यह ख़बर 24 नवंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, बीसीसीआई अध्यक्ष कैसे अपनी खुद की आईपीएल टीम रख सकता है

नई दिल्ली:

बीसीसीआई के निर्वासित चल रहे अध्यक्ष एन श्रीनिवासन और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने कहा है कि क्या श्रीनिवासन मान रहे हैं कि वह बरी हो गए हैं। इससे साफ है कि फिलहाल श्रीनिवासन को कोई राहत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने एन श्रीनिवासन द्वारा  (आईपीएल) में फ्रेंचाइजी के मालिकाना हक को लेकर हितों के टकराव पर जवाब मांगा। न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, 'आप इस सारे कार्यक्रम का प्रबंधन देख रहे हैं। आपके पास आईपीएल की एक फ्रेंचाइजी का मालिकाना हक भी है। आप आईपीएल की चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक हैं। क्या यह हितों का टकराव नहीं है।'

मुद्गल कमेटी रिपोर्ट से जुड़ी सुनवाई के दौरान बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या आप क्रिकेट को खत्म होते देखना चाहते हैं।

बीसीसीआई ने जब कोर्ट में कहा कि मुद्गल कमेटी रिपोर्ट में श्रीनिवासन के खिलाफ कुछ नहीं कहा गया है तो सुप्रीम कोर्ट ने कई गंभीर बातें कहीं। कोर्ट ने कहा कि क्रिकेट जेंटलमेन्स गेम है। यह खेल देश में एक धर्म की तरह है और करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा है।

मैच फिक्सिंग और बेटिंग की ओर इशारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसी गतिविधियां चलती रहीं तो क्रिकेट खत्म हो जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पहचान मैदान में मौजूद लाखों प्रशंसकों से मिलती है और अगर लोगों को पता चल जाए को मैच फिक्स है तो कोई भी दर्शक स्टेडियम में नहीं घुसेगा।
 
कोर्ट ने कहा कि बेनेफिट ऑफ़ डाउट यानी संदेह का लाभ खेल को दिया जा सकता है, किसी व्यक्ति विशेष को नहीं। कोर्ट ने आईपीएल पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये एक आपसी सहयोग से जुड़ी सोसायटी बन गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हितों के टकराव का सवाल उठाते हुए कहा कि जब श्रीनिवासन बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तो वह आईपीएल से जुड़ी टीम के मालिक कैसे हो गए। कोर्ट ने साफ कहा कि आपको यानी बीसीसीआई को संदेहों से परे होना चाहिए।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह मुद्गल कमेटी रिपोर्ट की जांच को सही मान रही है।

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मुद्गल कमेटी रिपोर्ट क्या है:-

  •  आईपीएल में बेटिंग के आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी।
  •  कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बीसीसीआई और आईपीएल से जुड़े अधिकारियों और खिलाड़ियों की भूमिका की जांच की।
  •  कमेटी की सीलबंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई, जिसमें कुछ अधिकारियों और खिलाड़ियों पर टिप्पणी है।
  •  खिलाड़ियों के नामों का तो अभी तक खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन तीन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध पाई है। ये हैं चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक और एन श्रीनिवासन के दामाद रहे गुरुनाथ मयप्पन। जांच में मयप्पन बेटिंग के दोषी पाए गए हैं।
  •  जांच के मुताबिक, आईपीएल के सीओओ सुंदर रमन ने कमेटी से जानकारी छुपाई और वह एक सट्टेबाज़ के संपर्क में थे।
  •  जांच में राजस्थान रॉयल्स के सह-मालिक राज कुंद्रा भी बेटिंग में शामिल पाए गए हैं।
  •  मुद्गल कमेटी रिपोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे एन श्रीनिवासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।