
झूलन महिला क्रिकेट टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं (फाइल फोटो)
कोलकाता:
आईसीसी महिला वलर्डकप में अच्छे प्रदर्शन का इनाम तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी को पदोन्नति के रूप में मिला है. झूलन गोस्वामी को टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम के उप विजेता रहने के बाद उनके नियोक्ता एयर इंडिया ने पदोन्नति दी है. झूलन ने बताया, ‘एयर इंडिया के सीएमडी ने दिल्ली में मुझसे बात की और मुझे पदोन्नति की पेशकश की (उपप्रबंधक से).’’ इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में 23 रन देकर तीन विकेट चटकाने वाली झूलने की नजरें अब अगले साल वेस्टइंडीज में होने वाली महिला विश्व टी20 चैंपियनशिप पर है.
उन्होंने कहा, ‘हम लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं इसलिए फिलहाल ब्रेक होगा. अगले साल विश्व टी20 है और एक टीम के रूप में हम इसके लिए तैयारी करेंगे.’ महिला आईपीएल की संभावना के बारे में पूछने पर झूलन ने कहा, ‘बेशक खिलाड़ी के रूप में मैं उपलब्ध रहूंगी. मैं अब भी आईपीएल में खेलने के लिए फिट हूं, अगर यह होता है तो.’झूलन के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें
Women's WC Final : खिताब के करीब पहुंचकर हारी भारतीय टीम, इंग्लैंड बना चैंपियन
तेज गेंदबाज बनने की कहानी है दिलचस्प
अपने कद के कारण झूलन गेंदों को अच्छी उछाल देने में सफल होती हैं. पांच फुट 11 इंच लंबी झूलन की मां का नाम झरना तथा पिता का नाम निशित गोस्वामी है. झूलन के तेज गेंदबाजी शुरू करने की कहानी कम दिलचस्प नहीं हैं. बचपन में वे पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था. इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली. उन्होंने तेज गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं.
यह भी पढ़ें
स्पिनर एकता बिष्ट बोलीं, 'पाकिस्तान के खिलाफ 5 विकेट लेना बेहद खास'
झूलन की कद काठी तेज गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है. वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं. उनकी छवि बेहद सटीक तेज गेंदबाज की है .झूलन सुबह 4.30 बजे उठकर नदिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां कोच उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे.
वीडियो: पूनम राउत ने अपने बारे में यह बताया
एक दिन क्रिकेट खेलकर रात को देर से घर पहुंचने पर उनकी मां ने उन्हें कई घंटे घर के बाहर खड़े रखा था. झूलन गोस्वामी को ‘नदिया एक्सप्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है. अपनी शानदार गेंदबाजी से वे कई बार भारत को जीत दिला चुकी हैं. (एजेंसी से इनपुट)
उन्होंने कहा, ‘हम लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं इसलिए फिलहाल ब्रेक होगा. अगले साल विश्व टी20 है और एक टीम के रूप में हम इसके लिए तैयारी करेंगे.’ महिला आईपीएल की संभावना के बारे में पूछने पर झूलन ने कहा, ‘बेशक खिलाड़ी के रूप में मैं उपलब्ध रहूंगी. मैं अब भी आईपीएल में खेलने के लिए फिट हूं, अगर यह होता है तो.’झूलन के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें
Women's WC Final : खिताब के करीब पहुंचकर हारी भारतीय टीम, इंग्लैंड बना चैंपियन
तेज गेंदबाज बनने की कहानी है दिलचस्प
अपने कद के कारण झूलन गेंदों को अच्छी उछाल देने में सफल होती हैं. पांच फुट 11 इंच लंबी झूलन की मां का नाम झरना तथा पिता का नाम निशित गोस्वामी है. झूलन के तेज गेंदबाजी शुरू करने की कहानी कम दिलचस्प नहीं हैं. बचपन में वे पड़ोस के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं. उस समय बेहद धीमी गेंदबाजी करने के कारण झूलन का मजाक बनाया जाता था. इससे उन्हें गेंदबाज बनने की प्रेरणा मिली. उन्होंने तेज गेंदबाजी में हाथ आजमाया और जल्द ही अपनी गेंदों की गति से लड़कों को भी चौंकने पर मजबूर करने लगीं.
यह भी पढ़ें
स्पिनर एकता बिष्ट बोलीं, 'पाकिस्तान के खिलाफ 5 विकेट लेना बेहद खास'
झूलन की कद काठी तेज गेंदबाजी के लिहाज से आदर्श है. वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनी झूलन गति के बावजूद गेंदों की लाइन-लेंथ पर नियंत्रण रखती हैं. उनकी छवि बेहद सटीक तेज गेंदबाज की है .झूलन सुबह 4.30 बजे उठकर नदिया से दक्षिण कोलकाता के विवेकानंद पार्क तक लोकल ट्रेन से जाया करती थीं, जहां कोच उन्हें क्रिकेट की ट्रेनिंग दिया करते थे.
वीडियो: पूनम राउत ने अपने बारे में यह बताया
एक दिन क्रिकेट खेलकर रात को देर से घर पहुंचने पर उनकी मां ने उन्हें कई घंटे घर के बाहर खड़े रखा था. झूलन गोस्वामी को ‘नदिया एक्सप्रेस’ के नाम से भी जाना जाता है. अपनी शानदार गेंदबाजी से वे कई बार भारत को जीत दिला चुकी हैं. (एजेंसी से इनपुट)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं