आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में बीसीबीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को क्लीन चिट मिल गई है। बताया जा रहा है कि मैच फिक्सिंग के मामले में जस्टिस मुद्गल समिति की रिपोर्ट में एन श्रीनिवासन की कोई भूमिका नहीं है।
वहीं, रिपोर्ट में कहा गया है कि राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक में राज कुंद्रा के एक बुकी से संबंध थे, और वह सट्टेबाजी के लिए उसके संपर्क में भी रहा था।
उधर, रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन जो चेन्नई सुपरकिंग्स टीम का अधिकारी था, उसके सट्टेबाजों से संबंध थे।
सोमवार को जारी समिति की विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है, 'श्रीनिवासन मैच फिक्सिंग में संल्पित नहीं पाए गए और न ही वह मैच फिक्सिंग की जांच पर पर्दा डालने में शामिल पाए गए।' रिपोर्ट में श्रीनिवासन को 13वें व्यक्ति के रूप मे चिह्नित किया गया है।
रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि श्रीनिवासन और बीसीसीआई के चार अधिकारियों को तीसरे व्यक्ति के रूप में चिह्नित एक खिलाड़ी द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
रिपोर्ट में श्रीनिवासन के बारे में कहा गया है, 'इस व्यक्ति (श्रीनिवासन) और बीसीसीआई के चार अन्य अधिकारियों को तीसरे व्यक्ति द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने के बारे में पता था, लेकिन उपरोक्त अधिकारियों ने तीसरे व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।'
रिपोर्ट में आईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर रमन को व्यक्ति-12 के रूप में चिह्नित किया गया है।
रिपोर्ट में सुंदर रमन के बारे में कहा गया है, 'इस व्यक्ति (सुंदर रमन) ने पहले व्यक्ति (मयप्पन) और 11वें व्यक्ति (राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक राज कुंद्रा) के संबंध में स्वीकार किया है कि उन्हें दोनों व्यक्तियों के सट्टेबाजी गतिविधि में शामिल होने की खबर थी, लेकिन उन्हें आईसीसी- भ्रष्टाचार निरोधी इकाई ने बताया था कि इस सूचना पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। सुंदर रमन ने यह स्वीकार किया है कि उक्त सूचना किसी अन्य व्यक्ति को नहीं दी गई थी।'
बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी एवं सुरक्षा इकाई के प्रमुख रॉनी फ्लानागन हैं। समिति ने यह भी कहा कि राजस्थान रॉयल्स टीम के सहमालिक राज कुंद्रा लगातार सटोरियों के सम्पर्क में रहे हैं।
मयप्पन के संदर्भ में मुद्गल समिति ने लिखा है, 'जांच से पुष्टि हुई है कि यह व्यक्ति (मयप्पन) एक टीम का अधिकारी रहा है। यह लगातार किसी दूसरे व्यक्ति से अपने होटल के कमरे में मिलता रहा है। इसी से समिति ने पता लगाया कि इस व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के करीबी रिश्ता रहा है।'
'आवाज की फोरेंसिक रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि यह लगातार किसी ऐसे व्यक्ति से बात करता रहा है, जो सटोरियों के संपर्क में रहा है। 8.2. 2014 और 9.2.2014 को जारी आवाज के नमूनो से पता चलता है कि यह व्यक्ति सट्टेबाजी में शामिल रहा है।'
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति का मानना है कि 'वैज्ञानिक साक्ष्यों और जांच दल द्वारा दर्ज सुरक्षाकर्मियों की गवाही के आधार पर व्यक्ति-1 (मयप्पन) के सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल होने और टीम के अधिकारी होने की पुष्टि हुई है।' (एजेंसी इनपुट के साथ)
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