समूचे विश्व कप में अब तक कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) धुआंधार खेलते आ रहे थे. उन्होंने हर बार बहुत बड़ा स्कोर नहीं भी बनाया हो, तो कम गेंदों में तेज़ी से ताबड़तोड़ रन बनाकर शुरुआती स्पेल के दौरान ही गेंद को बहुत हद तक पुराना कर दे रहे थे. फ़ाइनल में भी उन्होंने यही किया. 151.61 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 31 गेंदों में तीन गगनचुंबी छक्कों और चार चौकों की मदद से उन्होंने 47 रन बनाए, और फिर हल्की शॉट पर विकेट गंवा बैठे.
अब तक लगभग हर बार रोहित के आउट होने पर भी हिन्दुस्तानी टीम बेहतरीन प्रदर्शन करती रही थी, क्योंकि शुभमन गिल (Shubhman Gill), विराट कोहली (Virat Kohli), श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) और के.एल. राहुल (KL Rahul) पारी को संभालते आ रहे थे. लेकिन फ़ाइनल में रोहित के आउट होने से पहले ही शुभमन गिल बचकाना शॉट खेलकर विकेट फेंक बैठे थे, और रोहित के तुरंत बाद श्रेयस अय्यर भी सिर्फ़ तीन गेंदों में चार रन (एक चौका) बनाकर पैवेलियन लौट गए.
अब सारा दारोमदार विराट कोहली और के.एल. राहुल के कंधों पर है, जिनके भरोसे अब भी उम्मीद की जा रही है कि टीम इंडिया सम्मानजनक स्कोर खड़ा कर सकेगी, और ट्रॉफ़ी जीतने की उम्मीदें बरकरार रहेंगी.
इस वक्त 16 ओवर का खेल हो चुका है, और 33 गेंदों का सामना कर विराट कोहली 34 रन बना चुके हैं, जिनमें चार चौके शामिल हैं. दूसरे छोर पर, विकेटकीपर बल्लेबाज़ के.एल. राहुल बेहद धीमी गति से 22 गेंदों का सामना कर 10 रन बनाकर जूझ रहे हैं, और उन्होंने अब गेंद को सीमारेखा नहीं दिखाई है.
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