आप अभी भी नहीं भूले नहीं होंगे कि राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल का उद्घाटक संस्करण 2008 का खिताब अपनी झोली में डाला था. और उस समय सबसे कमजोरी टीम आंकी गई राजस्थान को ये जीत दिलायी थी अपनी शानदार प्लानिंग और इसको अंजाम देने के तरीके से टीम के पूर्व कप्तान वे कोच दिग्गज शेन वॉर्न (Shane Warne) ने. बहरहाल, शेन वॉर्न (Shane Warne) ने बताया है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम राजस्थान रॉयल्स में उनकी छोटी सी हिस्सेदारी थी, जिससे भविष्य में उनको मोटी कमाई होगी
POLL: Should MCG name grandstand after Shane Warne? Have your say: https://t.co/uU6CSskVQD
— Herald Sun (@theheraldsun) December 1, 2019
यह भी पढ़ें: केविन पीटरसन ने भी ऋषभ पंत को लेकर विराट के सुर-में सुर मिलाया
वॉर्न इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में राजस्थान के लिए 2008 से 2011 तक खेले थे. हेराल्ड सन की रिपोर्ट के मुताबिक, वार्न का राजस्थान के मालिकों के साथ करार हुआ था कि वह जितने भी साल आईपीएल में फ्रेंचाइजी के लिए खेलेंगे उसमें हर साल उन्हें 0.75 की हिस्सेदारी मिलेगी. अखबार ने वॉर्न के हवाले से लिखा है, "यह मेरे करार का हिस्सा था क्योंकि मैं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुका था और संन्यास से लौटकर आया था.
यह भी पढ़ें: ...तो ऑस्ट्रेलिया को उल्टा पड़ सकता है कि भारत के खिलाफ यह प्रस्ताव, इयान चैपल बोले
वॉर्न ने कहा कि उन्होंने मुझसे टीम की कप्तानी करने, कोच और क्रिकेट टीम को अपने मनमुताबिक चलाने को कहा था. मेरे ऊपर ही सभी जिम्मेदारी थीं." वॉर्न की कप्तानी में राजस्थान ने पहले सीजन का खिताब अपने नाम किया था. वार्न ने कहा, "हम उसमें अंडरडॉग्स थे, किसी ने हमें जीत का दावेदार नहीं माना था." वॉर्न ने कहा कि संन्यास से बाहर आने के लिए राजस्थान ने साल 2008 में उन्हें 657,000 डॉलर (आज के हिसाब से 4,67,25,183 करोड़ रुपये) चुकाए थे. इसके साथ ही, मैनेजमेंट ने उन्हें कप्तान, कोच के साथ-साथ मेरे हिसाब से टीम चलाने की इजाजत थी. अब जबकि शेन वॉर्न चार सेशन (2008 से 2011) तक राजस्थान के लिए खेले, तो हर साल मिले 0.75 साझेदारी से उनकी राजस्थान रॉयल्स में कुल तीन प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है.
VIDEO: पिंक बॉल बनने की कहानी, स्पेशल स्टोरी.
आज के दौर की बात करें, तो राजस्थान रायल्स की बाजार कीमत करीब 400 मिलियन डॉलर (28,44,76,00,000 रुपये बैठती है) और इसमें वॉर्न के तीन प्रतिशत हिस्से को गिना जाए, तो यह करीब 21,33,57000 रुपये बैठती है. मतलब यह कि अगर शेन वॉर्न आज अपनी हिस्सेदारी बेज दें, तो इन्हें करीब साढ़े इक्कीस करोड़ रुपये हिस्सेदारी के रूप में मिलेंगे. और यदि वॉर्न नहीं बेचते हैं, तो उनका मुनाफा लगातार बढ़ता ही जाएगा क्योंकि आईपीएल टीमों की कीमतों में खासा इजाफा हुआ है. कहा जा सकता है कि शेन वॉर्न ने समय पर बिल्कुल सही फैसला लिया. और जो निवेश उन्होंने किया था, वह उन्हें बहुत ही मोटा फायदा दिलाने जा रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं