
चोट से उबरने के बाद दलीप ट्रॉफी से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी करने वाले भारतीय ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर की निगाहें अब लाल गेंद के अपने करियर को नया जीवन देने पर लगी हैं. वॉशिंगटन को पिछले सप्ताह दक्षिण क्षेत्र की तरफ से उत्तर क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल में लाल गेंद के प्रारूप में अपने कौशल को परखने का मौका मिला था. उनकी वापसी हालांकि शानदार नहीं रही। उन्होंने कुल 11 ओवर किए जिसमें उन्हें एक विकेट मिला. और बल्लेबाजी में वह केवल 14 रन ही बना पाए. उनके ये आंकड़े भले ही आकर्षक नहीं हों लेकिन वॉशिंगटन को इनमें भी उम्मीद की किरण नजर आती हैं.
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वॉशिंगटन ने पश्चिम क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी फाइनल की पूर्व संध्या पर कहा,‘दलीप ट्रॉफी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर हम यहां अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो इससे हमारा काफी मनोबल बढ़ेगा और अपने कौशल के प्रति विश्वास पैदा होगा.'
उन्होंने कहा,‘‘जब भी मुझे लाल गेंद की क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है, तो मुझे अधिक अनुभव हासिल होता है और मैं कई नई चीजें सीखता हूं. मुझे विश्वास है कि मैं काउंटी क्रिकेट में खेलूंगा और इससे मुझे बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद मिलेगी.' वॉशिंगटन अभी 23 वर्ष के हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों से चोटों से जूझ रहे हैं. वह चोटिल होने के कारण आईपीएल 2023 में भी नहीं खेल पाए थे.
कुछ ऐसा रहा है टेस्ट में प्रदर्शन
वॉशिंगटन ने अभी तक अपने छोटे से करियर में खेले चार टेस्ट मैचों में 66.25 के औसत से 265 रन बनाए हैं. उनका बेस्ट स्कोर नाबाद 96 रहा है. इन चार टेस्ट की छह पारियों में सुंदर ने 3 अर्द्धशतक भी जमा किए हैं, तो वह छह विकेट लेने में भी कामयाब रहे हैं, जो बताता है कि अगर वह अपने पर काम जारी रखते हैं, तो भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में अच्छी एसेट साबित हो सकते हैं.
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