पर्थ:
रविचंद्रन अश्विन (3 विकेट, नाबाद 30 रन) के हरफनमौला खेल की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टर्न आस्ट्रेलिया क्रिकेट एसोसिएशन (वाका) मैदान पर बुधवार को खेले गए त्रिकोणीय एकदिवसीय श्रृंखला के अपने दूसरे मुकाबले में श्रीलंका को चार विकेट से हरा दिया। भारत की जीत में विराट कोहली (77) और रवींद्र जडेजा (नाबाद 24) का भी अहम योगदान रहा।
भारतीय टीम को मेलबर्न में खेले गए पहले मुकाबले में आस्ट्रेलिया के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी। श्रीलंका के साथ उसका मुकाबला काफी कठिन माना जा रहा था क्योंकि श्रीलंकाई टीम इस श्रृंखला में अपना खाता खोलने के साथ-साथ दो अप्रैल को विश्व कप फाइनल में मिली हार का हिसाब बराबर करने को भी आतुर दिख रही थी।
श्रीलंका द्वारा दिए गए 234 रनोंे के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 181 रनों के कुल योग पर ही छह विकेट गंवा दिए थे। उस समय उसके खाते में 13 ओवर और जीत के लिए 51 रन थे लेकिन उसके सिर्फ चार विकेट शेष रह गए थे।
ऐसी विषम परिस्थिति में अश्विन और जडेजा ने सूझबूझ से बल्लेबाजी करते हुए टीम को कोई और नुकसान नहीं हो दिया और 46.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया। अश्विन ने अपनी टीम के लिए विजयी रन लिया। वह अंतिम रन लेने के प्रयास में आउट हो सकते थे लेकिन तीन-तीन क्षेत्ररक्षकों के बीच गेंद गिरी लेकिन उसे कोई लपक नहीं सका।
अश्विन अपना काम कर चुके थे। उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज और उससे पहले धम्मिका प्रसाद की गेंदों पर चौका लगाकर भारत को जीत के बिल्कुल करीब ला दिया था। उनके आउट होने के बाद भी भारत जीत सकता था लेकिन किस्मत अश्विन के साथ थी और वह नाबाद लौटे।
अश्विन ने अपनी 38 गेंदों की पारी में तीन चौके लगाए और मैन ऑफ द मैच चुने गए। उन्होंने श्रीलंका के तीन विकेट भी चटकाए थे। अश्विन और जडेजा ने सातवें विकेट के लिए विजयी 53 रन जोड़े। जडेजा ने 28 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका लगाया और आक्रामक मूड में दिखाई दे रहे अश्विन को अधिक से अधिक गेंद खेलने का मौका देते नजर आए।
अश्विन उस समय विकेट पर आए थे, जब भारत ने 181 रन के कुल योग पर दिन के अपने सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज कोहली का विकेट गंवा दिया था। कोहली ने 94 गेंदों की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। अपना विकेट बचाने के प्रयास में वह गिर पड़े, जिससे उनकी जांघ की मांसपेशी में खिंचाव आ गया। वह टीम फिजियो की मदद से मैदान के बाहर गए।
कोहली से पहले भारत ने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का विकेट गंवाया था। धौनी 167 रनों के कुल योग पर चार रन बनाकर आउट हुए थे।
कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए 35 रन जोड़ने वाले रैना संयम के साथ खेलते नजर आ रहे थे लेकिन अचानक मैथ्यूज की एक गेंद को मिडविकेट पर उड़ाने के प्रयास में वह लपके गए। रैना ने 24 रन के निजी स्कोर पर एक गैरजिम्मेदाराना शॉट खेला और आउट होकर इसकी कीमत चुकाई।
श्रीलंका को अपेक्षाकृत कम स्कोर पर समेटने के बाद भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कुल स्कोर में अभी 14 रन ही जुड़े थे कि वीरेंद्र सहवाग को मलिंगा ने नुवान कुलासेकरा के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया। सहवाग ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 10 रन बनाए।
