तरह से लेता है यह अलग मामला है."
गौरतलब है कि जनवरी माह में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हटने को मजबूर या बोर्ड और राज्य संघों से हटाए गए पदाधिकारियों ने भारतीय क्रिकेट के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ बैठक करके अपने भविष्य पर चर्चा की थी. पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने शनिवार को बेंगलुरु में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए थे.
बीसीसीआई की 30 में से 24 इकाइयों में ऐसे प्रशासक हैं जो डिस्क्वालीफाई हो गए हैं या उन्हें अनिवार्य ब्रेक में जाना पड़ा है. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे.
इससे पहले श्रीनिवासन और ठाकुर के अलावा उच्चतम न्यायालय द्वारा बर्खास्त पूर्व सचिव अजय शिर्के, संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने भी बैठक में हिस्सा लिया. आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला भी महत्वपूर्ण सदस्य हैं. जिन छह संघों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया उसमें रेलवे, सेना और विश्वविद्यालय जैसे संस्थानिक संगठनों के अलावा राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब, विदर्भ सीए और डीडीसीए शामिल थे.
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