यह ख़बर 27 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कोलम्बो एकदिवसीय : गंभीर, रैना के तूफान में उड़ गया श्रीलंका

खास बातें

  • गौतम गंभीर के शतक के बाद सुरेश रैना की तूफानी पारी से भारत ने विषम परिस्थितियों से उबरते हुए तीसरे वनडे क्रिकेट मैच में श्रीलंका को पांच विकेट से हराकर पांच मैचों की शृंखला में 2-1 की बढ़त बना ली।
कोलंबो:

भारत ने आर. प्रेमदासा स्टेडियम में शनिवार को खेले गए पांच एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की शृंखला के तीसरे मुकाबले में श्रीलंका को पांच विकेट से पराजित कर दिया। इसके साथ ही टीम इंडिया ने इस शृंखला में 2-1 की बढ़त हासिल कर ली।

श्रीलंका की ओर से रखे गए 287 रनों के लक्ष्य को भारतीय टीम ने दो गेंद शेष रहते पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया।

भारत की जीत में सलामी बल्लेबाज गौतम गम्भीर और मध्यक्रम के बल्लेबाज सुरेश रैना और हरफनमौला इरफान पठान की प्रमुख भूमिका रही।

गम्भीर ने जहां 102 रनों की शतकीय पारी खेली वहीं रैना ने नाबाद 65 और पठान ने नाबाद 34 रन बनाए। गम्भीर ने भले ही शतकीय पारी खेली लेकिन रैना ने विपरीत परिस्थियों में यह मैच भारत की झोली में डालकर अपनी प्रतिभा का एक और परिचय दिया। उन्हें इस शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार दिया गया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को दूसरे ही ओवर में करारा झटका लगा जब विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग सस्ते में अपना विकेट गंवा बैठे। उस समय भारत का स्कोर आठ रन था। सहवाग सिर्फ छह गेंदों का सामना कर सके। उन्होंने तीन रन बनाए। थिसारा परेरा की गेंद पर स्थानापन्न क्षेत्ररक्षक सेनानायके ने उनका कैच लपका।

इसके बाद गम्भीर और विराट कोहली ने पारी को सम्भाला और दूसरे विकेट के लिए 105 रनों की साझेदारी की। 21वें ओवर में कोहली के रूप में भारत को दूसरा झटका लगा। कोहली ने 38 रन बनाए। उन्होंने 65 गेंदों का सामना किया और दो चौके लगाए। रंगना हेराथ ने ने अपनी ही गेंद पर उनका शनदार कैच लपका।

इसके बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खुद मैदान पर मोर्चा सम्भाला। उन्होंने भी गम्भीर के साथ मिलकर पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया। लेकिन 36वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी भी अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने 60 गेंदों का सामना करते हुए 31 रन बनाए। लसिथ मलिंगा ने उन्हें क्लीन बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई।

धोनी का स्थान लेने आए रोहित शर्मा एक बार फिर फ्लॉप साबित हुए। मलिंगा की पहली ही गेंद पर वह चकमा खा गए और पगबाधा करार दिए गए। वह अपना खाता भी नहीं खोल सके।

मलिंगा ने लगातार दो गेंदों पर दो विकेट लेकर भारतीय टीम को एक बार फिर बैकफुट पर धकेल दिया। दो ओवरों के बाद शतकवीर गम्भीर भी पवेलियन लौटने को मजबूर हो गए। वह रन आउट हुए। गम्भीर ने 101 गेंदों पर 102 रन बनाए। उन्होंने 10 चौके लगाए।

गम्भीर के आउट होने के बाद लगा कि भारतीय टीम के लिए इस मैच में वापसी मुश्किल होगी। उस समय टीम इंडिया को 11.3 ओवरों में जीत के लिए 91 रनों की दरकार थी। लेकिन सुरेश रैना और इरफान पठान ने अपने दम पर इस लक्ष्य को हासिल किया और भारतीय टीम को जीत दिलाई।

रैना ने 45 गेंदों पर छह चौकों और एक छक्के  की मदद से 65 रन बनाए जबकि पठान ने 31 गेंदों पर 34 रन बनाए। दोनों के बीच पांचवें विकेट पर 11.1 ओवरों में 92 रनों की साझेदारी हुई।

इससे पहले श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 286 रन बनाए। शुरुआती झटकों के बाद श्रीलंका की पारी लड़खड़ा गई थी। उसने महज 20 के योग पर चोटी के तीन बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद माहेला जयवर्धने और कुमार संगकारा ने मिलकर श्रीलंकाई टीम को मुश्किलों से निकाला। अंतिम ओवरों में एंजेलो मैथ्यूज और जीवन मेंडिस ने शतकीय साझेदारी कर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था। कुल योग में अभी नौ रन ही जुड़े थे कि तिलकरत्ने दिलशान को चार रन के निजी योग पर जहीर खान ने बोल्ड कर पवेलियन भेज दिया। पांचवें ओवर में 19 के कुल योग पर उपुल थरंगा भी चल दिए। वह आठ रन ही बना सके। जहीर की गेंद पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विकेट के पीछे उनका कैच लपका।

तीसरे नम्बर पर बल्लेबाजी करने आए दिनेश चांडीमल तो अपना खाता भी नहीं खोल सके। इरफान पठान ने उन्हें पगबाधा आउट किया।

इसके बाद संगकारा और जयवर्धने ने चौथे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला। 30वें ओवर में जयवर्धने के रूप में श्रीलंका को चौथा झटका लगा।

जयवर्धने ने 65 रनों की शानदार पारी खेली। इस दौरान उन्होंने 79 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए। राहुल शर्मा की गेंद पर वह पगबाधा आउट हुए।

जयवर्धने की जगह लेने आए मैथ्यूज ने संगकारा का अच्छा साथ निभाया। दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी हुई। 182 के कुल योग पर संगकारा भी चलते बने। उन्होंने 95 गेंदों का सामना किया और 73 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने पांच चौके लगाए।

उस समय तक लग रहा था कि श्रीलंका की टीम 250 के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी लेकिन मैथ्यूज ने मेंडिस के साथ मिलकर न सिर्फ पारी को आगे बढ़ाया बल्कि उसके बाद बिना कोई विकेट गंवाए टीम का स्कोर 286 तक पहुंचा दिया।

मैथ्यूज ने 57 गेंदों पर 71 रनों की तेज पारी खेली। इस दौरान उन्होंने पांच चौके और एक छक्का लगाया। मेंडिस ने 40 गेंदों पर 45 रन बनाए और तीन चौके व एक छक्का लगाया। दोनों ने छठे विकेट के लिए 104 रनों की नाबाद साझेदारी की।

भारत की ओर से जहीर खान सबसे सफल गेंदबाज रहे। उन्होंने दो विकेट हासिल किए। पठान, अशोक डिंडा और शर्मा के खाते में एक-एक विकेट गया। डिंडा बहुत खर्चीले साबित हुए। अपने 10 ओवर के कोटे में उन्होंने 76 रन लुटाए।

शृंखला में अब भारतीय टीम ने 2-1 की बढ़त हासिल कर ली है। इस मैच के लिए श्रीलंकाई टीम में एक परिवर्तन किया गया था। बल्लेबाज लाहिरू थिरिमान्ने की जगह जीवन मेंडिस को श्रीलंका की अंतिम एकादश टीम में जगह मिली।

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भारतीय टीम ने इस मुकाबले के लिए अपनी टीम में दो बदलाव किए थे। लेग स्पिनर राहुल शर्मा और तेज गेंदबाज अशोक डिंडा को प्रज्ञान ओझा और उमेश यादव की जगह अंतिम एकादश टीम में जगह मिली।