सहवाग का विकेट जल्दी गिरने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कोहली के साथ मिलकर पारी को सम्भाला और दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 75 रन जोड़े। बेहतरीन लय में दिख रहे तेंदुलकर को 48 रन के निजी योग पर एंजेलो मैथ्यूज ने बोल्ड किया।
कोहली और रोहित शर्मा ने तीसरे विकेट के लिए 33 रन जोड़े। शर्मा थिसिरा परेरा की एक गेंद पर प्वाइंट में तिलकरत्ने दिलशान के हाथों लपके गए। शर्मा सिर्फ 10 रन बना सके। उनका विकेट 122 रन के कुल योग पर गिरा।
इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 233 रन बनाए, जिसमें दिनेश चांडीमल के सबसे अधिक 64 रन शामिल हैं। चांडीमल ने 81 गेंदों पर चार चौके लगाए।
श्रीलंकाई टीम भी खराब शुरुआत की शिकार हुई थी। तिलकरत्ने दिलशान के साथ पारी की शुरुआत करने आए उपुल थरंगा चार रन के निजी योग पर जहीर खान की गेंद पर तेंदुलकर को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए। यह विकेट 12 रन के कुल योग पर गिरा।
इसके बाद दिलशान और कुमार संगकारा ने पारी को सम्भालने की कोशिश की और दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़े। संगकारा को 26 रन के निजी योग पर जहीर ने अपना दूसरा शिकार बनाया। श्रीलंका का तीसरा विकेट 48 रन बनाने वाले दिलशान के रूप में गिरा।
कप्तान माहेला जयवर्धने 34 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 23 रन के निजी योग पर अश्विन की गेंद पर रोहित के हाथों कैच आउट हुए। जयवर्धने ने चांडीमल के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 52 रन जोड़े। अंतिम पलों में मैथ्यूज ने 33 रनों का योगदान दिया। भारत की ओर जहीर ने दो और जडेजा तथा विनय कुमार ने एक- एक विकेट झटका।
भारतीय टीम को मेलबर्न में खेले गए पहले मुकाबले में आस्ट्रेलिया के हाथों पराजय झेलनी पड़ी थी। श्रीलंका के साथ उसका मुकाबला काफी कठिन माना जा रहा था क्योंकि श्रीलंकाई टीम इस श्रृंखला में अपना खाता खोलने के साथ-साथ दो अप्रैल को विश्व कप फाइनल में मिली हार का हिसाब बराबर करने को भी आतुर दिख रही थी।
श्रीलंका द्वारा दिए गए 234 रनोंे के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने 181 रनों के कुल योग पर ही छह विकेट गंवा दिए थे। उस समय उसके खाते में 13 ओवर और जीत के लिए 51 रन थे लेकिन उसके सिर्फ चार विकेट शेष रह गए थे।
ऐसी विषम परिस्थिति में अश्विन और जडेजा ने सूझबूझ से बल्लेबाजी करते हुए टीम को कोई और नुकसान नहीं हो दिया और 46.4 ओवरों में लक्ष्य हासिल कर लिया। अश्विन ने अपनी टीम के लिए विजयी रन लिया। वह अंतिम रन लेने के प्रयास में आउट हो सकते थे लेकिन तीन-तीन क्षेत्ररक्षकों के बीच गेंद गिरी लेकिन उसे कोई लपक नहीं सका।
अश्विन अपना काम कर चुके थे। उन्होंने एंजेलो मैथ्यूज और उससे पहले धम्मिका प्रसाद की गेंदों पर चौका लगाकर भारत को जीत के बिल्कुल करीब ला दिया था। उनके आउट होने के बाद भी भारत जीत सकता था लेकिन किस्मत अश्विन के साथ थी और वह नाबाद लौटे।
