इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में हिस्सा लेने वाली फ्रेंचाइजी टीमें 2014 में होने वाली नीलामी से पहले पांच खिलाड़ियों को अपने साथ बनाए रख सकती हैं। नीलामी 13 फरवरी को होगी। यह प्रक्रिया 13 फरवरी को भी जारी रह सकती है।
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के मुताबिक खिलाड़ियों को अपने साथ बने रखने के अलावा फ्रेंचाइजी टीमों के पास 'राइट टू मैच' कार्ड के जरिये अपनी टीम में शामिल खिलाड़ियों को हासिल करने का अधिकार होगा।
इसके लिए निश्चित तौर पर फ्रेंचाइजी टीमों को अपेक्षा से अधिक रकम खर्च करनी पड़ सकती है क्योंकि उन्हें ऐसे खिलाड़ी को अपने साथ जोड़ने के लिए बोली लगानी होगी, जिसे पहले ही कोई दूसरी फ्रेंचाइजी टीम खरीद चुकी है।
जैसे ही एक खिलाड़ी के लिए अंतिम रूप से बोली लगेगी, नीलामी करने वाला उसकी 2013 की फ्रेंचाइजी से पूछेगा कि क्या वह फलां खिलाड़ी को हासिल करना चाहती है। अगर वह फ्रेंचाइजी 'राइट टू मैच' का प्रयोग करना चाहती है तो उसे उस खिलाड़ी के बदले लगी बोली की रकम अदा करनी होगी।
किसी फ्रेंचाइजी के लिए 'राइट टू मैच' की संख्या इस बात पर निर्भर करेगी कि वह कितने खिलाड़ियों को नीलामी से पहले अपने साथ रखना चाहती है। अगर कोई खिलाड़ी तीन से पांच खिलाड़ियों को रिटेन करती है तो फिर उसे 'राइट टू मैच' का कोई अधिकार नहीं होगा।
जो फ्रेंचाइजी एक या दो खिलाड़ियों को अपने साथ रखती हैं, उनके पास 'राइट टू मैच' के दो अधिकार होंगे। जो फ्रेंचाइजी एक भी खिलाड़ी को रिटेन नहीं कर रही हैं, उनके पास 'राइट टू मैच' के तीन कार्ड होंगे।
इसमें एक अहम बात यह है कि कोई भी फ्रेंचाइजी चार से अधिक भारतीय खिलाड़ियों को रिटेन नहीं कर सकती। अगले साल होने वाली नीलामी के लिए प्रत्येक फ्रेंचाइजी हेतु छह करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
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