क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2013 में भारत दौरे पर 0-4 से सीरीज गंवानी पड़ी थी (फाइल फोटो)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क का मानना है कि बेंगलुरू में शनिवार से प्रारंभ हो रहे दूसरे टेस्ट मैच में कंगारू टीम के लिए टीम इंडिया को हराना आसान नहीं होगा. उन्होंने कहा, यह समझ लीजिए कि पुणे के मुकाबले में पुणे की अपेक्षा बेंगलुरू में भारत को हराना ऑस्ट्रेलिया के लिए ज्यादा कठिन होगा. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की सीरीज का दूसरा मैच बेंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में होगा. क्लार्क ने इसके साथ टीम इंडिया को भी चेतावनी जारी की और कहा कि उसके खिलाड़ी कैच पकड़ें नहीं तो ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान स्टीव स्मिथ फिर से शतक लगा सकते हैं.
पुणे में हुए पहले टेस्ट मैच में भारत को 333 रनों से करारी शिकस्त देते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त ले रखी है. क्लार्क ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को सचेत करते हुए कहा कि स्टीव स्मिथ ब्रिगेड के लिए दूसरे टेस्ट में भारत को हराना बेहद कठिन होगा. समाचार चैनल 'इंडिया टुडे टीवी' ने क्लार्क के हवाले से कहा है, "विराट कोहली दूसरे टेस्ट को लेकर बेहद केंद्रित और पूरी तरह तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए पुणे की अपेक्षा बेंगलुरू में भारत को हराना कहीं अधिक कठिन होने वाला है. पुणे में टॉस जीतना स्टीव स्मिथ के खिलाड़ियों के पक्ष में रहा. अगर भारत पुणे टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरती तो मुझे नहीं लगता कि उस मैच का परिणाम वही रहता."
भारत के खिलाफ टेस्ट पदार्पण करने वाले क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2013 में भारत दौरे पर 0-4 से सीरीज गंवानी पड़ी थी. बेंगलुरू माइकल क्लार्क के लिए इस लिहाज से खास है कि उन्होंने इसी मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. क्लार्क का कहना है कि भारतीय धरती पर जीत हासिल करने के लिए पहली पारी में बड़ा स्कोर करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, "भारत में खेलते हुए पहली पारी का स्कोर बेहद अहम होता है. अगर आप पहली पारी में 450 या उससे बड़ा स्कोर बनाते हैं तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि टॉस कौन जीता. आप पहली पारी में कैसी बल्लेबाजी करते हैं, उसी से मैच का नतीजा तय होगा. इसलिए दोनों ही टीमें पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करना चाहेंगी."
क्लार्क ने कहा, "पुणे में हमने देखा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम एक चुनौतीपूर्ण विकेट पर पहली पारी में 265 का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही जबकि भारत पहली पारी में सिर्फ 105 रन बना सका" उन्होंने आगे कहा, "बेंगलुरू का विकेट भी ज्यादा अलग नहीं होगा और पांच दिनों में धीरे-धीरे खराब होता जाएगा. इसलिए शुरुआती ढाई दिन बेहद अहम होंगे. भारतीय उपमहाद्वीप में शुरुआती तीन दिन जैसे बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं. लेकिन इसके बाद पिच उखड़ने लगती है और स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलने लगती है, जो बल्लेबाजों के सामने परेशानी खड़ी करती है."
