नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। चेक बाउंस मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने यह कार्रवाई फैसला सुनाए जाने के दिन अजहरुद्दीन के पेश न होने पर की है। महानगर दंडाधिकारी विक्रांत वैद ने अजहरुद्दीन के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया।
उनके वकील फिरोज खान गाजी ने कहा कि उनके मुवक्किल उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने के कारण अदालत में पेश नहीं हुए। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 1 मार्च तय की है। शिकायतकर्ता संजय सोलंकी के अनुसार, उन्होंने मुंबई के बांद्रा में सम्पत्ति खरीदने में अजहरुद्दीन को डेढ़ करोड़ रुपये की मदद की थी। करारनामे के मुताबिक अजहर पेशगी राशि डेढ़ करोड़ रुपये की दोगुनी राशि का भुगतान करने को राजी हुए थे।
शिकायतकर्ता के वकील गुरविंदर सिंह तलवार ने कहा कि जब अजहर की ढिलाई के कारण सौदा पक्का नहीं हो पाया, तब उन्होंने पेशगी राशि की दोगुनी रकम देने से इनकार कर दिया। अजहर ने शिकायतकर्ता के नाम डेढ़ करोड़ रुपये के दो चेक जारी किए, जो बाउंस हो गए। आरोप तय किए जाने के दौरान अजहर ने खुद के निर्दोष होने का दावा किया था और अदालत से कहा था कि वह शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं। उनकी पहली बार अदालत में ही उससे मुलाकात हुई।
अजहर ने 21 जुलाई, 2011 को अदालत से कहा था कि उन्होंने करारनामे के मुताबिक उस व्यक्ति को भुगतान कर दिया था, जिसने सौदा तय किया। सांसद के दिल्ली के पते से एक अन्य व्यक्ति ने रुपये भेजे थे। सांसद ने कहा, उस व्यक्ति ने मुझसे कहा कि उसने सोलंकी को रुपये दे दिए हैं।
उनके वकील फिरोज खान गाजी ने कहा कि उनके मुवक्किल उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने के कारण अदालत में पेश नहीं हुए। अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 1 मार्च तय की है। शिकायतकर्ता संजय सोलंकी के अनुसार, उन्होंने मुंबई के बांद्रा में सम्पत्ति खरीदने में अजहरुद्दीन को डेढ़ करोड़ रुपये की मदद की थी। करारनामे के मुताबिक अजहर पेशगी राशि डेढ़ करोड़ रुपये की दोगुनी राशि का भुगतान करने को राजी हुए थे।
शिकायतकर्ता के वकील गुरविंदर सिंह तलवार ने कहा कि जब अजहर की ढिलाई के कारण सौदा पक्का नहीं हो पाया, तब उन्होंने पेशगी राशि की दोगुनी रकम देने से इनकार कर दिया। अजहर ने शिकायतकर्ता के नाम डेढ़ करोड़ रुपये के दो चेक जारी किए, जो बाउंस हो गए। आरोप तय किए जाने के दौरान अजहर ने खुद के निर्दोष होने का दावा किया था और अदालत से कहा था कि वह शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते हैं। उनकी पहली बार अदालत में ही उससे मुलाकात हुई।
अजहर ने 21 जुलाई, 2011 को अदालत से कहा था कि उन्होंने करारनामे के मुताबिक उस व्यक्ति को भुगतान कर दिया था, जिसने सौदा तय किया। सांसद के दिल्ली के पते से एक अन्य व्यक्ति ने रुपये भेजे थे। सांसद ने कहा, उस व्यक्ति ने मुझसे कहा कि उसने सोलंकी को रुपये दे दिए हैं।
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