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This Article is From Jun 30, 2024

T20 World Cup 2024: टीम इंडिया की खिताबी जीत ने युवाओं और सभी पेशेवरों को दिए ये 10 सबसे बड़े संदेश, एक नजर दौड़ा लें

T20 World Cup 2024: भारतीय टीम की खिताबी जीत वास्तव में कई पहलुओं से अपने आप में एक दर्शन है. आप जीत के पीछे छिपे इन उदारणों को ध्यान से पढ़िए और समझिए.

T20 World Cup 2024: टीम इंडिया की खिताबी जीत ने युवाओं और सभी पेशेवरों को दिए ये 10 सबसे बड़े संदेश, एक नजर दौड़ा लें
T20 World Cup 2024: टीम इंडिया ने इस जीत में ऐसे संदेश दिए हैं, जिन्हें सभी को जानने और समझने की जरुरत है
नई दिल्ली:

शनिवार को विंडीज में बारबाडोस में भारत की दक्षिण अफ्रीका (India vs South Africa) पर मिली टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) खिताबी जीत सिर्फ जीत ही नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक दर्शन है, जिससे सीखने के लिए बहुत कुछ छिपा हुआ है. अगर इस खिताबी जीत को डिकोड किया जाए, तो बहुत कुछ सामने ऐसा निकलकर आता है, जिसे जीवन में शुरुआत से ही अपनाया जाए, तो यह "लाइफ चेंजर" साबित हो सकता है. वास्तवव में रोहित एडं कंपनी की इस जीत ने तमाम फील्ड के पेशेवरों को कई और बड़े संदेश दिए हैं, जो खिलाड़ियों ने सार्वजनिक जीवन में साबित करके दिखाए हैं. ये किताबी बातें नहीं है, ये कर्मयुद्ध से निकलकर सामने आई हैं. चलिए हम आपको इस जीत में उदाहरणों के जरिए दस ऐसी बातें बताते हैं, जो तमाम वर्ग के लोगों और खासकर पेशेवर लड़ाई लड़ रहे लोगों के लिए जिंदगी बदलने वाली साबित हो सकती हैं, जैसे टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने बदलकर दिखाया. 

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1. योग्यता स्थायी होती है

यह विराट कोहली के उदाहरण से समझ सकते हैं. कोहली लगातार फ्लॉप होते रहे, आलोचना झेलती रही, लेकिन प्रबंधन ने उनकी योग्यता में पूरा भरोसा जताया. शुरआती 7 मैचों की इतनी ही पारियों में कोहली का औसत 11 से भी कम का था, लेकिन सबसे बड़े मौके और सबसे बड़ी जरुरत पर कोहली ने दिखाया कि किसी भी व्यवसाय में चैंपियन या योग्यता के क्या मायने हैं. क्रिकेट में ही नहीं, यह सभी पेशों में लागू होता है कि फॉर्म आनी जानी है, लेकिन क्लास (क्षमता) स्थायी होती है. बस आपका खुद में भरोसा बने रहना चाहिए 

2. कप्तान रोहित का बहुत बड़ा संदेश!

"जब कप्तान आगे रहकर नेतृत्व करता है. और अगर अगर वह एक-दो बार विफल होता भी है, तो पूरी टीम क्षतिपूर्ति, मुकाबले के लिए एकजुट हो जाती है", रोहित ने अपनी कप्तानी, एप्रोच और फैसलों से कुछ ऐसा ही पूरे टर्नामेंट से साबित किया. परिणाम से बेपरवाह या जल्द ही विकेट गिरने पर भी रोहित ने शुरुआत से ही आक्रामक एप्रोच पर अमल किया. वह शुरू में सस्ते में आउट हुए, लेकिन संदेश साफ था कि एप्रोच से कोई समझौता नहीं होगा. बाकी खिलाड़ी भी इसी राह पर चलते और सफलता ने संदेश पर पूरी तरह मुहर लगा दी-अगर कप्तान एक-दो बार विफल होता भी है, तो इस नजरिए से टीम लड़ाई और मिशन के लिए टीम एकजुट हो जाती है या क्षतिपूर्ति कर देती है. 

3. हार तब होती है, जब आप स्वीकार लेते हैं

यह इन हालात से साफ दिखता है कि जब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंदों पर 30 रन की दरकार थी और उसके हाथ में पांच विकेट शेष थे. कुछ गिनती के ही लोग होंगे, जिन्हें यहां से भारत की जीत का भरोसा था. एक बड़ा वर्ग टीवी पर क्रिकेट से यूरो कप पर शिफ्ट हो गया था. लेकिन टीम इंडिया की एप्रोच, सोच, कप्तान के फैसलों, जुझारू क्षमता, समग्र प्रयास आदि बातों ने बताया कि हार तब होती है, जब आप इसे मानिस रूप से स्वीकार कर लेते हैं. 

