मुख्य चयनकर्ता के रूप में संदीप पाटिल का कार्यकाल हाल ही में खत्म हुआ है (फाइल फोटो)
चयन समिति के पूर्व प्रमुख संदीप पाटिल ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि सचिन तेंदुलकर यदि खुद संन्यास का फैसला नहीं करते तो उन्हें टीम इंडिया से हटाया जा सकता था. सचिन वर्ष 2012 में वनडे से रिटायर हुए थे.
भारतीय क्रिकेट में सचिन का अद्वितीय योगदान है. दो दशक से अधिक समय तक भारतीय क्रिकेट को सेवादेने के बाद उन्होंने 2013 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था. इंटरनेशनल क्रिकेट में सर्वाधिक रन बटोरने वाले इस धाकड़ बल्लेबाज ने 2012 में वनडे से संन्यास लिया था. बकौल पाटिल , यदि सचिन उस समय संन्यास नहीं लेते तो उन्हें टीम से ड्रॉप किया जा सकता था. मुख्य चयनकर्ता के तौर पर संदीप पाटिल का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है और टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर एमएसके प्रसाद ने उनका स्थान लिया है.(टीम इंडिया की कप्तानी से हटाए जाने की कगार पर पहुंच गए थे महेंद्र सिंह धोनी)
पाटिल के मुताबिक, 12 दिसंबर 2012 को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट के दौरान उस समय के चयनकर्ताओं ने तेंदुलकर से मुलाकात की थी . मराठी चैनल 'एबीपी माझा' को उन्होंने बताया, '12 दिसंबर 2012 को हम सचिन से मिले और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा.सचिन ने कहा कि उनके दिमाग में अभी रिटायरमेंट की बात नहीं है लेकिन चयन समिति सचिन को लेकर एक आम राय तक पहुंच गई...और इस बारे में बोर्ड को भी जानकारी दे दी थी. संभवत: सचिन समझ गए थे कि क्या चल रहा है क्योंकि अगली बैठक के समय, सचिन ने बताया कि वह (वनडे से) संन्यास ले रहे हैं. यदि उन्होंने संन्यास यह फैसला उस समय नहीं लिया होता तो हम निश्चित रूप से उन्हें ड्रॉप कर देते.'
पाटिल के अनुसार, सचिन टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. उन्होंने मुझे और संजय जगदाले (तत्कालीन बोर्ड सचिव) को कॉल किया था. तब यह सामूहिक रूप से तय किया गया कि वे वनडे से रिटायर होंगे' सचिन तेंदुलकर ने 23 दिसंबर 2012 को वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा. उन्होंने 463 वनडे मैचों में 49 शतकों की मदद से 18,426 रन बनाए. बीसीसीआई के तत्कालीन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने उस समय कहा था, 'उनका (सचिन का) ध्यान अगले वर्ल्डकप के लिए टीम इंडिया की तैयारी पर है. इस लिहाज से सचिन ने महसूस किया कि यह समय है कि उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए.'
हालांकि बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता के तौश्र पर अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाटिल ने इससे बात से इनकार किया कि लगातार खराब फॉर्म के कारण चयनकताओं की ओर से मास्टर ब्लास्टर पर 'फेयरवेल टेस्ट सीरीज' का दबाव डाला गया.उन्होंने कहा था कि चयनकर्ता होने पर सबसे खराब बात यह है कि आपको कुछ दोस्त गंवाने पड़ते हैं लेकिन यह खेल का हिस्सा है. कुछ मामले चयनकर्ताओं और बीसीसीआई के बीच होते है और वे गोपनीय ही रहते हैं. इनका खुलासा नहीं किया जा सकता.
वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान में आयोजित सीरीज के बाद सचिन ने टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया था. उन्होंने अंतिम टेस्ट 14 नवंबर 2013 को अपने गृहनगर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेला था. अपनी आखिरी टेस्ट पारी में उन्होंने 74 रन बनाए थे और भारत ने यह टेस्ट एक पारी 126 रन से जीता था. गौरतलब है कि सचिन ने जनवरी 2011 के बाद कोई शतक नहीं बनाया था. इस दौरान वे दो बार वे 90 से 99 के बीच के स्कोर पर आउट हुए और उनकी आखिरी 20 पारियों में तीन अर्धशतक थे. कुल मिलाकर 200 टेस्ट में सचिन ने 15, 921 रन बनाए जिसमें 51 शतक शामिल रहे.
