यह ख़बर 30 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मेलबर्न टेस्ट ड्रॉ, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के हाथों गंवाई सीरीज

मेलबर्न:

मेलबर्न में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा है। दूसरी पारी में जीत के लिए 384 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने मैच के अंतिम दिन छह विकेट खोकर 174 रन बनाए।

भारत ने 66 ओवरों में छह विकेट पर 174 रन बना लिए थे, तभी दोनों कप्तानों ने हाथ मिलाकर मैच समाप्ति का फैसला किया। भारत को 70 ओवर खेलने थे। इसी के साथ भारत ने भले ही यह टेस्ट बचा लिया, लेकिन शृंखला में बराबरी का मौका पूरी तरह गंवा दिया है। 

मार्श के 99 रन की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 70 ओवर में 384 रन का बेहद कड़ा लक्ष्य दिया। भारतीय बल्लेबाजी क्रम इसके बाद एक बार फिर संकट में घिरा, लेकिन टीम मैच ड्रॉ कराने में सफल रही। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित हो गया कि इस बार भारत को 'वाइटवाश' का सामना नहीं करना पड़ेगा।

भारत ने जब छह विकेट पर 174 रन बनाए थे और चार ओवर का खेल बाकी था, तब दोनों कप्तान मैच ड्रॉ कराने को राजी हो गए। इस समय 66 ओवर का खेल हो चुका था और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 24, जबकि रविचंद्रन अश्विन आठ रन बनाकर खेल रहे थे। इस जोड़ी ने बेहद दबाव के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को 11 ओवर तक विकेट से महरूम रखा।

ऑस्ट्रेलिया को सीरीज और ट्रॉफी जीतने के लिए मैच को सिर्फ ड्रॉ कराने की जरूरत थी और उसने सुबह पूरे सत्र में बल्लेबाजी करते हुए भारत की जीत की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया। इस ड्रॉ के साथ ऑस्ट्रेलिया ने चार मैचों की सीरीज में 2-0 की निर्णायक बढ़त बना ली है।

भारतीय पारी का आकर्षण विराट कोहली (54) और अजिंक्य रहाणे (48) के बीच चौथे विकेट के लिए 85 रन की साझेदारी रही। ये दोनों उस समय बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, जब भारत शिखर धवन (0), मुरली विजय (11) और लोकेश राहुल (1) के विकेट खोने के बाद तीन विकेट पर 19 रन बनाकर संकट में था।

कोहली ने 99 गेंद का सामना करते हुए सात चौके मारे, जबकि रहाणे ने 117 रन की पारी के दौरान तीन घंटे से अधिक समय विकेट पर बिताया और छह चौके मारे। भारत ने इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा (21) का विकेट गंवाया, जो जॉनसन की धीमी गेंद को चूककर बोल्ड हुए। इसके बाद धोनी और अश्विन ने टिककर बल्लेबाजी करते हुए मैच ड्रॉ कराया।

शृंखला का चौथा और अंतिम टेस्ट 6 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा। मैच का अंतिम सत्र काफी रोचक बन गया, जब कोहली सत्र की पहली ही गेंद पर पैवेलियन लौट गए। उन्होंने रेयान हैरिस की गेंद पर स्क्वायर लेग पर कैच थमाया। पुजारा ने काफी रन नहीं बनाए, लेकिन उन्होंने 70 गेंद का सामना किया और इस दौरान रहाणे के साथ मिलकर 16.5 ओवर खेले, जिससे टीम को मैच ड्रॉ कराने में मदद मिली। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 37 रन जोड़े।

पुजारा, जॉनसन की शानदार रणनीति का शिकार हुए। पारी के 51वें ओवर में जॉनसन की शॉर्ट गेंद गेंद पुजारा के हेलमेट में लगी, जबकि दो गेंद बाद वह फुल लेंथ गेंद पर बोल्ड हो गए। चार ओवर बाद रहाणे भी हेजलवुड की गेंद को पुल करने के प्रयास में मिडविकेट पर शान मार्श को आसान कैच दे बैठे। इस समय 15 ओवर का खेल बाकी थी और सिर्फ चार विकेट के साथ भारत पर हार का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन धोनी और अश्विन ने मैच ड्रॉ करा दिया। अश्विन हालांकि एक रन के निजी स्कोर पर भाग्यशाली रहे, जबकि वाटसन ने पहली स्लिप में उनका कैच छोड़ा।

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