
इंग्लैंड दौरे के लिए हाल ही में घोषित हुई भारत 'ए' टीम में इस सीजन में चेन्नई के लिए खेल रहे मीडियम पेसर अंशुल कांबोज को भी जगह मिली है. घरेलू क्रिकेट में हरियाणा के लिए खेलने वाले इस गेंदबाज को ड्रेसिंग रूम में 'एके-47' के नाम से भी बुलाया जाता है. कांबोज जैसे ही रन-अप से दौड़ना शुरू करते हैं, तो साथी यही नाम से उनका बैक-अप करते हैं. और इसी निकनेम को कांबुज ने अपनी आईपीएल टीशर्ट के बैक में भी छपवाया हुआ है. एक बार कांबोज ने एक अखबार से बातचीत में इस बारे में कहा, 'जब उन्होंने (चेन्नई प्रबंधन) ने मुझसे नंबर मांगा, तो सभी अपनी डेट-ऑफ-बर्थ या फिर लकी नंबर दे रहे थे. लेकिन मैं कुछ खास करने की ओर सच रहा था, जो मेरे नाम से जुड़ा हुआ हो. इसलिए मैंने 46 चुना क्योंकि इससे अच्छी लय निकलती है. अब हर कोई मुझे इस नाम से बुलाता है.' कांबोज ने चेन्नई के अभी तक के 13 मैचों के सफर में खेले 7 मैचों में फेंके 19 ओवरों में 5 विकेट चटकाए हैं.
साल 2024 में अंशुल ने केरल के खिलाफ पारी में सभी दस विकेट चटकाए थे. और तभी से वह कदम दर कदम आगे बढ़े हैं. इस साल कांबोज ने चेन्नई के लिए शुरुआत की और इस पेसर को कप्तान धोनी और कोच फ्लेमिंग सहित सभी से प्रशंसा मिली.घरेलू प्रदर्शन का इनाम सेलेक्टरों ने देते हुए कांबोज को इंग्लैंड दौरे के लिए भारत 'ए' टीम में चुना है. अगर, कांपो बेहतर प्रदर्शन करते है, तो दौरे में उनके लिए टीम इंडिया का भी दरवाजा खुल सकता है.
राजस्थान के खिलाफ मैच के बाद फ्लेमिंग ने कहा, 'अगर इंग्लैंड में पेसर को थोड़ी सीम और स्विंग मिलती है, तो वह इंग्लैंड दौरे में अच्छा करेगा. कांबोज में सफेद और लाल दोनों ही गेंदों के साथ बेहतर करने की क्षमता है. हम इस उनके प्रदर्शन से खुश हूं और उसने मिले मौकों को भुनाया है.'
सीजन की शुरुआत में कांबोज की गति में कटौती को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी. लेकिन फ्लेमिंग का मानना है कि फिलहाल उसकी गति अच्छी है. चेन्नई कोच बोले, 'कांबोज की गति लगभग 138/139 किमी/घंटा है. वह भ्रम की स्थिति पैदा करता है और उसकी गेंद हमेशा ही दस्तानों पर असर के साथ लगती है.कांबोज की ताकत उसकी लंबाई. इस वजह से उसे वोब्बल स्विंग हासिल होती है. इसे सभी ने राजस्थान के खिलाफ देखा.'
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