भारतीय क्रिकेट में सचिन का अद्वितीय योगदान है. दो दशक से अधिक समय तक भारतीय क्रिकेट को सेवादेने के बाद उन्होंने 2013 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था. इंटरनेशनल क्रिकेट में सर्वाधिक रन बटोरने वाले इस धाकड़ बल्लेबाज ने 2012 में वनडे से संन्यास लिया था. बकौल पाटिल , यदि सचिन उस समय संन्यास नहीं लेते तो उन्हें टीम से ड्रॉप किया जा सकता था. मुख्य चयनकर्ता के तौर पर संदीप पाटिल का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ है और टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर एमएसके प्रसाद ने उनका स्थान लिया है.(टीम इंडिया की कप्तानी से हटाए जाने की कगार पर पहुंच गए थे महेंद्र सिंह धोनी)
पाटिल के मुताबिक, 12 दिसंबर 2012 को नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट के दौरान उस समय के चयनकर्ताओं ने तेंदुलकर से मुलाकात की थी . मराठी चैनल 'एबीपी माझा' को उन्होंने बताया, '12 दिसंबर 2012 को हम सचिन से मिले और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा.सचिन ने कहा कि उनके दिमाग में अभी रिटायरमेंट की बात नहीं है लेकिन चयन समिति सचिन को लेकर एक आम राय तक पहुंच गई...और इस बारे में बोर्ड को भी जानकारी दे दी थी. संभवत: सचिन समझ गए थे कि क्या चल रहा है क्योंकि अगली बैठक के समय, सचिन ने बताया कि वह (वनडे से) संन्यास ले रहे हैं. यदि उन्होंने संन्यास यह फैसला उस समय नहीं लिया होता तो हम निश्चित रूप से उन्हें ड्रॉप कर देते.'
पाटिल के अनुसार, सचिन टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. उन्होंने मुझे और संजय जगदाले (तत्कालीन बोर्ड सचिव) को कॉल किया था. तब यह सामूहिक रूप से तय किया गया कि वे वनडे से रिटायर होंगे' सचिन तेंदुलकर ने 23 दिसंबर 2012 को वनडे क्रिकेट को अलविदा कहा. उन्होंने 463 वनडे मैचों में 49 शतकों की मदद से 18,426 रन बनाए. बीसीसीआई के तत्कालीन मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने उस समय कहा था, 'उनका (सचिन का) ध्यान अगले वर्ल्डकप के लिए टीम इंडिया की तैयारी पर है. इस लिहाज से सचिन ने महसूस किया कि यह समय है कि उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए.'
हालांकि बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता के तौश्र पर अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाटिल ने इससे बात से इनकार किया कि लगातार खराब फॉर्म के कारण चयनकताओं की ओर से मास्टर ब्लास्टर पर 'फेयरवेल टेस्ट सीरीज' का दबाव डाला गया.उन्होंने कहा था कि चयनकर्ता होने पर सबसे खराब बात यह है कि आपको कुछ दोस्त गंवाने पड़ते हैं लेकिन यह खेल का हिस्सा है. कुछ मामले चयनकर्ताओं और बीसीसीआई के बीच होते है और वे गोपनीय ही रहते हैं. इनका खुलासा नहीं किया जा सकता.
वेस्ट इंडीज के खिलाफ घरेलू मैदान में आयोजित सीरीज के बाद सचिन ने टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया था. उन्होंने अंतिम टेस्ट 14 नवंबर 2013 को अपने गृहनगर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेला था. अपनी आखिरी टेस्ट पारी में उन्होंने 74 रन बनाए थे और भारत ने यह टेस्ट एक पारी 126 रन से जीता था. गौरतलब है कि सचिन ने जनवरी 2011 के बाद कोई शतक नहीं बनाया था. इस दौरान वे दो बार वे 90 से 99 के बीच के स्कोर पर आउट हुए और उनकी आखिरी 20 पारियों में तीन अर्धशतक थे. कुल मिलाकर 200 टेस्ट में सचिन ने 15, 921 रन बनाए जिसमें 51 शतक शामिल रहे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं