यह ख़बर 29 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पुलिस जांच पूरी होने तक बीसीसीआई को इंतजार करना चाहिए था : मंत्रालय

खास बातें

  • खेल मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स टीम के प्रमुख गुरुनाथ मय्यप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी मामले में क्लीन चिट देने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पुलिस जा
नई दिल्ली:

खेल मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स टीम के प्रमुख गुरुनाथ मय्यप्पन और राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी मामले में क्लीन चिट देने से पहले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को पुलिस जांच के नतीजों का इंतजार करना चाहिए था।

खेल सचिव पीके देब ने कहा, "बोर्ड इन दो लोगों को क्लीन चिट दे सकता है लेकिन उसे किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले पुलिस जांच के पूरा होने का इंतजार करना चाहिए।"

बीसीसीआई ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले को जिस तरह से हल करने की कोशिश की है, उससे मंत्रालय नाराज है। मंत्रालय ने भी मय्यप्पन के ससुर और बीसीसीआई के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को जांच पूरी होने तक सक्रिय कामकाज से दूर रहने की सलाह दी थी।

उल्लेखनीय है कि इस मामले की जांच कर रही बोर्ड की दो सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में मय्यप्पन और कुंद्रा को क्लीन चिट दे दिया। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मय्यप्पन की गिरफ्तारी से यह साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स कम्पनी किसी भी हाल में इस मामले में संलिप्त है।

साथ ही साथ इससे यह भी साबित नहीं होता कि इंडिया सीमेंट्स के निदेशक श्रीनिवासन इससे जुड़े हैं। इसके अलावा इस बात के कोई सबूत नहीं है कि आईपीएल सट्टेबाजी में मय्यप्पन ने चेन्नई सुपर किंग्स में लगा पैसा दांव पर लगाया है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान रॉयल्स टीम के तीन खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार होने के बाद आईपीएल-6 के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे हुए थे। इसमें से एक खुलासा श्रीनिवासन के दामाद और सुपर किंग्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मय्यप्पन और कुंद्रा द्वारा आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाना भी शामिल था।

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इसके बाद मय्यप्पन को गिरफ्तार कर लिया गया और कुंद्रा से पूछताछ की गई। कुंद्रा ने स्वीकार किया था कि वह सट्टेबाजी में लिप्त थे। इसके बाद कुंद्रा को जांच पूरी होने तक लीग से निलम्बित कर दिया गया था। उधर, श्रीनिवासन ने भारी दबाव के बीच जांच पूरी होने तक बोर्ड में सक्रिय कामकाज से हाथ खींच लिया था।