
सौरव गांगुली
- यह नियम नहीं आसां...!
- जिन्होंने कहना नहीं माना, वे भी नहीं बचेंगे
- जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होगी रिपोर्ट
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सूत्रों की मानें तो सीओए इस बारे में पूरा मन बना चुकी है. और उसने 27 फरवरी को मुंबई में हुई बैठक में इस बारे में निर्णय ले लिया है. बस इस फैसले पर आधिकारिक मुहर लगनी और ऐलान होना बाकी है. दो सदस्य पैनल के अध्यक्ष विनोद राय जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेंगे. इस रिपोर्ट के जरिए वह सर्वोच्च अदालत को इन तमाम दिग्गजों को हटाने के बारे में जानकारी देंगे.4 from each team will be left out for tomorrow's match.
— BCCI Men (@BCCI_Men) March 3, 2018
Who do you think will those 4 be ? #DeodharTrophypic.twitter.com/DxDPtsWzfU
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बाकी लोगों में बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी शामिल हैं. इसके अलावा अमित शाह के बेटे जयदेव शाह भी हैं, जो जीसीए के सचिव हैं. इसके अलावा उन एसोसिएशनों के अधिकारियों पर भी गाज गिरनी तय है, जिन्होंने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया है. बहरहाल सौरव गांगुली, अमित शाह और बाकी दिग्गजों पर गाज गिरने का अलग ही कारण है.
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दरअसल इन दिग्गजों का कूलिंग पीरियड (एक बार में तीन साल से ज्यादा का कार्यकाल नहीं) खत्म होने को है. और यही नियम इनके कार्यकाल के विस्तार में आड़े आ रहा है. यह लोढ़ा कमेटी की एक प्रमुख सिफारिश थी. यह वह शर्त है, जिसको लेकर बहुत लोगों में रोष है. बहरहाल अब इनके पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है
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