क्लार्क ने साथ ही भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और मध्यक्रम के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सराहना भी की. उन्होंने कहा, "रहाणे शानदार खिलाड़ी हैं. भारत को उन्हें एक और मौका देना चाहिए. उन्होंने यह अधिकार (टीम में बने रहने का) हासिल किया है. ईशांत भी टीम में बने रहने के हकदार हैं. वह दमदार तेज गेंदबाज हैं और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की थी." क्लार्क ने हालांकि बेंगलुरू टेस्ट के विजेता का स्पष्ट नाम लेने से इनकार कर दिया और कहा, "मैं सीरीज में किसी एक टीम को जीत हासिल करते देखना चाहूंगा. मैं नहीं चाहता कि सीरीज का परिणाम ड्रॉ रहे मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों ही टीमें श्रृंखला अपने नाम करने के लिए आक्रामक क्रिकेट खेलेंगी." (एजेंसी से भी इनपुट)
पुणे में हुए पहले टेस्ट मैच में भारत को 333 रनों से करारी शिकस्त देते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त ले रखी है. क्लार्क ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को सचेत करते हुए कहा कि स्टीव स्मिथ ब्रिगेड के लिए दूसरे टेस्ट में भारत को हराना बेहद कठिन होगा. समाचार चैनल 'इंडिया टुडे टीवी' ने क्लार्क के हवाले से कहा है, "विराट कोहली दूसरे टेस्ट को लेकर बेहद केंद्रित और पूरी तरह तैयार हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए पुणे की अपेक्षा बेंगलुरू में भारत को हराना कहीं अधिक कठिन होने वाला है. पुणे में टॉस जीतना स्टीव स्मिथ के खिलाड़ियों के पक्ष में रहा. अगर भारत पुणे टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरती तो मुझे नहीं लगता कि उस मैच का परिणाम वही रहता."
भारत के खिलाफ टेस्ट पदार्पण करने वाले क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को 2013 में भारत दौरे पर 0-4 से सीरीज गंवानी पड़ी थी. बेंगलुरू माइकल क्लार्क के लिए इस लिहाज से खास है कि उन्होंने इसी मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. क्लार्क का कहना है कि भारतीय धरती पर जीत हासिल करने के लिए पहली पारी में बड़ा स्कोर करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, "भारत में खेलते हुए पहली पारी का स्कोर बेहद अहम होता है. अगर आप पहली पारी में 450 या उससे बड़ा स्कोर बनाते हैं तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि टॉस कौन जीता. आप पहली पारी में कैसी बल्लेबाजी करते हैं, उसी से मैच का नतीजा तय होगा. इसलिए दोनों ही टीमें पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा करना चाहेंगी."
क्लार्क ने कहा, "पुणे में हमने देखा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम एक चुनौतीपूर्ण विकेट पर पहली पारी में 265 का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही जबकि भारत पहली पारी में सिर्फ 105 रन बना सका" उन्होंने आगे कहा, "बेंगलुरू का विकेट भी ज्यादा अलग नहीं होगा और पांच दिनों में धीरे-धीरे खराब होता जाएगा. इसलिए शुरुआती ढाई दिन बेहद अहम होंगे. भारतीय उपमहाद्वीप में शुरुआती तीन दिन जैसे बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं. लेकिन इसके बाद पिच उखड़ने लगती है और स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलने लगती है, जो बल्लेबाजों के सामने परेशानी खड़ी करती है."
क्लार्क ने साथ ही भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और मध्यक्रम के बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे की सराहना भी की. उन्होंने कहा, "रहाणे शानदार खिलाड़ी हैं. भारत को उन्हें एक और मौका देना चाहिए. उन्होंने यह अधिकार (टीम में बने रहने का) हासिल किया है. ईशांत भी टीम में बने रहने के हकदार हैं. वह दमदार तेज गेंदबाज हैं और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की थी." क्लार्क ने हालांकि बेंगलुरू टेस्ट के विजेता का स्पष्ट नाम लेने से इनकार कर दिया और कहा, "मैं सीरीज में किसी एक टीम को जीत हासिल करते देखना चाहूंगा. मैं नहीं चाहता कि सीरीज का परिणाम ड्रॉ रहे मुझे पूरा विश्वास है कि दोनों ही टीमें श्रृंखला अपने नाम करने के लिए आक्रामक क्रिकेट खेलेंगी." (एजेंसी से भी इनपुट)
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