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सचिन बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी अहम भूमिका निभाते थे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
वनडे क्रिकेट इतिहास में ऐसा कई बार हुआ है, जब मैच बिना किसी परिणाम के खत्म हो गया। हाल ही का उदाहरण लीजिए इंग्लैंड के बल्लेबाज लियाम प्लंकेट ने अंतिम गेंद पर छक्का लगाकार टीम को हार से बचा लिया और मैच टाई हो गया। टीम इंडिया के साथ भी कई ऐसा बार हो चुका है। हम आपको ऐसे ही मैचों के बारे में बता रहे हैं, जिनमें टीम इंडिया का मुकाबला टाई रहा और वह या तो जीतते-जीतते रह गई या हार से बच गई...
6 दिसंबर 1991, पर्थ : सचिन ने बचाई हार
भारत ने अपना पहला टाई मैच वेस्टइंडीज के साथ 6 दिसंबर, 1991 को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में खेला था। इस मैच में टीम इंडिया 47.4 ओवर में 126 रन बनाए थे और ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम भी लक्ष्य का पीछा करते हुए 41 ओवर में 126 रन पर आउट हो गई। 41वां ओवर सचिन तेंदुलकर ने किया। इंडीज ने 40.5 ओवर में 9 विकेट पर 126 रन बना लिए थे कि अंतिम गेंद पर एंडरसन कमिन्स ने अजहरुद्दीन को कैच थमा दिया और मैच टाई हो गया, जबकि कई ओवर बाकी थे।
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18 नवंबर, 1993, इंदौर : प्रभाकर ने कराया टाई
भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए इस मैच में जिम्बाब्वे को आखिरी ओवर में 10 रन चाहिए थे, लेकिन वह 9 रन ही बना पाया। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट पर 248 का लक्ष्य रखा था, जिसमें ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर ने 91 रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी में भी दम दिखाते हुए 2 विकेट झटके और अंतिम ओवर में 9 रन देकर टीम इंडिया को हार से बचा लिया।
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27 जनवरी, 1997, पर्ल : रॉबिन सिंह चूके
भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए इस रोमांचक मैच में ऑलराउंडर रॉबिन सिंह को अंतिम गेंद पर 2 रन बनाने थे, लेकिन वह वाइड गेंद को हिट नहीं कर पाए। इसके बाद वह रन लेने के लिए दौड़ पड़े, लेकिन रनआउट हो गए। जिस गेंद पर वह रन लेने के लिए दौड़े थे, वह वाइड थी। इससे टीम को एक रन मिला और मैच टाई हो गया।
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27 फरवरी, 2011, बेंगलुरू : मुनाफ पटेल ने स्वान को रोका
इस हाई स्कोरिंग गेम में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 50 ओवर में 8 विकेट पर 338 रन ही बना पाई। आखिरी ओवर तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने किया। इंग्लैंड को जीत के लिए अंतिम गेंद पर 2 रन बनाने थे, लेकिन उसके बल्लेबाज ग्रीम स्वान एक रन ही ले पाए। नतीजा बराबरी पर छूटा।
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11 सितंबर, 2011, लंदन : डकवर्थ लुइस ने टाई किया
रोमाचंक होते जा रहे इस मैच में भारत ने 50 ओवर में 5 विकेट पर 280 रनों का लक्ष्य खड़ा किया था। इंग्लैंड टीम को जीत के लिए अंतिम 7 गेंदों पर 11 रन बनाने थे, तभी बारिश शुरू हो गई और डकवर्थ लुइस के हिसाब से मैच टाई हो गया।
14 फरवरी, 2012, एडिलेड : धोनी से नहीं हो पाया
श्रीलंका ने भारत के सामने 9 विकेट पर 236 का टारगेट रखा। अंतिम गेंद में टीम इंडिया को जीत के लिए 4 रन चाहिए थे, जबकि उसका एक विकेट बाकी था, लेकिन लसिथ मलिंगा की गेंद पर कप्तान धोनी केवल 3 रन ही बना पाए।
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25 जनवरी, 2014, ऑकलैंड : जडेजा का संघर्ष
