भारतीय टीम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
DRS यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम के खिलाफ भारत की परेशानी जगज़ाहिर है। भारतीय टीम मैनेजमेंट को लगता है कि LBW देने के लिए जिस बॉल ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है, उसमें कई सारी खामियां हैं। लेकिन अब लगता है कि बीच का रास्ता ढूंढ लिया गया है।
BCCI ने ऐलान किया है कि वो DRS के खिलाफ अब भी है, लेकिन वो ORS यानी Other Review System को अपनाने को तैयार है। ORS में टीम LBW के अलावा किसी और फ़ैसले पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को तैयार होती है। ORS में खिलाड़ी कैच के लिए तीसरे अंपायर की मदद मांग सकते हैं।
मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वनडे सीरीज़ के दौरान कई फ़ैसले टीम इंडिया के खिलाफ गए थे और सीरीज़ भी भारत के हाथ से निकल गई थी। इतना ही नहीं भारतीय टीम मैनेजमेंट को लगता है कि अगर पिछले श्रीलंकाई दौरे पर कुछ करीबी कैच को अंपायर ने आउट दे दिया होता, तो टीम सीरीज़ में 3-0 से जीत हासिल करती।
इतना ही नहीं भारत को अब काफ़ी क्रिकेट अपने ही घर में खेलना है और यहां पर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अंपायर कई बार बैट-पैड कैच में चूक कर जाते हैं। इन सभी समस्याओं के लिए ORS एक अच्छा समाधान हो सकता है।
BCCI ने ऐलान किया है कि वो DRS के खिलाफ अब भी है, लेकिन वो ORS यानी Other Review System को अपनाने को तैयार है। ORS में टीम LBW के अलावा किसी और फ़ैसले पर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को तैयार होती है। ORS में खिलाड़ी कैच के लिए तीसरे अंपायर की मदद मांग सकते हैं।
मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वनडे सीरीज़ के दौरान कई फ़ैसले टीम इंडिया के खिलाफ गए थे और सीरीज़ भी भारत के हाथ से निकल गई थी। इतना ही नहीं भारतीय टीम मैनेजमेंट को लगता है कि अगर पिछले श्रीलंकाई दौरे पर कुछ करीबी कैच को अंपायर ने आउट दे दिया होता, तो टीम सीरीज़ में 3-0 से जीत हासिल करती।
इतना ही नहीं भारत को अब काफ़ी क्रिकेट अपने ही घर में खेलना है और यहां पर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अंपायर कई बार बैट-पैड कैच में चूक कर जाते हैं। इन सभी समस्याओं के लिए ORS एक अच्छा समाधान हो सकता है।
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