
Jay Shah creates history: अगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह (Jay Shah) सिर्फ 35 साल की उम्र में दुनिया की सबसे ताकतवर संस्थाओं में से एक इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के चेयरमैन बनने में सफल रहे, तो इसकी एक बड़ी वजह पिछले करीब 5 सालों में बतौर बीसीसीआई सचिव उनके वो बड़े फैसले भी रहे, जिनकी गूंज वैश्विक स्तर पर गूंजी. शाह के लगभग हर बड़े फैसले ने उनकी छवि और उनके कद को मजबूत करने का काम किया. जय शाह के कार्यकाल में वास्तव में बीसीसीआई ने एक नहीं, बल्कि कई ऐसे बड़े फैसले लिए, जो पहले कभी नहीं लिए गए थे और जिनके लिए शाह को जमकर प्रशंसा मिली. चलिए आप उनके बीसीसीआई सचिव रहते हुए लिए गए 5 बड़े फैसलों के बारे में जान लीजिए.
1. वीमेंस आईपीएल लीग की शुरुआत
यह जय शाह द्वारा लिया गए सबसे अहम फैसलों में से एक रहा. इस फैसल ने भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में वीमेन क्रिकेट को प्रमोट करने में मदद की. साथ ही दुनिया की दिग्गज खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने और कमाई करने का एक अच्छा मौका भी मिला. और साल 2023 में अपने पहले संस्करण के आगाज के साथ ही यह लीग छा गई. शाह का फैसला एकदम सही साबित हुआ. शाह का यह फैसला दुनिया भर के क्रिकेट देशों के बीच चर्चा का विषय बना. इस फैसले को आईसीसी ने जमकर सराहा और इससे शाह का विश्व क्रिकेट में कद और ऊंचा हुआ.

2. मीडिया अधिकारों ने बीसीसीआई को किया मालामाल
जय शाह के कार्यकाल में आईपीएल पर जमकर पैसा बरसा, साल 2022 में टेलीविजन और मीडिया राइट्स के लिए बीसीसीआई को 2.55 बिलियन डॉलर मिले थे, लेकिन साल 2022 में पांच साल के लिए बोर्ड पर छप्पर फाड़कर पैसा बरसा. और साल 2023 से 2027 तक पांच साल के अधिकार के लिए बोर्ड को 6.2 मिलियन डॉलर (करीब 50 हजार करोड़ रुपये) मिले. वहीं साल 2023 से 2028 तक वायकॉम 18 की तरफ से टीम इंडिया के मैचों के लिए बीसीसीआई को प्रति मैच 67.8 करोड़ रुपये मिले. कुल मिलाकर शाह के कार्यकाल में लिए गए फैसलों से बीसीसीआई पर छप्पर फाड़कर पैसा बरसा.
3. महिला, पुरुष क्रिकेटरों को समान वेतन
यह शाह के बतौर बीसीसीआई सचिव रहते हुए बड़े फैसलों में से एक रहा, जिसने आईसीसी सहित दुनिया के क्रिकेट प्रशासकों को चौंका दिया. उनके रहते हुए बीसीसीआई ने लैंगिक बराबरी की दिशा में आगे बढ़ते हुए और दुनिया की खेल संस्थाओं को बड़ा संदेश देते हुए महिलाओं क्रिकेटरों की मैच फीस पुरुष खिलाड़ियों के बराबर देने का फैसला किया. इस फैसले ने शाह को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट प्रशासन में खासा लोकप्रिया बना दिया.
4. ओलंपिक में टी20 क्रिकेट
अगर साल 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों में टी20 को शामिल किया गया है, तो आईसीसी के इस अभियान को सफल बनाने में जय शाह ने अहम भूमिका निभाई. जय शाह के कार्यकाल में बीसीसीआई ने आईसीसी की बोली का समर्थन करते हुए कई बड़े फैसले लिए. इसके तहत इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी से बीसीसीआई का सफाई मांगना बीसीसीआई और जय शाह की प्रतिबद्धता को साफ दर्शा गया. और आखिर में यह संयुक्त प्रयास रंग लगाया और टी20 फॉर्मेट को ओलंपिक का हिस्सा बनाया गया.
5. घरेलू क्रिकेटरों को क्षतिपूर्ति और...
कोविड-19 साल 2020 में आया, तो तमाम खिलाड़ियों पर बड़ी मार लेकर आया. घरेलू क्रिकेट न होने के कारण खिलाड़ी परेशान हो उठे. ऐसे मुश्किल समय में शाह के सचिव रहते बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेटरों को क्षतिपूर्ति राशि देने का फैसला किया. इससे खिलाड़ियों को बड़ी राहत मिली, तो शाह को लोकप्रियता भी मिली. इसके अलावा रिटायर्ड खिलाड़ियों के लिए भी बीसीसीआई ने मेडिकल इंश्योरेंस क्लेम की राशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया. वहीं, हाल ही में जब दिवंगत पूर्व क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ को इलाज के लिए आर्थिक मदद की जरुरत हुई, तो शाह ने उनके लिए तुरंत ही एक करोड़ रुपये जारी करने का ऐलान कर रिटायर्ड क्रिकेटरों का ध्यान रखने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की, जिसे खूब प्रशंसा मिली.
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