नई दिल्ली:
पहली बार एक टेस्ट मैच के आयोजन की निगरानी का अनुभव ले रहे हाईकोर्ट से नियुक्त पर्यवेक्षक न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मुकुल मुद्गल से इसे 'दिलचस्प अनुभव' करार देते हुए कहा कि वह ऐसा महसूस कर रहे हैं कि मानो 'बेटी की शादी' हो।
मुद्गल ने हालांकि इस पर टिप्पणी नहीं कि वह विवादों से घिरे डीडीसीए के साथ काम करके कैसा महसूस कर रहे हैं। पदभार संभालने के बाद से लेकर अब तक अनुभव के बारे पूछे जाने पर मुद्गल ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'यह लगभग मेरी बेटी की शादी की तरह है। असल में मेरी बेटी नहीं है, लेकिन मैं जानता हूं कि शादी से पहले लड़की के माता-पिता को किस स्थिति से गुजरना पड़ता है। विशेषकर तब जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमारे पास बहुत कम समय है। हो सकता है कि हमारी कुछ कमजोरियां होंगी, लेकिन इस अनुभव से हम समझदार बनेंगे।'
डीडीसीए के साथ काम करने के अनुभव के बारे में मुद्गल ने कहा, 'देखिये यदि अभी मैं प्रतिकूल टिप्पणी करता हूं, तो यह मुझे भी अच्छा नहीं लगेगा। यह उचित नहीं होगा। अनुभव दिलचस्प रहा है। इसके अलावा मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं।' एक अन्य पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें डीडीसीए अधिकारियों से सहयोग मिल रहा है, उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया, 'हां और नहीं।'
मुदगल ने आगे बताया, 'लगभग 8250 बच्चों, जिनमें मूक बधिर बच्चे भी शामिल हैं, के लिए मुफ्त टिकट, मुफ्त परिवहन सुविधा (दिल्ली सरकार द्वारा), मुफ्त भोजन, कोल्ड ड्रिंक, मुफ्त पानी और फलों की व्यवस्था की गई है।'
मुदगल ने हालांकि कहा, 'दैनिक टिकटों की बिक्री के लिए जेपी पार्क और बाल भवन में भी दो कियोस्क लगाए जाएंगे। हम दैनिक टिकट इसलिए बेचेंगे क्योंकि टेस्ट मैच हो सकता है कि पूरे पांच दिन नहीं चले। मैं नहीं जानता कि पिच की प्रकृति कैसी है और मेरा इस पर नियंत्रण नहीं है।'
उन्होंने इसके साथ ही बताया कि उन्होंने तथा निविदा प्रक्रिया को देख रहे पूर्व उप-नियंत्रक और महालेखापरीक्षक आईपी सिंह ने भी अपने लिए टिकट खरीदे हैं। मुदगल ने कहा, 'मैंने और आईपी सिंह ने भी कम्पलीमेंट्री टिकट (मुफ्त टिकट) लेने से इनकार कर दिया। हमने अपने लिए टिकट खरीदे हैं। इस तरह के टिकटों से विवाद पैदा होते हैं और हमने अपनी टिकटें खरीदकर उदाहरण पेश किया है।'
रिपार्टों के अनुसार डीडीसीए ने इस बार स्टेडियम के अधिकार 2.05 करोड़ रुपये में बेचकर रिकॉर्ड बनाया है। मुद्गल ने कहा, 'स्टेडियम के अधिकार बेचने के बाद हमारे पास हर दिन के खर्चे के लिए पैसा है। सभी निविदा दस्तावेजों की जांच आईपी सिंह ने की जिनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मैच के बाद मैं आपको बता सकता हूं कि हमने निविदा से कितनी रकम बचाई।'
मुद्गल ने हालांकि इस पर टिप्पणी नहीं कि वह विवादों से घिरे डीडीसीए के साथ काम करके कैसा महसूस कर रहे हैं। पदभार संभालने के बाद से लेकर अब तक अनुभव के बारे पूछे जाने पर मुद्गल ने मजाकिया अंदाज में कहा, 'यह लगभग मेरी बेटी की शादी की तरह है। असल में मेरी बेटी नहीं है, लेकिन मैं जानता हूं कि शादी से पहले लड़की के माता-पिता को किस स्थिति से गुजरना पड़ता है। विशेषकर तब जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमारे पास बहुत कम समय है। हो सकता है कि हमारी कुछ कमजोरियां होंगी, लेकिन इस अनुभव से हम समझदार बनेंगे।'
डीडीसीए के साथ काम करने के अनुभव के बारे में मुद्गल ने कहा, 'देखिये यदि अभी मैं प्रतिकूल टिप्पणी करता हूं, तो यह मुझे भी अच्छा नहीं लगेगा। यह उचित नहीं होगा। अनुभव दिलचस्प रहा है। इसके अलावा मैं और कुछ नहीं कहना चाहता हूं।' एक अन्य पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें डीडीसीए अधिकारियों से सहयोग मिल रहा है, उन्होंने मुस्कराते हुए जवाब दिया, 'हां और नहीं।'
मुदगल ने आगे बताया, 'लगभग 8250 बच्चों, जिनमें मूक बधिर बच्चे भी शामिल हैं, के लिए मुफ्त टिकट, मुफ्त परिवहन सुविधा (दिल्ली सरकार द्वारा), मुफ्त भोजन, कोल्ड ड्रिंक, मुफ्त पानी और फलों की व्यवस्था की गई है।'
मुदगल ने हालांकि कहा, 'दैनिक टिकटों की बिक्री के लिए जेपी पार्क और बाल भवन में भी दो कियोस्क लगाए जाएंगे। हम दैनिक टिकट इसलिए बेचेंगे क्योंकि टेस्ट मैच हो सकता है कि पूरे पांच दिन नहीं चले। मैं नहीं जानता कि पिच की प्रकृति कैसी है और मेरा इस पर नियंत्रण नहीं है।'
उन्होंने इसके साथ ही बताया कि उन्होंने तथा निविदा प्रक्रिया को देख रहे पूर्व उप-नियंत्रक और महालेखापरीक्षक आईपी सिंह ने भी अपने लिए टिकट खरीदे हैं। मुदगल ने कहा, 'मैंने और आईपी सिंह ने भी कम्पलीमेंट्री टिकट (मुफ्त टिकट) लेने से इनकार कर दिया। हमने अपने लिए टिकट खरीदे हैं। इस तरह के टिकटों से विवाद पैदा होते हैं और हमने अपनी टिकटें खरीदकर उदाहरण पेश किया है।'
रिपार्टों के अनुसार डीडीसीए ने इस बार स्टेडियम के अधिकार 2.05 करोड़ रुपये में बेचकर रिकॉर्ड बनाया है। मुद्गल ने कहा, 'स्टेडियम के अधिकार बेचने के बाद हमारे पास हर दिन के खर्चे के लिए पैसा है। सभी निविदा दस्तावेजों की जांच आईपी सिंह ने की जिनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। मैच के बाद मैं आपको बता सकता हूं कि हमने निविदा से कितनी रकम बचाई।'
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