रवींद्र जडेजा (फाइल फोटो)
बेंगलुरू:
भारत-ए और बांग्लादेश-ए के बीच रविवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय मैच में टीम इंडिया के ओपनर शिखर धवन अपनी फिटनेस साबित करने के इरादे से उतरेंगे। इसके साथ ही टीम इंडिया से बाहर किए गए ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।
धवन के लिए फिटनेस परखने का मौका
बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ लगातार दो मैचों में शतक के साथ अच्छे फॉर्म में चल रहे धवन का हाथ गाले टेस्ट के दौरान फ्रैक्चर हो गया था, जिसके कारण वह श्रीलंका के खिलाफ बाकी बचे मैचों में भाग नहीं ले पाए थे।
चोट से उबरने के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे धवन जब मेहमान टीम के खिलाफ भारत-ए की अगुआई करने उतरेंगे, तो उनके पास अपनी फिटनेस को परखने का अच्छा मौका होगा। अधिक धवन की नजरें बड़ा स्कोर बनाने के बजाय क्रीज पर अधिक समय बिताने पर टिकी होंगी, जिससे कि यह पता चल सके कि उन्हें बल्लेबाजी करने में कोई परेशानी तो नहीं है। रूबेल हुसैन और अल अमीन हुसैन जैसे गेंदबाजों का सामना करने से उन्हें दो अक्टूबर को धर्मशाला में टी-20 के साथ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही सीरीज की अच्छी तैयारी का मौका मिलेगा।
जडेजा के लिए बड़ी परीक्षा
महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली वनडे टीम का अहम हिस्सा रहे जडेजा के लिए यह बड़ी परीक्षा होगी, क्योंकि चयनकर्ताओं ने उन्हें अब सभी प्रारूपों की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जडेजा को टी-20 मैचों और पहले तीन वनडे मैचों की टीम में जगह नहीं मिली है। चयनकर्ताओं ने उन्हें स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर उन्हें दोबारा राष्ट्रीय सीनियर टीम में चयन के लिए दावेदारी पेश करनी है तो अपने खेल में सुधार करना होगा।
टेस्ट टीम में जडेजा के जगह बनाने की संभावना काफी कम है, लेकिन इस तीन दिवसीय मैच से उन्हें संदीप पाटिल की अगुआई वाली चयन समिति को प्रभावित करने का मौका मिलेगा, जिससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 72 दिन चलने वाली घरेलू सीरीज में उनके लिए कोई मौका बन सके। जडेजा अगर यहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अक्षर पटेल प्रभावित करने में नाकाम रहते हैं तो सौराष्ट्र के इस क्रिकेट के लिए संभवत: मौका बन सकता है।
आरोन और ओझा के लिए भी मौका
इसके अलावा वरुण आरोन और नमन ओझा भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे। विराट कोहली तेज गेंदबाजों पर जोर दे रहे हैं और ऐसे में आरोन भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वह तेज गति से गेंदबाजी करने के अलावा प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं। वह विकेट हासिल करने वाली अधिक गेंद फेंकने में नाकाम रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश-ए के खिलाफ खुद को साबित करना चाहेंगे।
एसएससी में श्रीलंका के खिलाफ दोनों पारियों में नमन ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन दोनों बार खराब शाट खेलकर पवेलियन लौटे। नियमित टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा पर अगर उन्हें दबाव बनाना है, तो रविवार से शुरू हो रहे मैच में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। अगली पीढ़ी के बल्लेबाजों में दो सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी करुण नायर और श्रेयश अय्यर के पास एक बार फिर छाप छोड़ने का मौका होगा।
मैसूर में पहले प्रथम श्रेणी मैच में रणजी ट्रॉफी चैंपियन कर्नाटक के खिलाफ शिकस्त के बाद बांग्लादेश-ए की टीम इस मैच में वापसी करके माकूल जवाब देना चाहेगी।
धवन के लिए फिटनेस परखने का मौका
बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ लगातार दो मैचों में शतक के साथ अच्छे फॉर्म में चल रहे धवन का हाथ गाले टेस्ट के दौरान फ्रैक्चर हो गया था, जिसके कारण वह श्रीलंका के खिलाफ बाकी बचे मैचों में भाग नहीं ले पाए थे।
चोट से उबरने के बाद राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे धवन जब मेहमान टीम के खिलाफ भारत-ए की अगुआई करने उतरेंगे, तो उनके पास अपनी फिटनेस को परखने का अच्छा मौका होगा। अधिक धवन की नजरें बड़ा स्कोर बनाने के बजाय क्रीज पर अधिक समय बिताने पर टिकी होंगी, जिससे कि यह पता चल सके कि उन्हें बल्लेबाजी करने में कोई परेशानी तो नहीं है। रूबेल हुसैन और अल अमीन हुसैन जैसे गेंदबाजों का सामना करने से उन्हें दो अक्टूबर को धर्मशाला में टी-20 के साथ दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू हो रही सीरीज की अच्छी तैयारी का मौका मिलेगा।
जडेजा के लिए बड़ी परीक्षा
महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई वाली वनडे टीम का अहम हिस्सा रहे जडेजा के लिए यह बड़ी परीक्षा होगी, क्योंकि चयनकर्ताओं ने उन्हें अब सभी प्रारूपों की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जडेजा को टी-20 मैचों और पहले तीन वनडे मैचों की टीम में जगह नहीं मिली है। चयनकर्ताओं ने उन्हें स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर उन्हें दोबारा राष्ट्रीय सीनियर टीम में चयन के लिए दावेदारी पेश करनी है तो अपने खेल में सुधार करना होगा।
टेस्ट टीम में जडेजा के जगह बनाने की संभावना काफी कम है, लेकिन इस तीन दिवसीय मैच से उन्हें संदीप पाटिल की अगुआई वाली चयन समिति को प्रभावित करने का मौका मिलेगा, जिससे दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 72 दिन चलने वाली घरेलू सीरीज में उनके लिए कोई मौका बन सके। जडेजा अगर यहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं और अक्षर पटेल प्रभावित करने में नाकाम रहते हैं तो सौराष्ट्र के इस क्रिकेट के लिए संभवत: मौका बन सकता है।
आरोन और ओझा के लिए भी मौका
इसके अलावा वरुण आरोन और नमन ओझा भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे। विराट कोहली तेज गेंदबाजों पर जोर दे रहे हैं और ऐसे में आरोन भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन वह तेज गति से गेंदबाजी करने के अलावा प्रभावित करने में नाकाम रहे हैं। वह विकेट हासिल करने वाली अधिक गेंद फेंकने में नाकाम रहे हैं, लेकिन बांग्लादेश-ए के खिलाफ खुद को साबित करना चाहेंगे।
एसएससी में श्रीलंका के खिलाफ दोनों पारियों में नमन ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन दोनों बार खराब शाट खेलकर पवेलियन लौटे। नियमित टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा पर अगर उन्हें दबाव बनाना है, तो रविवार से शुरू हो रहे मैच में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। अगली पीढ़ी के बल्लेबाजों में दो सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी करुण नायर और श्रेयश अय्यर के पास एक बार फिर छाप छोड़ने का मौका होगा।
मैसूर में पहले प्रथम श्रेणी मैच में रणजी ट्रॉफी चैंपियन कर्नाटक के खिलाफ शिकस्त के बाद बांग्लादेश-ए की टीम इस मैच में वापसी करके माकूल जवाब देना चाहेगी।
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