नई दिल्ली:
क़रीब छह साल के लंबे अंतराल के बाद आख़िरकार आईसीसी की कोई फ़ुल मेंबर टीम पाकिस्तान जाकर खेलने को राजी हो गई है। मार्च 2009 में पाकिस्तान में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले के बाद कोई भी टीम पाकिस्तान जाकर खेलने को राजी नहीं थी।
लेकिन ज़िम्बाब्वे की टीम पाकिस्तान जाकर खेलने को राजी हो गई जिससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बड़ी राहत महसूस कर रहा है। ये सभी मैच लाहौर में खेले जाएंगे। ज़िम्बाब्वे की टीम पाकिस्तान में 2 टी20 और 3 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेलेगी। ये मैच 22 से 31 मई तक खेले जाएंगे। ज़िंबाब्वे की टीम 19 मई को पाकिस्तान पहुंचेगी।
पाकिस्तान क्रिकेट की माली हालत तभी ठीक होगी जब ज़िंबाब्वे के सहारे दूसरे देशों की क्रिकेट टीमों में भी भरोसा जता सकें। ये आसान नहीं होगा। क्योंकि सुरक्षा तो अहम मुद्दा है ही। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अंदर मौजूद विवादों ने उनकी हालत को और ख़राब कर दिया है। इमरान ख़ान पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में ज़्यादातर लोगों को क्रिकेट की जानकारी नहीं है और बोर्ड में हद से ज़्यादा भाई-भतीजावाद है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद रहती है कि वो ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय टीम के साथ मैच खेलेंगे तो उनके पास ज़्यादा पैसे आएंगे और उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी। लेकिन ज़िंबाब्वे की सीढ़ी के सहारे भारत तक पहुंचने के बीच उन्हें लंबा रास्ता तय करना होगा।
क़रीब छह साल पहले 2009 में आतंकवादियों ने लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हमला कर दिया था जिसमें कई खिलाड़ी घायल भी हो गए थे। 3 मार्च 2009 को लाहौर के कर्नल गद्दाफ़ी स्टेडियम में हुए उस हमले की तस्वीरों का असर फ़ैन्स और क्रिकेट खिलाड़ियों के मन में अब भी गहराया हुआ है।
क्रिकइन्फ़ो में छपी ख़बरों के मुताबिक ज़िंबबाब्वे के कई क्रिकेटर डरे हुए हैं और नर्वस भी हैं। लेकिन इस बार जीत क्रिकेट की हो इसे तय करने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान सरकार को बहुत कोशिशें करनी होंगी।
उस आतंकी हमले के बाद से कोई भी अंतरराष्ट्रीय टीम पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेलने को राजी नहीं थी। लेकिन ज़िंबाब्वे का पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेलने का फ़ैसला पाक बोर्ड में एक तरह से नई जान डाल सकता है। इसके बाद ज़ाहिर तौर पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दूसरी टीमों और ख़ासकर भारतीय क्रिकेट संघ से अपनी टीम को भेजने की उम्मीद करेगा। बगैर इन दौरों के पाकिस्तान क्रिकेट की हालत लगातार बिगड़ गई है।
ज़िंबाब्वे की टीम अपने मशहूर कोच डैव वॉटमोर के साथ पाकिस्तान पहुंचेगी। ज़िंबाब्वे क्रिकेट ने वॉटमोर के साथ चार और साल के लिए क़रार कर लिया है। ज़िंबाब्वे क्रिकेट के मैनेजिंग डायरेक्टर और पूर्व कप्तान एलिस्टर कैंपबेल ने ये भी बताया कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम तीन महीने बाद अगस्त में ज़िंबाब्वे का दौरा करेगा।
लेकिन ज़िम्बाब्वे की टीम पाकिस्तान जाकर खेलने को राजी हो गई जिससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बड़ी राहत महसूस कर रहा है। ये सभी मैच लाहौर में खेले जाएंगे। ज़िम्बाब्वे की टीम पाकिस्तान में 2 टी20 और 3 अंतरराष्ट्रीय वनडे मैच खेलेगी। ये मैच 22 से 31 मई तक खेले जाएंगे। ज़िंबाब्वे की टीम 19 मई को पाकिस्तान पहुंचेगी।
पाकिस्तान क्रिकेट की माली हालत तभी ठीक होगी जब ज़िंबाब्वे के सहारे दूसरे देशों की क्रिकेट टीमों में भी भरोसा जता सकें। ये आसान नहीं होगा। क्योंकि सुरक्षा तो अहम मुद्दा है ही। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अंदर मौजूद विवादों ने उनकी हालत को और ख़राब कर दिया है। इमरान ख़ान पहले ही कह चुके हैं कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में ज़्यादातर लोगों को क्रिकेट की जानकारी नहीं है और बोर्ड में हद से ज़्यादा भाई-भतीजावाद है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को उम्मीद रहती है कि वो ज़्यादा से ज़्यादा भारतीय टीम के साथ मैच खेलेंगे तो उनके पास ज़्यादा पैसे आएंगे और उनकी मुश्किलें कम हो जाएंगी। लेकिन ज़िंबाब्वे की सीढ़ी के सहारे भारत तक पहुंचने के बीच उन्हें लंबा रास्ता तय करना होगा।
क़रीब छह साल पहले 2009 में आतंकवादियों ने लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हमला कर दिया था जिसमें कई खिलाड़ी घायल भी हो गए थे। 3 मार्च 2009 को लाहौर के कर्नल गद्दाफ़ी स्टेडियम में हुए उस हमले की तस्वीरों का असर फ़ैन्स और क्रिकेट खिलाड़ियों के मन में अब भी गहराया हुआ है।
क्रिकइन्फ़ो में छपी ख़बरों के मुताबिक ज़िंबबाब्वे के कई क्रिकेटर डरे हुए हैं और नर्वस भी हैं। लेकिन इस बार जीत क्रिकेट की हो इसे तय करने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तान सरकार को बहुत कोशिशें करनी होंगी।
उस आतंकी हमले के बाद से कोई भी अंतरराष्ट्रीय टीम पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेलने को राजी नहीं थी। लेकिन ज़िंबाब्वे का पाकिस्तान जाकर क्रिकेट खेलने का फ़ैसला पाक बोर्ड में एक तरह से नई जान डाल सकता है। इसके बाद ज़ाहिर तौर पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड दूसरी टीमों और ख़ासकर भारतीय क्रिकेट संघ से अपनी टीम को भेजने की उम्मीद करेगा। बगैर इन दौरों के पाकिस्तान क्रिकेट की हालत लगातार बिगड़ गई है।
ज़िंबाब्वे की टीम अपने मशहूर कोच डैव वॉटमोर के साथ पाकिस्तान पहुंचेगी। ज़िंबाब्वे क्रिकेट ने वॉटमोर के साथ चार और साल के लिए क़रार कर लिया है। ज़िंबाब्वे क्रिकेट के मैनेजिंग डायरेक्टर और पूर्व कप्तान एलिस्टर कैंपबेल ने ये भी बताया कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम तीन महीने बाद अगस्त में ज़िंबाब्वे का दौरा करेगा।
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