यह ख़बर 03 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

शिखर धवन ने भी टीम निदेशक के रूप में शास्त्री की तारीफ की

फाइल फोटो

बर्मिंघम:

सुरेश रैना के टीम निदेशक के रूप में रवि शास्त्री की भूमिका की तारीफ करने के कुछ दिनों बाद भारतीय बल्लेबाज शिखर धवन ने कहा है कि इस पूर्व कप्तान ने टेस्ट मैचों में लचर प्रदर्शन के बाद टीम में आत्मविश्वास भरा।

टेस्ट शृंखला के बाद दूसरे और तीसरे वनडे में भी खराब प्रदर्शन के बाद कल यहां नाबाद अर्द्दशतकीय पारी खेलने वाले धवन ने टीम के सहयोगी स्टाफ की तारीफ की और टीम में आत्मविश्वास लाने का श्रेय शास्त्री को दिया।

धवन ने कहा, ‘‘मैं पूरे सहयोगी स्टाफ विशेषकर रवि (शास्त्री) भाई को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने टीम से जुड़ने के बाद से हमारे अंदर काफी आत्मविश्वास भरा। साथ देने के लिए मेरे परिवार को भी धन्यवाद।’’

रैना ने भी दूसरे वनडे में टीम के अच्छे प्रदर्शन के बाद शास्त्री को इसका श्रेय दिया था।

पांच मैचों की टेस्ट शृंखला में इंग्लैंड के हाथों 1-3 की शिकस्त के बाद बीसीसीआई ने शास्त्री को टीम निदेशक बनाया था जिससे मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के भविष्य को लेकर भी अटकलें तेज हो गई थी।

भारत ने इसके बाद वनडे शृंखला में जोरदार वापसी करते हुए पांच मैचों की शृंखला में 3-0 की विजयी बढ़त बना ली है जबकि अभी एक मैच खेला जाना बाकी है। पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था।

धवन ने कल यहां चौथे वनडे में नाबाद 97 रन की पारी खेलकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि 2015 विश्व कप से पहले इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय शृंखला जीतना महत्वपूर्ण होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विश्व कप खेलना है और उससे छह महीने पहले इंग्लैंड में आसानी से शृंखला जीतने से आत्मविश्वास काफी बढ़ा है। यह इसलिए भी अधिक विशेष है क्योंकि हमने निराशाजनक टेस्ट शृंखला के बाद वापसी की।’’

धवन ने कहा, ‘‘हम जिस तरह की स्थिति से गुजरे उसके बावजूद पूरी टीम एकजुट रही। हमने प्रत्येक लम्हे में एक दूसरे का साथ दिया और एक दूसरे को आगे बढ़ने में मदद की। मुझे इन लड़कों पर गर्व है।’’

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बायें हाथ का यह बल्लेबाज कल अहम पारी खेलने से पहले खराब फार्म से जूझ रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘बिना आत्मविश्वास के मैं कल रन नहीं बना पाता। ईमानदारी से कहूं तो टेस्ट शृंखला और पहले दो वनडे के दौरान ऐसा नहीं था कि मुझे बल्ले से गेंद को खेलने में कोई दिक्कत हो रही थी। प्रत्येक बल्लेबाज के साथ ऐसा होता है। कभी कभी नेट पर अच्छा महसूस करने के बाद भी आप मैच के दौरान रन नहीं बना पाते।’’