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This Article is From Nov 10, 2016

राजकोट टेस्‍ट : सुनील गावस्कर ने उठाए तकनीक पर सवाल तो मोइन अली ने खेला माइंड गेम

राजकोट टेस्‍ट : सुनील गावस्कर ने उठाए तकनीक पर सवाल तो मोइन अली ने खेला माइंड गेम
नई दिल्‍ली: राजकोट टेस्ट की पहली पार में इंग्लैंड का 500 के पार स्कोर ले जाना टीम इंडिया की चुनौती कितनी मुश्किल कर गया है इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि विदेशी टीम ने 25वीं बार भारत में ये (500 का) आंकड़ा पार किया है. पिछले 24 बार भारत कभी भी जीत हासिल नहीं कर सका.

टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने पहली पारी में कई कैच छोड़े जिसकी वजह से इंग्लैंड के खिलाड़ियों को इस स्कोर तक पहुंचने में बहुत आसानी हुई. लेकिन पहली पारी में शतक लगाने वाले ऑलराउंडर मोइन अली ने इसी बात पर ज़ोर डालकर शायद एक माइंड गेम भी खेलने की कोशिश की है. राजकोट में दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद मोइन अली ने कहा, 'हमने ऐसा पहले भी किया है. ऐसा क्रिकेट में होता है. लेकिन कैच छूटे और दिन में हमारी लय बन गई. लेकिन क्रिकेट में ऐसा होता है और मुझे यकीन है खिलाड़ी (टीम इंडिया के) इस पर काम कर रहे होंगे.'

दरअसल भारतीय फ़ील्डर्स ने मैच के पहले दिन पहले ही घंटे में तीन कैच छोड़ दिए. यही नहीं, दूसरे दिन बेन स्टोक्स के दो कैच छूटे (60 और 61 के स्कोर पर ऋद्धिमान साहा और उमेश यादव ने छोड़े कैच) और स्टोक्स ने पारी में सबसे ज़्यादा 128 रन बना लिए.

राजकोट टेस्ट के पहले दिन पहले ही ओवर में मोहम्मद शमी की गेंद पर एलिस्टर कुक का कैच गली में छूटा. फिर दूसरे ओवर में उमेश यादव की गेंद पर विराट कोहली कैच लपक नहीं पाये. इन सबके अलावा भी भारतीय फ़ील्डिंग का स्तर उम्दा नहीं कहा जा सकता जिसे लेकर टीम मैनेजमेंट ज़रूर फ़िक्रमंद होगी. लेकिन मोइन अली ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस बात पर ज़ोर डालकर टीम इंडिया पर शायद एक अलग दबाव बनाने की कोशिश की है.

यहां तक कि पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी भारतीय टीम की फ़ील्डिंग की आलोचना की. NDTV से बात करते हुए गावस्कर ने कहा, 'मैदान पर अजिंक्य रहाणे के अलावा बाक़ी खिलाड़ी घुटनों पर हाथ रख कर खड़े होते हैं जो सही तकनीक नहीं है. ऑस्ट्रेलिया और द. अफ़्रीका में गेंद कमर से ऊपर आती है. लेकिन भारत की पिचों पर गेंद घुटनों से नीचे आती है. इसलिए झुक कर खड़े होना ज़रूरी है.'

इससे पहले 32 टेस्ट में 88 विकेट ले चुके मोइन अली ने ये भी कहा कि पिच की उछाल और दरार उनकी गेंदबाज़ी को मदद कर सकती है. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और दाएं हाथ के इस ऑफ़ स्पिनर ने कहा, 'इस पिच की उछाल कम हो रही है. पिच की दरार खुल रही है. पिच में स्पिन भी थी. ये पिच कल और आज अच्छी थी. मुझे लगता है इस पिच की उछाल मुश्किलें पैदा करेगी.' उन्होंने यह भी कहा कि यहां की पिच बांग्लादेश से बिल्कुल अलग है. लेकिन ये भी कहा कि उन्हें पता है कि यहां की पिचें उनके लिए आगे भी मुश्किल होने जा रही हैं.

बर्मिंघम के 29 साल के इस ऑलराउंडर ने कहा कि वो 200 गेंद खेलने का लक्ष्य बनाकर उतरते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर वो 200 गेंदें खेल लेते हैं तो वो शतक बना सकते हैं. उन्होंने बताया कि वो बतौर स्पिनर भी अपना रोल अच्छी तरह अदा करना चाहते हैं. उन्होंने ये भी उम्मीद जताई कि मैच में नतीजा निकलेगा. यानी बिना कोई विकेट खोए 474 के पहाड़ का पीछा कर रही टीम इंडिया के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं. जैसा कि मैच शुरू होने से पहले कप्तान विराट कोहली ने कप्तान एलिस्टर कुक के बयान (कुक ने अपनी टीम को अंडरडॉग का तमगा दिया था) पर कहा था कि वो इंग्लैंड की बातों पर फ़ोकस नहीं रखना चाहते. उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार भी टीम इंडिया ड्रेसिंग रूम में अपने प्लान को ठोस तरीके से लागू करने की योजना पर काम कर रही होगी.

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