मीरपुर:
दो बार के विश्व चैंम्पियन भारत को लगातार दो मैचों में हराकर सीरीज अपने नाम कर चुकी मेजबान बांग्लादेश की टीम जब तीसरे मुकाबले में बुधवार को शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में उतरेगी तो उसकी कोशिश मजबूत पड़ोसी का सूपड़ा साफ करने की होगी। दूसरी ओर, भारत एक अदद जीत के लिए प्रयास करेगा।
बता दें कि 18 साल बाद भारत इतनी बड़ी हार झेलेगा अगर बांग्लादेश ने सीरीज क्लीन स्वीप कर लेगा। इससे पहले 1997 में श्रीलंका ने टीम इंडिया के खिलाफ क्लीन स्वीप किया था। श्रीलंका में तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से भारत को हराया था।
सीरीज से पहले क्रिकेट के कई जानकारों ने उम्मीद जताई थी कि भारत के लिए यह एक आसान दौरा होगा लेकिन सब कुछ इसके उल्टा हुआ। वर्षा से बाधित पहले टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद अगले दो वनडे मैचों में धोनी की सेना को हार का सामना करना पड़ा।
अब आलम यह है कि बांग्लादेश के प्रशंसकों का जोश सिर चढ़कर बोल रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बांग्लादेश की टीम ने 'बच्चे अब बच्चे नहीं रहे' के स्लोगन को सच कर दिखाया है।
पहले वनडे में 308 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत मिली थी और उसके सलामी बल्लेबाजों ने 95 रन जोड़ डाले। इसके बाद हालांकि बांग्लादेश के 19 वर्षीय तेज गेंदबाज और अपना पहला वनडे खेलने उतरे मुस्तफिजुर रहमान ने जो किया वह सबको स्तब्ध करने के लिए काफी था।
अपनी गति और स्विंग लेती गेंदों पर मुस्तफिजुर ने दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों को ऐसा उलझाया कि मेहमान टीम 46 ओवरों में 228 पर सिमट गई। इस मैच में उन्होंने पांच विकेट लिए। मुस्तफिजुर का कहर यहीं नहीं रुका। दूसरे वनडे में उन्होंने 43 रन देकर छह विकेट हासिल किए और भारतीय टीम को 200 रनों पर रोकने में अहम भूमिका निभाई।
इन दोनों मैचों में बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने भी निराश नहीं किया और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल, सौम्य सरकार और हरफनमौला खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने भारतीय गेंदबाजों को बौना साबित किया।
भारत के लिए इस दौरे में सबसे मुश्किल बात यह रही है कि उसके मध्यम क्रम के बल्लेबाज लगातार नाकाम साबित हुए। कोहली के बल्ले से दो मैचों में क्रमश: एक और 23 रन निकले। वहीं, अजिंक्य रहाणे और अंबाती रायडू ने भी खेले एक-एक मैचों में निराश ही किया।
दोनों टीमों के बीच हुए 31 मुकाबलों में बांग्लादेश केवल पांच मैच जीतने में सफल रहा है लेकिन पहली बार किसी सीरीज में वे भारतीय टीम पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।
पिछले मैच में मिली जीत से बांग्लादेश चैम्पियंस ट्राफी-2017 के लिए क्वालीफाई कर चुका है और अब उसकी कोशिश 3-0 से सीरीज जीतकर इतिहास रचने की होगी।
भारतीय टीम से प्रशंसकों को हालांकि यही उम्मीद होगी कि दो हार के बावजूद भारत विश्व क्रिकेट में स्थापित अपने रुतबे को यहां जरूर प्रदर्शित करेगा और साबित करेगा कि वह सीरीज भले ही हार गया हो लेकिन बांग्लादेश को उसकी बराबरी करने के लिए अब भी मीलों लंबा सफर तय करना है।
टीम (संभावित):
बांग्लादेश टीम : मशरफे मुर्तजा (कप्तान), तमीम इकबाल, सौम्य सरकार, मोमिनुल हक, मुशफिकुर रहीम, शाकिब अल हसन (उपकप्तान), सब्बीर रहमान, नासिर हुसैन, अराफात सनी, तस्किन अहमद, रुबेल हुसैन, रोनी तालुकदार, मुस्तफिजुर रहमान, लिटन दास।
