मोहम्मद अजहरुद्दीन.. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कांग्रेस की ओर से सांसद रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अब क्रिकेट प्रशासक बनने की ओर कदम बढ़ाया है. अजहर ने हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (HCA)के अध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया. भारत के कामयाब कप्तानों में से एक अजहरुद्दीन को वर्ष 2000 में सामने आए मैच फिक्सिंग प्रकरण में कथित संलिप्तता के लिए बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंधित किया था.
नामांकन दायर करने के बाद अजहर ने कहा, ‘हैदराबाद के साथ समस्या यह है कि क्रिकेट पर ध्यान नहीं है. रणजी ट्रॉफी में हम नीचे से दूसरे स्थान पर रहे. मेरी इच्छा है कि हैदराबाद में एक बार फिर क्रिकेट फले फूले. मैं क्रिकेट के लिए सचमुच में अच्छा करना चाहता हूं. ’ उन्होंने कहा, ‘मैं जिला स्तर पर क्रिकेट में सुधार करना चाहता हूं क्योंकि कड़ी मेहनत करने वाले काफी खिलाड़ी जिलों से आते हैं. हमने इतने सारे महान खिलाड़ी तैयार किए हैं लेकिन अब भारतीय टीम में हमारे खिलाड़ी नहीं हैं. मेरा इरादा क्रिकेट के लिए कड़ी मेहनत करने का है.’
गौरतलब है कि अजहर ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और 2011 में आंध्र हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन बीसीसीआई ने कभी औपचारिक तौर पर उन पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया. उन्हें कभी वह पेंशन नहीं मिली जिसके पूर्व भारतीय खिलाड़ी हकदार हैं. बीसीसीआई ने यहां तक कि पिछले रणजी सत्र में डीडीसीए को उस समय कड़े शब्दों में पत्र लिखा था जब अजहर को बाउंड्री लाइन के बाहर विदर्भ के खिलाड़ियों के साथ बात करते हुए देखा गया था और मैच रैफरी ने इसका संज्ञान लिया था.
एचसीए सचिव जान मनोज ने पीटीआई से कहा, ‘हां, मुझे सूचित किया गया है कि अजहर अपने समर्थकों के साथ एचसीए चुनाव के लिए नामांकन दायर कराने आए थे. उनके पास निचली अदालत का आदेश था तो उन्हें चुनाव लड़ने की स्वीकृति देता है. सामान्यत: एचसीए चुनाव मई के अंतिम रविवार को होते हैं लेकिन अजहर के पास आदेश था जो कहता है कि यह 17 जनवरी को होने चाहिए।’’ अपने समय के सर्वश्रेष्ठ कलात्मक बल्लेबाजों में से एक अजहर ने भारत की ओर से 99 टेस्ट में 24 शतक की मदद से 6000 से अधिक रन बनाए. (भाषा से भी इनपुट)
नामांकन दायर करने के बाद अजहर ने कहा, ‘हैदराबाद के साथ समस्या यह है कि क्रिकेट पर ध्यान नहीं है. रणजी ट्रॉफी में हम नीचे से दूसरे स्थान पर रहे. मेरी इच्छा है कि हैदराबाद में एक बार फिर क्रिकेट फले फूले. मैं क्रिकेट के लिए सचमुच में अच्छा करना चाहता हूं. ’ उन्होंने कहा, ‘मैं जिला स्तर पर क्रिकेट में सुधार करना चाहता हूं क्योंकि कड़ी मेहनत करने वाले काफी खिलाड़ी जिलों से आते हैं. हमने इतने सारे महान खिलाड़ी तैयार किए हैं लेकिन अब भारतीय टीम में हमारे खिलाड़ी नहीं हैं. मेरा इरादा क्रिकेट के लिए कड़ी मेहनत करने का है.’
गौरतलब है कि अजहर ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और 2011 में आंध्र हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया लेकिन बीसीसीआई ने कभी औपचारिक तौर पर उन पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाया. उन्हें कभी वह पेंशन नहीं मिली जिसके पूर्व भारतीय खिलाड़ी हकदार हैं. बीसीसीआई ने यहां तक कि पिछले रणजी सत्र में डीडीसीए को उस समय कड़े शब्दों में पत्र लिखा था जब अजहर को बाउंड्री लाइन के बाहर विदर्भ के खिलाड़ियों के साथ बात करते हुए देखा गया था और मैच रैफरी ने इसका संज्ञान लिया था.
एचसीए सचिव जान मनोज ने पीटीआई से कहा, ‘हां, मुझे सूचित किया गया है कि अजहर अपने समर्थकों के साथ एचसीए चुनाव के लिए नामांकन दायर कराने आए थे. उनके पास निचली अदालत का आदेश था तो उन्हें चुनाव लड़ने की स्वीकृति देता है. सामान्यत: एचसीए चुनाव मई के अंतिम रविवार को होते हैं लेकिन अजहर के पास आदेश था जो कहता है कि यह 17 जनवरी को होने चाहिए।’’ अपने समय के सर्वश्रेष्ठ कलात्मक बल्लेबाजों में से एक अजहर ने भारत की ओर से 99 टेस्ट में 24 शतक की मदद से 6000 से अधिक रन बनाए. (भाषा से भी इनपुट)
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