अजीत डोभाल को केंद्र सरकार ने एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है. अजीत डोभाल का यह तीसरा कार्यकाल होगा. गौरतलब है कि अजीत डोभाल को साल 2014 में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बनाया गया था. साल 2019 में भी उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया. अजीत डोभाल के अलावा पीके मिश्रा भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रधान सचिव के पद पर बने रहेंगे.
अजित डोभाल को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर तीसरी बार नियुक्त किया गयाृ है. देखा जाए तो विस्तार से पहले भी वे 10 साल के कार्यकाल के साथ सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले NSA हैं. अजित डोभाल की पहचान रियल जेम्स बॉन्ड के तौर पर की जाती हैं. वे देश के ऐसे शख्स हैं, जिनसे चीन और पाकिस्तान भी खौफ खाता है. आइए अजित डोभाल से जुड़ी 10 खास बातों को जानते हैं.
कौन हैं अजित डोभाल?
► अजित डोभाल केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अजित डोभाल भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित होने वाले पहले पुलिस अधिकारी हैं.
► अजित डोभाल ने छह सालों तक पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में सेवा की.
► अजित डोभाल 1999 के कंधार विमान हाईजैक में एयर इंडिया की उड़ान IC-814 के यात्रियों की रिहाई के लिए वार्ताकार थे.
► इसके अलावा डोभाल ने 1988 में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लैक थंडर में भी हिस्सा लिया था.
► अजित डोभाल ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर के रूप में 2004 और 2005 के बीच कार्य किया.
► 2016 में भारतीय सेना की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक भी डोभाल की नीति का हिस्सा माना जाता है. बताया जाता है कि वह उन चुनिंदा लोगों में से एक थे, जिन्हें इस बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में पता था.
► इसके अलावा NSA के अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने 546 भारतीय नर्सों की वापसी में मदद की थी, जो आईएसआईएस के मोसुल पर कब्जा करने के बाद इराक में फंस गई थीं.
► इसके साथ ही अजित डोभाल को म्यांमार से संचालित नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के अलगाववादियों के खिलाफ एक सैन्य अभियान का भी क्रेडिट दिया जाता है.
► NSA अजित डोभाल भारत-चीन डोकलाम गतिरोध को सुलझाने में शामिल महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक थे.
अजीत डोभाल का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. उन्होंने बतौर पुलिस अधिकारी काफी ऑपरेशन किए. उन्होंने कांग्रेस के साथ भी उतना ही काम किया है, जितना बीजेपी की सरकारों के साथ किया.उन्होंने ज्यादा से ज्यादा डिटेल के साथ ऑपरेशनों का ऑपरेशन किया. सबसे पहले मिजो एकॉर्ड का नाम सामने आता है, उसमें उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.
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