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4. हार्दिक ने दिया बड़ा ज्ञान

सभी ने देखा कि आईपीएल के समय पांड्या कैसे हालात से गुजरे थे.  टूर्नामेंट के दौरान पांड्या के खराब प्रदर्शन के बीच ट्रोलर्स ने पांड्या को ऐसे-ऐसे शब्द बोले, जिन्हें लिखा भी नहीं जा सकता. वहीं, आईपीएल खत्म होने के बाद  उनके निजी जीवन को लेकर भी नकारात्मक खबरें आईं. इन हालात के बावजूद हार्दिक ने मैदान पर बड़ा असर छोड़ा. विश्व कप जीत के बाद पूरी दुनिया ने पांड्या के बहते खुशी औरॉ संतोष के आंसुओं को भी देखा. पांड्या ने दिखाया आप अकल्पनीय बुरे समय से भी वापसी कर सकते हो. हार्दिक ने अपने हालात से दुनिया और फैंस के सामने बेहतरीन उदाहरण इस बात को लेकर प्रस्तुत किया

5. द्रविड़ का संदेश व्यक्तित्व में छिपा है!

पर्दे के पीछे और भावनाओं को गंभीरत में छुपाकर रखने वाले द्रविड़ के हाथ में जब ट्रॉफी आई, तो उनके भीतर का पूरा ज्वार भी उमड़ आया, द्रविड़ भले ही मीडिया में बोलते हों, श्रेय लेने के मामले में आगे न आते हों, लेकिन उन्होंने संदेश दिया, "आखिर में कड़ी मेहनत और विनम्रता का फल मिलता है. भले ही फिर यह कुछ दशकों तक परिणाम न दे"

6. जस्सी का मैसेज एकदम साफ है!

बुमराह ने बातों से नहीं, बल्कि काम से तमाम युवा खिलाड़ियों को संदेश दे दिया है. बुमराह भी पिछले कुछ सालों तक चोट से जूझते रहे, लेकिन इस पेसर ने लगातार अपने पर काम किया. जस्सी ने हार नहीं मानी और विश्व कप के प्रदर्शन से साफ-साफ संदेश दे दिया, "निरंतरता आखिर में आपको फल प्रदान करती है"

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7. "तूफान से वापसी संभव है"

इसमें दो राय नहीं कि साल 2022 के आखिर में ऋषभ पंत का जब भीषण एक्सीटेंड हुआ, तो एक बार को सभी न मान लिया कि उनका करियर खत्म हुआ. चिकित्सकों ने भी उबरने के लिए लंबे समय की बात कह दी थी, लेकिन इस विकेटकीपर ने साफ संदेश दिया, "अगर मजबूत इच्छाशक्ति है, तो बड़ी-बड़ी मुसीबतों, असंभव दुर्गम रास्तों से भी  वापसी संभव है या खुद को और बेहतर बनाना संभव है 


8. बड़े झटके से उबरना अहम है, पंत ने बताया

पिछले साल जब भारत में हुए फिफ्टी-फिफ्टी विश्व कप के फाइनल में भारत हारा, तो यह बहुत ही बड़ा झटका था. लगातार जीतों के बाद सिर्फ एक हार ने कप छीन  लिया. रोहित की आंसुओं के साथ मैदान से लौटने की तस्वीरें वायरल हो गईं, लेकिन इसी टीम रोहित ने दिखाय दिया कि बड़ा झटके से उबरकर वापसी करना जिंदगी में अहम है. और यह रुड़की के इस युवा विकेटकीपर ने बहुत ही अच्छी तरह से साबित किया है. पंत विश्व कप में पहले की तुलना में कहीं ज्यादा फिट और छरहरे दिखे.

9. टीमवर्क का कोई जवाब नहीं!

जब बात बड़े मिशन, बड़े युद्ध और बड़ा लक्ष्य हासिल करने की आती है, तो यह टीमवर्क से ही हासिल किया जा सकता है. अपने हित (मसलन रिकॉर्ड को तरजीह देकर या बाकी बातों में उलझकर) कुछ हासिल नहीं किया जा सकता. खिताबी जीत ने संदेश दिया, "हर शख्स का योगदान बड़े लक्ष्य को हासिल करने में अहम होता है,"


10. छोटे से छोटा योगदान अतुलनीय!

इसमें दो राय नहीं कि जब-जब भारत की खिताबी जीत का इतिहास लिखा जाएगा, तो सूर्यकुमार का "मैजिक कैच" का अच्छा-खासा जिक्र हुए बिना यह पूरा नहीं होगा. सूर्यकुमार ने संदेश दिया "एक छोटा (वास्तव में बहुत बड़ा) योगदान किसी लक्ष्य को पूरी तरह से बदलने में या टीम को जिताने में कितना बड़ा साबित होता है या हो सकता है, जिसकी कोई तुलना नहीं हो सकती. क्या कैच की हो सकती है? बिल्कुल नहीं!

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