मोहम्मद अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के आरोप में बैन लगा था (फाइल फोटो)
हैदराबाद:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने मंगलवार को हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के चुनावों को अदालत में चुनौती दे दी. गौरतलब है कि अध्यक्ष पद के लिए उनके नॉमिनेशन को डिस्क्वालिफ़ाई कर दिया गया था. तभी से वह इस फैसले से बेहद दुखी थे. नामांकन भरने के बाद अजहर ने कहा था कि वे हैदराबाद क्रिकेट की हालत सुधारना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हैदराबाद टीम रणजी के सेमीफ़ाइनल में भी नहीं पहुंची, वहीं अहम खिलाड़ी टीम छोड़कर जा रहे हैं.
अज़रुद्दीन ने यह आरोप भी लगाया था कि हैदराबाद क्रिकेट संघ में में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार बेहद ज़्यादा है. उनके मुताबिक अंडर 14 क्रिकेट में हर मैच में 6 नए खिलाड़ी शामिल कर लिए जाते हैं.
अज़हरुद्दीन ने 99 टेस्ट मैच खेले और 22 शतक के साथ 6 हज़ार से ज्यादा रन और 334 वनडे में 7 शतकों के साथ 9 हज़ार से ज्यादा रन बनाए थे, लेकिन साल 2000 में मैच फ़िक्सिंग की वजह से BCCI ने उन्हें लाइफ़ बैन की सज़ा सुना दी थी. हालांकि 8 नवंबर 2012 को आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में अज़हरुद्दीन से लाइफ़ बैन को हटाने की बात कही.
अपने नामांकन के रद्द होने के बाद मो. अज़हरुद्दीन ने प्रेस से बात करते हुए अपनी नाराज़गी जताई थी. उन्होंने कहा था, "ये पूरी प्रक्रिया ही मुझे धोखाधड़ी से भरी हुई लगती है. उन्होंने चुनाव में लगातार देरी की. उन्होंने मुझसे जो भी सवाल पूछे मैंने उसका जवाब दिया. उन्होंने BCCI के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें कोर्ट का ऑर्डर दिखाया. इन सबके बावज़ूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. जिससे मैं बहुत दुखी हूं.'
अज़हरुद्दीन ने यह आरोप भी लगाया कि मीडिया के कुछ लोग हमेशा बीसीसीआई और लाइफ़ बैन की बात सामने ले आते हैं. उनके मुताबिक ये मामला अब खत्म हो चुका है.
अज़रुद्दीन ने यह आरोप भी लगाया था कि हैदराबाद क्रिकेट संघ में में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार बेहद ज़्यादा है. उनके मुताबिक अंडर 14 क्रिकेट में हर मैच में 6 नए खिलाड़ी शामिल कर लिए जाते हैं.
अज़हरुद्दीन ने 99 टेस्ट मैच खेले और 22 शतक के साथ 6 हज़ार से ज्यादा रन और 334 वनडे में 7 शतकों के साथ 9 हज़ार से ज्यादा रन बनाए थे, लेकिन साल 2000 में मैच फ़िक्सिंग की वजह से BCCI ने उन्हें लाइफ़ बैन की सज़ा सुना दी थी. हालांकि 8 नवंबर 2012 को आंध्रप्रदेश हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में अज़हरुद्दीन से लाइफ़ बैन को हटाने की बात कही.
अपने नामांकन के रद्द होने के बाद मो. अज़हरुद्दीन ने प्रेस से बात करते हुए अपनी नाराज़गी जताई थी. उन्होंने कहा था, "ये पूरी प्रक्रिया ही मुझे धोखाधड़ी से भरी हुई लगती है. उन्होंने चुनाव में लगातार देरी की. उन्होंने मुझसे जो भी सवाल पूछे मैंने उसका जवाब दिया. उन्होंने BCCI के बारे में पूछा तो मैंने उन्हें कोर्ट का ऑर्डर दिखाया. इन सबके बावज़ूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. जिससे मैं बहुत दुखी हूं.'
अज़हरुद्दीन ने यह आरोप भी लगाया कि मीडिया के कुछ लोग हमेशा बीसीसीआई और लाइफ़ बैन की बात सामने ले आते हैं. उनके मुताबिक ये मामला अब खत्म हो चुका है.
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