न्यूजीलैंड ने भारत के सामने जीत के लिए 314 रन तका लक्ष्य रखा, लेकिन टीम इंडिया भी 9 विकेट खोकर केवल 314 रन ही बना पाई। हालांकि टीम की हार तय लग रही थी और जीत के लिए अंतिम ओवर में 18 रन चाहिए थे। बाद में रवींद्र जडेजा ने इस ओवर में 17 रन बनाकर मैच टाई करा दिया। जडेजा ने कोरी एंडरसन की चौथी और पांचवीं गेंद पर चौका और छक्का लगा दिया, लेकिन अंतिम गेंद पर एक रन ही ले पाए।
6 दिसंबर 1991, पर्थ : सचिन ने बचाई हार
भारत ने अपना पहला टाई मैच वेस्टइंडीज के साथ 6 दिसंबर, 1991 को ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में खेला था। इस मैच में टीम इंडिया 47.4 ओवर में 126 रन बनाए थे और ऑलआउट हो गई थी। इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम भी लक्ष्य का पीछा करते हुए 41 ओवर में 126 रन पर आउट हो गई। 41वां ओवर सचिन तेंदुलकर ने किया। इंडीज ने 40.5 ओवर में 9 विकेट पर 126 रन बना लिए थे कि अंतिम गेंद पर एंडरसन कमिन्स ने अजहरुद्दीन को कैच थमा दिया और मैच टाई हो गया, जबकि कई ओवर बाकी थे।
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18 नवंबर, 1993, इंदौर : प्रभाकर ने कराया टाई
भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए इस मैच में जिम्बाब्वे को आखिरी ओवर में 10 रन चाहिए थे, लेकिन वह 9 रन ही बना पाया। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट पर 248 का लक्ष्य रखा था, जिसमें ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर ने 91 रन बनाए थे। इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी में भी दम दिखाते हुए 2 विकेट झटके और अंतिम ओवर में 9 रन देकर टीम इंडिया को हार से बचा लिया।
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27 जनवरी, 1997, पर्ल : रॉबिन सिंह चूके
भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए इस रोमांचक मैच में ऑलराउंडर रॉबिन सिंह को अंतिम गेंद पर 2 रन बनाने थे, लेकिन वह वाइड गेंद को हिट नहीं कर पाए। इसके बाद वह रन लेने के लिए दौड़ पड़े, लेकिन रनआउट हो गए। जिस गेंद पर वह रन लेने के लिए दौड़े थे, वह वाइड थी। इससे टीम को एक रन मिला और मैच टाई हो गया।
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27 फरवरी, 2011, बेंगलुरू : मुनाफ पटेल ने स्वान को रोका
इस हाई स्कोरिंग गेम में भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 50 ओवर में 8 विकेट पर 338 रन ही बना पाई। आखिरी ओवर तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने किया। इंग्लैंड को जीत के लिए अंतिम गेंद पर 2 रन बनाने थे, लेकिन उसके बल्लेबाज ग्रीम स्वान एक रन ही ले पाए। नतीजा बराबरी पर छूटा।
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11 सितंबर, 2011, लंदन : डकवर्थ लुइस ने टाई किया
रोमाचंक होते जा रहे इस मैच में भारत ने 50 ओवर में 5 विकेट पर 280 रनों का लक्ष्य खड़ा किया था। इंग्लैंड टीम को जीत के लिए अंतिम 7 गेंदों पर 11 रन बनाने थे, तभी बारिश शुरू हो गई और डकवर्थ लुइस के हिसाब से मैच टाई हो गया।
14 फरवरी, 2012, एडिलेड : धोनी से नहीं हो पाया
श्रीलंका ने भारत के सामने 9 विकेट पर 236 का टारगेट रखा। अंतिम गेंद में टीम इंडिया को जीत के लिए 4 रन चाहिए थे, जबकि उसका एक विकेट बाकी था, लेकिन लसिथ मलिंगा की गेंद पर कप्तान धोनी केवल 3 रन ही बना पाए।
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25 जनवरी, 2014, ऑकलैंड : जडेजा का संघर्ष
न्यूजीलैंड ने भारत के सामने जीत के लिए 314 रन तका लक्ष्य रखा, लेकिन टीम इंडिया भी 9 विकेट खोकर केवल 314 रन ही बना पाई। हालांकि टीम की हार तय लग रही थी और जीत के लिए अंतिम ओवर में 18 रन चाहिए थे। बाद में रवींद्र जडेजा ने इस ओवर में 17 रन बनाकर मैच टाई करा दिया। जडेजा ने कोरी एंडरसन की चौथी और पांचवीं गेंद पर चौका और छक्का लगा दिया, लेकिन अंतिम गेंद पर एक रन ही ले पाए।
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