
Ravi Shastri react on Rohit Sharma: रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. रोहित ने टेस्ट में 67 मैच खेले और इस दौरान 4301 रन बनाने में सफल रहे. रोहित शर्मा ने टेस्ट में 12 शतक और 18 अर्धशतक जमाने में सफलता हासिल की. रोहित शर्मा टेस्ट में बतौर ओपनर काफी सफल रहे. बतौर ओपनर रोहित ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से फैन्स का दिल जीतने में सफलता हासिल की. भले ही रोहित अब टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा नहीं होंगे लेकिन जिस अंदाज में वो ओपनिंग किया करते थे, उसकी यादें हमेशा के लिए फैन्स के जेहन में कैद हो गई है. अब जब रोहित ने टेस्ट से संन्यास का ऐलान कर दिया है तो भारतीय दिग्गज को लेकर पूर्व कोच रवि शास्त्री ने अपनी राय दी है.
पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri on Rohit Sharma) ने बताया है कि कैसे रोहित टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर अपनी बल्लेबाजी से विश्व क्रिकेट का दिल जीतने में सफल रहे. बता दें कि रोहित पहले टेस्ट में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में आए थे, लेकिन बाद में भारतीय बल्लेबाज शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने लगे, रोहित का टेस्ट में ओपनिंग बल्लेबाज बनने के पीछे एक बड़ा कारण रवि शास्त्री रहे हैं. शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू के हालिया एपिसोड में रोहित के बारे में विस्तार से बात की, और उनके ओपनिंग बल्लेबाज बनने को लेकर खुलासा किया.
रोहित को अपने करियर के शुरुआती दौर में एक बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में जाना जाता था, लेकिन शास्त्री के कारण 2019 में इस आक्रामक बल्लेबाज को ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी करने का मौका मिला, जिसका रोहित को उनके करियर में काफी फायदा मिला. शास्त्री ने कहा, "चार, पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए रोहित ऊब जाता था..फिर मैंने इ पर विचार करना शुरू किया कि वह वनडे क्रिकेट में इतना सफल क्यों है? उसे मैदान पर जाकर जल्दी बल्लेबाजी करना पसंद है. मैंने कहा, अगर वह पहले बैटिंग करेगा तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने के लिए पर्याप्त समय होगा. उसे तेज गेंदबाजों के खिलाफ शॉट लगाने और उनका सामना करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. यदि वह पहले बल्लेबाजी करता है तो उसके लिए और टीम के लिए अच्छा होगा. "
" शास्त्री ने आगे कहा कि, " उन्होंने 2019 में ICC पुरुष क्रिकेट विश्व कप के दौरान ही रोहित को टेस्ट में बतौर ओपनर टीम में शामिल करने के बारे में सोच लिया था. 2019 में ICC पुरुष क्रिकेट विश्व कप में उन्होंने पांच शतक लगाए थे और 81 की औसत से 648 रन बनाकर टूर्नामेंट को समाप्त किया था.
उनके प्रदर्शन को देखते हुए शास्त्री ने तत्कालीन कप्तान विराट कोहली के सामने रोहित को टेस्ट ओपनर के रूप में शामिल करने का विचार रखा और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने इसके बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ़ शीर्ष क्रम में अपने पहले टेस्ट में दो शतक लगाए और कमाल कर दिया. उन्होंने अपने टेस्ट करियर के 12 शतक में से 9 शतक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज के तौर पर लगाए हैं,
शास्त्री ने कहा, "उसने पांचवें और छठे नंबर पर काफ़ी बल्लेबाज़ी की और वह इस क्रम पर खुद को संतुष्ट नहीं मानते थे. वह 20 या 30 रन बनाकर आउट हो जाता था. तब मैंने सोचा चलो उसे दबाव में डालते हैं और उसे ऊपर भेजते हैं. और मुझे याद है कि मैंने उसे वेस्टइंडीज में कहा था 'हम चाहते हैं कि तुम ओपन करो'."
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