Nidas Trophy Final: इस बात से खफा थे दिनेश कार्तिक, रोहित शर्मा का जवाब क्रिकेटप्रेमियों को हजम नहीं हो रहा

एक आम क्रिकेटप्रेमी की भी यह समझ में नहीं आया कि आखिर यह कैसी रणनीति थी. और खिताब की कीमत पर इतना बड़ा जोखिम क्यों लिया गया.

Nidas Trophy Final: इस बात से खफा थे दिनेश कार्तिक,  रोहित शर्मा का जवाब क्रिकेटप्रेमियों को हजम नहीं हो रहा

मैन ऑफ द मैच दिनेश कार्तिक और रोहित शर्मा

खास बातें

  • रोहित यह जवाब कुछ हजम नहीं हुआ!
  • शर्मिंदगी से बच गए रोहित शर्मा और रवि शास्त्री
  • इन सवालों का जवाब कौन देगा?
नई दिल्ली:

टीम इंडिया ने फाइनल में बांग्लादेश को चार विकेट से हराकर भले ही निधास टी20 ट्रॉई सीरीज टूर्नामेंट का खिताब अपनी झोली में डाल लिया हो, लेकिन करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के बीच अभी भी उनके फैसले को लेकर चर्चा चल रही है. अब यह बात अलग है कि जब रिजल्ट अच्छा हो, तो सब सही हो जाता है और लोग बिसरा कर देते हैं. लेकिन भारतीय क्रिकेटप्रेमी खिताबी जीत के बाद भी इस पर चर्चा कर रहे हैं. 
 

वास्तव में किसी भी बल्लेबाज के लिए समय बैटिंग के लिए आना बहुत ही मुश्किल होता है, जब उसकी टीम को जीतने के लिए आखिरी दो ओवर में 34 रन बनाने हों. यह समस्या तब और बढ़ जाती है, जब बैटिंग करने आने से पहले ही उसका मूड खराब हो चुका हो. वास्तव में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अपनी भयावह गलती से खिताब करीब-करीब 90 फीसदी गंवा दिया था. लेकिन यह दिनेश कार्तिक की काबिलियत ही रही कि उन्होंने एक तय हार को जीत में तब्दील कर दिया. 
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वैसे अगर यह कहा जाए कि दिनेश कार्तिक ने रोहित शर्मा और कोच रवि शास्त्री को बहुत बड़ी शर्मिंदगी से बचा लिया, तो यह बिल्कुल भी गलत नहीं होगा. रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिनेश कार्तिक खुद को नंबर-7 पर भेजे जाने से बिल्कुल भी खुश नहीं थे, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की. और दिनेश कार्तिक की यही नारजगी तो अपनी जगह है ही, इसी मुद्दे ने क्रिकेट पंडितों और करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों को वह सवाल भी दे दिया, जिसका रोहित शर्मा द्वारा दिया गया जवाब कुतर्क से ज्यादा और कुछ भी नहीं था. 
 
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करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों के बीच अभी भी यह चर्चा जोर-शोर से चल रही है कि विजय शंकर को दिनेश कार्तिक से पहले बैटिंग के लिए क्यों भेजा गया. रोहित शर्मा ने कार्तिक को पहले बैटिंग के लिए भेजने को रणनीति बताते हुए अपने फैसले का बचाव किया, लेकिन इसे क्रिकेटप्रेमी कुतर्क बता रहे हैं. प्रशंसक और आम क्रिकेटप्रेमी भी यह समझना चाहता है कि आखिर यह कैसी रणनीति थी. और क्यों खिताब की कीमत पर इतना बड़ा जोखिम लिया गया. और दिनेश कार्तिक को विजय शंकर के बाद बैटिंग के लिए भेजना किसका फैसला था.  

 

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