अश्विन ने अपनी 38 गेंदों की पारी में तीन चौके लगाए और मैन ऑफ द मैच चुने गए। उन्होंने श्रीलंका के तीन विकेट भी चटकाए थे। अश्विन और जडेजा ने सातवें विकेट के लिए विजयी 53 रन जोड़े। जडेजा ने 28 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका लगाया और आक्रामक मूड में दिखाई दे रहे अश्विन को अधिक से अधिक गेंद खेलने का मौका देते नजर आए।
अश्विन उस समय विकेट पर आए थे, जब भारत ने 181 रन के कुल योग पर दिन के अपने सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज कोहली का विकेट गंवा दिया था। कोहली ने 94 गेंदों की अपनी पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। अपना विकेट बचाने के प्रयास में वह गिर पड़े, जिससे उनकी जांघ की मांसपेशी में खिंचाव आ गया। वह टीम फिजियो की मदद से मैदान के बाहर गए।
कोहली से पहले भारत ने कप्तान महेंद्र सिंह धौनी का विकेट गंवाया था। धौनी 167 रनों के कुल योग पर चार रन बनाकर आउट हुए थे।
कोहली के साथ चौथे विकेट के लिए 35 रन जोड़ने वाले रैना संयम के साथ खेलते नजर आ रहे थे लेकिन अचानक मैथ्यूज की एक गेंद को मिडविकेट पर उड़ाने के प्रयास में वह लपके गए। रैना ने 24 रन के निजी स्कोर पर एक गैरजिम्मेदाराना शॉट खेला और आउट होकर इसकी कीमत चुकाई।
श्रीलंका को अपेक्षाकृत कम स्कोर पर समेटने के बाद भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कुल स्कोर में अभी 14 रन ही जुड़े थे कि वीरेंद्र सहवाग को मलिंगा ने नुवान कुलासेकरा के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया। सहवाग ने आठ गेंदों पर दो चौकों की मदद से 10 रन बनाए।
सहवाग का विकेट जल्दी गिरने के बाद सचिन तेंदुलकर ने कोहली के साथ मिलकर पारी को सम्भाला और दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 75 रन जोड़े। बेहतरीन लय में दिख रहे तेंदुलकर को 48 रन के निजी योग पर एंजेलो मैथ्यूज ने बोल्ड किया।
कोहली और रोहित शर्मा ने तीसरे विकेट के लिए 33 रन जोड़े। शर्मा थिसिरा परेरा की एक गेंद पर प्वाइंट में तिलकरत्ने दिलशान के हाथों लपके गए। शर्मा सिर्फ 10 रन बना सके। उनका विकेट 122 रन के कुल योग पर गिरा।
इससे पहले, टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंकाई टीम ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 233 रन बनाए, जिसमें दिनेश चांडीमल के सबसे अधिक 64 रन शामिल हैं। चांडीमल ने 81 गेंदों पर चार चौके लगाए।
श्रीलंकाई टीम भी खराब शुरुआत की शिकार हुई थी। तिलकरत्ने दिलशान के साथ पारी की शुरुआत करने आए उपुल थरंगा चार रन के निजी योग पर जहीर खान की गेंद पर तेंदुलकर को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए। यह विकेट 12 रन के कुल योग पर गिरा।
इसके बाद दिलशान और कुमार संगकारा ने पारी को सम्भालने की कोशिश की और दोनों बल्लेबाजों ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़े। संगकारा को 26 रन के निजी योग पर जहीर ने अपना दूसरा शिकार बनाया। श्रीलंका का तीसरा विकेट 48 रन बनाने वाले दिलशान के रूप में गिरा।
कप्तान माहेला जयवर्धने 34 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 23 रन के निजी योग पर अश्विन की गेंद पर रोहित के हाथों कैच आउट हुए। जयवर्धने ने चांडीमल के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 52 रन जोड़े। अंतिम पलों में मैथ्यूज ने 33 रनों का योगदान दिया। भारत की ओर जहीर ने दो और जडेजा तथा विनय कुमार ने एक- एक विकेट झटका।
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