भारत : रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मोहित शर्मा, धवल कुलकर्णी, स्टुअर्ट बिन्नी, अक्षर पटेल।
बता दें कि 18 साल बाद भारत इतनी बड़ी हार झेलेगा अगर बांग्लादेश ने सीरीज क्लीन स्वीप कर लेगा। इससे पहले 1997 में श्रीलंका ने टीम इंडिया के खिलाफ क्लीन स्वीप किया था। श्रीलंका में तीन मैचों की सीरीज में 3-0 से भारत को हराया था।
सीरीज से पहले क्रिकेट के कई जानकारों ने उम्मीद जताई थी कि भारत के लिए यह एक आसान दौरा होगा लेकिन सब कुछ इसके उल्टा हुआ। वर्षा से बाधित पहले टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बाद अगले दो वनडे मैचों में धोनी की सेना को हार का सामना करना पड़ा।
अब आलम यह है कि बांग्लादेश के प्रशंसकों का जोश सिर चढ़कर बोल रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि बांग्लादेश की टीम ने 'बच्चे अब बच्चे नहीं रहे' के स्लोगन को सच कर दिखाया है।
पहले वनडे में 308 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत मिली थी और उसके सलामी बल्लेबाजों ने 95 रन जोड़ डाले। इसके बाद हालांकि बांग्लादेश के 19 वर्षीय तेज गेंदबाज और अपना पहला वनडे खेलने उतरे मुस्तफिजुर रहमान ने जो किया वह सबको स्तब्ध करने के लिए काफी था।
अपनी गति और स्विंग लेती गेंदों पर मुस्तफिजुर ने दिग्गज भारतीय बल्लेबाजों को ऐसा उलझाया कि मेहमान टीम 46 ओवरों में 228 पर सिमट गई। इस मैच में उन्होंने पांच विकेट लिए। मुस्तफिजुर का कहर यहीं नहीं रुका। दूसरे वनडे में उन्होंने 43 रन देकर छह विकेट हासिल किए और भारतीय टीम को 200 रनों पर रोकने में अहम भूमिका निभाई।
इन दोनों मैचों में बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने भी निराश नहीं किया और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल, सौम्य सरकार और हरफनमौला खिलाड़ी शाकिब अल हसन ने भारतीय गेंदबाजों को बौना साबित किया।
भारत के लिए इस दौरे में सबसे मुश्किल बात यह रही है कि उसके मध्यम क्रम के बल्लेबाज लगातार नाकाम साबित हुए। कोहली के बल्ले से दो मैचों में क्रमश: एक और 23 रन निकले। वहीं, अजिंक्य रहाणे और अंबाती रायडू ने भी खेले एक-एक मैचों में निराश ही किया।
दोनों टीमों के बीच हुए 31 मुकाबलों में बांग्लादेश केवल पांच मैच जीतने में सफल रहा है लेकिन पहली बार किसी सीरीज में वे भारतीय टीम पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।
पिछले मैच में मिली जीत से बांग्लादेश चैम्पियंस ट्राफी-2017 के लिए क्वालीफाई कर चुका है और अब उसकी कोशिश 3-0 से सीरीज जीतकर इतिहास रचने की होगी।
भारतीय टीम से प्रशंसकों को हालांकि यही उम्मीद होगी कि दो हार के बावजूद भारत विश्व क्रिकेट में स्थापित अपने रुतबे को यहां जरूर प्रदर्शित करेगा और साबित करेगा कि वह सीरीज भले ही हार गया हो लेकिन बांग्लादेश को उसकी बराबरी करने के लिए अब भी मीलों लंबा सफर तय करना है।
टीम (संभावित):
बांग्लादेश टीम : मशरफे मुर्तजा (कप्तान), तमीम इकबाल, सौम्य सरकार, मोमिनुल हक, मुशफिकुर रहीम, शाकिब अल हसन (उपकप्तान), सब्बीर रहमान, नासिर हुसैन, अराफात सनी, तस्किन अहमद, रुबेल हुसैन, रोनी तालुकदार, मुस्तफिजुर रहमान, लिटन दास।
भारत : रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मोहित शर्मा, धवल कुलकर्णी, स्टुअर्ट बिन्नी, अक्षर पटेल।
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