सचिन तेंदुलकर का फाइल फोटो...
कोयंबटूर:
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि खेलों ने उन्हें गिरकर अपने पैरों पर दोबारा खड़ा होना और सही भावना के साथ प्रतिस्पर्धा करना सिखाया।
तेंदुलकर ने यहां ग्रामीण खेल शिविर के समापन के मौके पर कहा, 'ऐसा हमेशा नहीं हुआ कि मैं उतरा और सफल रहा। कई ऐसे मौके आए जब मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया, लेकिन खेलों ने मुझे गिरकर अपने पैरों पर दोबारा खड़ा होना और सही भावना के साथ प्रतिस्पर्धा करना सिखाया।' उन्होंने कहा, 'खेल मेरे लिए सब कुछ हैं और खेलों ने मुझे जीवन में कई चीजें सिखाई, अनुशासित होना और एकाग्र होना।' तेंदुलकर ने कहा, 'खेल ऐसी चीज है जो आपको खुश होने का कारण देते हैं। यही कारण है कि मैं आपके बीच हंस रहा हूं।'
तेंदुलकर ईशा फाउंडेशन के ईशा ग्रामोवत्सम में बोल रहे थे, जिसमें ग्रामीण पुरूषों और महिलाओं ने वालीबाल, थ्रोबाल, कबड्डी जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
इस महान क्रिकेटर ने फाउंडेशन को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के गांव पुत्तामारजू कांद्रिका में ऐसी खेल गतिविधियों के आयोजन का सुझाव दिया। तेंदुलकर ने इस गांव को गोद लिया है।
तेंदुलकर ने यहां ग्रामीण खेल शिविर के समापन के मौके पर कहा, 'ऐसा हमेशा नहीं हुआ कि मैं उतरा और सफल रहा। कई ऐसे मौके आए जब मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया, लेकिन खेलों ने मुझे गिरकर अपने पैरों पर दोबारा खड़ा होना और सही भावना के साथ प्रतिस्पर्धा करना सिखाया।' उन्होंने कहा, 'खेल मेरे लिए सब कुछ हैं और खेलों ने मुझे जीवन में कई चीजें सिखाई, अनुशासित होना और एकाग्र होना।' तेंदुलकर ने कहा, 'खेल ऐसी चीज है जो आपको खुश होने का कारण देते हैं। यही कारण है कि मैं आपके बीच हंस रहा हूं।'
तेंदुलकर ईशा फाउंडेशन के ईशा ग्रामोवत्सम में बोल रहे थे, जिसमें ग्रामीण पुरूषों और महिलाओं ने वालीबाल, थ्रोबाल, कबड्डी जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया।
इस महान क्रिकेटर ने फाउंडेशन को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के गांव पुत्तामारजू कांद्रिका में ऐसी खेल गतिविधियों के आयोजन का सुझाव दिया। तेंदुलकर ने इस गांव को गोद लिया है।
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