उप्पल स्थित राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में हुए रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के पांचवें दिन, रविवार को महाराष्ट्र को सात विकेट से मात देकर कर्नाटक सातवीं बार रणजी चैम्पियन बन गया।
महाराष्ट्र की दूसरी पारी 366 रनों पर समेटने के बाद कर्नाटक ने चौथी पारी में जीत के लिए जरूरी 157 रन रॉबिन उथप्पा (36), लोकेश राहुल (29) और अमित वर्मा (38) के विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। मनीष पांडे (नाबाद 28) और करुण नायर (नाबाद 20) कर्नाटक को जीत तक पहुंचाया।
कर्नाटक ने पहली पारी में 515 रन बनाए थे, जबकि महाराष्ट्र की पहली पारी 305 रनों पर सिमट गई थी।
कर्नाटक के लिए पहली पारी में 131 रनों की शानदार पारी खेलने वाले लोकेश राहुल को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। लोकेश के अलावा गणेश सतीश (117) ने भी शतकीय योगदान दिया था।
कर्नाटक ने आखिरी बार 1998-99 में रणजी ट्रॉफी जीती थी, तथा इस जीत के साथ ही कर्नाटक मुंबई के साथ रणजी विजेताओं की सूची में संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गया। 40 बार की चैम्पियन मुंबई शीर्ष पर है।
दो बार के चैम्पियन महाराष्ट्र ने 1940-41 के बाद चैम्पियन बनने का अवसर गंवा दिया।
रविवार को छह विकेट पर 272 रन के स्कोर से आगे खेलने उतरे महाराष्ट्र के शेष चार विकेट हासिल करने के लिए कर्नाटक को लगभग 23 ओवरों का इंतजार करना पड़ा। इस बीच महाराष्ट्र ने अपने कुल योग में 94 रनों का इजाफा किया। महाराष्ट्र की दूसरी पारी 366 के कुल योग पर समाप्त हुई।
कर्नाटक के लिए कप्तान विनय कुमार ने दूसरी पारी में चार तथा मैच में सात विकेट चटकाए, जबकि श्रेयश गोपाल ने चार विकेट हासिल किए।
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