
- मैनचेस्टर टेस्ट के पहले दिन भारतीय उप-कप्तान ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे, जिससे कन्कशन नियम पर बहस शुरू हुई
- महान बल्लेबाज सौरव गावस्कर ने कन्कशन रिप्लेसमेंट नियम को लेकर सवाल उठाए और इसकी समीक्षा की जरूरत बताई
- 'शॉर्ट-पिच गेंद खेलने में असमर्थ बल्लेबाज को टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए, यह नियम अनुचित: गावस्कर'
मैनचेस्टर टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय उप-कप्तान ऋषभ पंत (Rishabh Pant) चोटिल हुए, तो उसके बाद अलग-अलग तरह की चर्चा चल गई. इस चर्चा ने कई विषयों को खोल दिया. और इसमें से एक अहम बात क्रिकेट में लाइक-टू-लाइक रिप्लेसमेंट कहा भी आया. इसी पर महान गावस्कर (Gavaskar) ने चौथे टेस्ट (Eng vs Ind 4th Test) की कमेंट्री के दौरान वर्तमान कन्कशन नियम पर उंगली उठाई है. सनी ने कहा कि रिप्लेसमेंट कन्कशन नियम उन 'अक्षम' बल्लेबाजों के लिए है, जो शॉर्ट-पिच बॉलिंग नहीं खेल सकते.
सनी ने सोनी स्पोर्ट्स पर गावस्कर ने पहले वर्तमान कन्कशन नियम पर सवाल उठाते हुए कहा, 'मेरा हमेशा से ही मानना रहा है कि आप 'अक्षम' बल्लेबाज के लिए लाइक-टू-लाइक सब्स्टीट्यूट दे रहे हैं. अगर आप शॉर्ट-पिच बॉलिंग खेलने में सक्षम नहीं हैं, तो आप टेस्ट क्रिकेट मत खेलो. बेहतर है कि आप टेनिस या गोल्फ खेलो. इस नियम के तहत आप उस बल्लेबाज के लिए लाइक-टू-लाइक विकल्प दे रहो हो, तो शॉर्ट-पिच बॉल नहीं खेल सकता और चोटिल हो जाता है.' हालांकि, गावस्कर ने इस बात को जरूर माना कि ICC को कुछ नियमों की समीक्षा करनी चाहिए. ठीक जैसे पंत को लगी चोट के मामले में पंत पहले दिन क्रिस वोक्स के खिलाफ रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में चोटिल हो गए थे.
सनी बोले, 'पंत को साफ तौर पर चोट लगी. ऐसे में उनकी जगह सब्स्टीट्यूट होना चाहिए. मैं चाहता हूं कि एक ऐसी कमेटी हो, जो इस विषय पर फैसला ले. ICC में क्रिकेट कमेटी है और इस समय इसका नेतृत्व सौरव गांगुली कर रहे हैं. आईसीसी चेयरमैन जय शाह और सीईओ संजोग गुप्ता हैं.' गावस्कर का मानना है कि अब जबकि सभी अहम पदों पर भारतीय हैं, तो इस मामले को देखने के लिए एक अलग कमेटी हो.
पूर्व ओपनर ने कहा, 'हम यहां (इंग्लैंड) मीडिया में और खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया मीडिया में ऐसे हालात नहीं चाहते कि वो कहें, 'ओह अब जबकि यहां सभी भारतीय हैं, तो उन्होंने ऐसा करना शुरू कर दिया. ऐसे में एक पूरी तरह से एक अलग ही कमेटी हो, जो चोटों के मामलों को देखे. इसमें डॉक्टर्स हो सकते हैं. और फिर इस कमेटी को इस बारे में फैसला लेने दिया जाए.'
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