सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और कोच के लिए बनाई गई चयन समिति के प्रमुख सदस्य सचिन तेंदुलकर ने पहली बार टीम के कोच अनिल कुंबले और पूर्व टीम निदेशक रवि शास्त्री पर बयान दिया है। लंदन में मीडिया से बात करते हुए सचिन ने रवि शास्त्री की तारीफ की है।
उन्होंने कहा कि शास्त्री शानदार खिलाड़ी रहे हैं, क्रिकेट में उनका अहम योगदान है, उन्होंने काफी अच्छा काम किया। मैं इनके साथ खेल चुका हूं और जानता हूं कि वह कैसे सोचते हैं और क्रिकेट के प्रति उनका क्या नजरिया है। लेकिन सचिन ने कोच के इंटरव्यू के दौरान जो कुछ चर्चा हुई, उसके बारे में बोलने से मना कर दिया और बोले कि यह गोपनीय है।
तेंदुलकर ने अनिल कुंबले की भी खूब तारीफ की। सचिन ने कहा कि कुंबले एक बड़े मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं और खिलाड़ियों को अनिल कुंबले से बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने कहा कि कुंबले के पास लंबा अनुभव है और उनको बहुत कुछ शेयर करना है। सचिन ने खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे कुंबले से जितना सीख सकें, सीखें, क्रिकेट को एन्जॉय करें और सही भावना से खेलें।
सचिन ने कहा कि हर मैच में कुछ न कुछ मुश्किल का सामना करना पड़ता है और उस मुश्किल का कैसे सामना किया जाए, यह महत्वपूर्ण है। हमने बहुत कुछ प्लान किया है, लेकिन इस पर कैसे अमल होता है, यह देखना है। सचिन ने खिलाड़ियों को नसीहत दी कि हर दिन नया है, नई शुरुआत है, जो कुछ हो गया, उसे पीछे छोड़ना है और नई शुरुआत करनी है। सचिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अनिल कुंबले खिलाड़ियों को ये सारी चीजें बखूबी सिखाएंगे।
गौरतलब है कि टीम इंडिया के कोच के रूप में अनिल कुंबले को चुने जाने के बाद रवि शास्त्री खुश नहीं थे। शास्त्री ने खुद कोच के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन चयन समिति के सदस्य सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्षण और सौरव गांगुली ने कुंबले के नाम पर मुहर लगाई। टीम इंडिया के डायरेक्टर के रूप में सफल रहे रवि शास्त्री इस निर्णय से नाराज थे।
शास्त्री ने गांगुली पर आरोप लगाया था कि उनके इंटरव्यू के दौरान गांगुली मौजूद नहीं थे और ऐसा करके गांगुली ने उनका अपमान किया। गांगुली का भी कहना था कि अगर शास्त्री यह सोचते हैं कि उनकी वजह से वह कोच नहीं बन पाए तो वह मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शास्त्री शानदार खिलाड़ी रहे हैं, क्रिकेट में उनका अहम योगदान है, उन्होंने काफी अच्छा काम किया। मैं इनके साथ खेल चुका हूं और जानता हूं कि वह कैसे सोचते हैं और क्रिकेट के प्रति उनका क्या नजरिया है। लेकिन सचिन ने कोच के इंटरव्यू के दौरान जो कुछ चर्चा हुई, उसके बारे में बोलने से मना कर दिया और बोले कि यह गोपनीय है।
तेंदुलकर ने अनिल कुंबले की भी खूब तारीफ की। सचिन ने कहा कि कुंबले एक बड़े मैच विजेता खिलाड़ी रहे हैं और खिलाड़ियों को अनिल कुंबले से बहुत कुछ सीखना है। उन्होंने कहा कि कुंबले के पास लंबा अनुभव है और उनको बहुत कुछ शेयर करना है। सचिन ने खिलाड़ियों को सलाह दी कि वे कुंबले से जितना सीख सकें, सीखें, क्रिकेट को एन्जॉय करें और सही भावना से खेलें।
सचिन ने कहा कि हर मैच में कुछ न कुछ मुश्किल का सामना करना पड़ता है और उस मुश्किल का कैसे सामना किया जाए, यह महत्वपूर्ण है। हमने बहुत कुछ प्लान किया है, लेकिन इस पर कैसे अमल होता है, यह देखना है। सचिन ने खिलाड़ियों को नसीहत दी कि हर दिन नया है, नई शुरुआत है, जो कुछ हो गया, उसे पीछे छोड़ना है और नई शुरुआत करनी है। सचिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अनिल कुंबले खिलाड़ियों को ये सारी चीजें बखूबी सिखाएंगे।
गौरतलब है कि टीम इंडिया के कोच के रूप में अनिल कुंबले को चुने जाने के बाद रवि शास्त्री खुश नहीं थे। शास्त्री ने खुद कोच के पद के लिए आवेदन किया था, लेकिन चयन समिति के सदस्य सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्षण और सौरव गांगुली ने कुंबले के नाम पर मुहर लगाई। टीम इंडिया के डायरेक्टर के रूप में सफल रहे रवि शास्त्री इस निर्णय से नाराज थे।
शास्त्री ने गांगुली पर आरोप लगाया था कि उनके इंटरव्यू के दौरान गांगुली मौजूद नहीं थे और ऐसा करके गांगुली ने उनका अपमान किया। गांगुली का भी कहना था कि अगर शास्त्री यह सोचते हैं कि उनकी वजह से वह कोच नहीं बन पाए तो वह मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं।
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