नई दिल्ली:
भारत और श्रीलंका के बीच 12 अगस्त से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज में मुकाबला दो कप्तानों के बीच भी होगा। एक ओर अपने आक्रामक तेवरों के लिए ख्यात हाई प्रोफाइल विराट कोहली होंगे, तो दूसरी ओर एकदम कूल अंदाज वाले परंपरागत क्रिकेट के लो-प्रोफाइल सितारे एंजिलो मैथ्यूज़। दोनों एक-दूसरे को क्रिकेट के मैदान पर जोरदार टक्कर देने के लिए तैयार हैं।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिए यह सीरीज नई शुरुआत है। वह बतौर कप्तान पहली बार किसी बड़ी सीरीज में टीम की कप्तानी करेंगे, लेकिन उनका इरादा साफ है, वे हर हाल में श्रीलंका में टेस्ट जीतना चाहते हैं। इसकी एक वजह भी है। कोहली भारत के लिए अब तक 3 टेस्ट मैचों में कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन टीम कोई भी मैच नहीं जीत पाई है। हालांकि कप्तान के तौर पर कोहली का व्यक्तिगत प्रदर्शन शानदार है। उन्होंने कप्तानी वाले 3 टेस्ट मैचों में 463 रन बनाए हैं। कोहली ने इस दौरान 3 शतक बनाए हैं और उनकी बल्लेबाजी का औसत 92 से ज्यादा है।
उनके करियर औसत 45 के दोगुने से भी ज्यादा। यानी कोहली जिम्मेदारी का बोझ खुद उठाने में सक्षम कप्तान हैं, लेकिन इसी नजरिए से देखें तो एंजिलो मैथ्यूज भी कमाल के कप्तान साबित होते हैं। कप्तान बनने के बाद मैथ्यूज का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी काफी शानदार होता गया।
मैथ्यूज़ ने कप्तान के तौर पर 18 टेस्ट मैचों में 1794 रन बनाए हैं। इस दौरान उनकी बल्लेबाजी का औसत 71 से ज्यादा का है, जो उनके करियर औसत 51 से ज्यादा है। अपने कुल 5 शतकों में 4 शतक उन्होंने कप्तान बनने के बाद बनाए हैं। विराट कोहली की एक बड़ी खासियत यह भी है कि वह टीम के खिलाड़ियों के साथ काफी घुल-मिल जाते हैं और आक्रामक तेवर से पूरी टीम को जीत के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस पहलू में एंजिलो मैथ्यूज का पलड़ा कमजोर है।
कूल अंदाज़ होने के चलते उनमें आक्रामकता की कमी दिखाई देती है, लेकिन इसका फ़ायदा यह है कि वह टीम के सभी साथियों की बात सुनते हैं। इतना ही नहीं वह एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। बल्लेबाजी के अलावा तेज गेंदबाज के तौर पर भी वे टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
ऐसे में एग्रेसिव और कूल कप्तानों की यह टक्कर देखने लायक होगी।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के लिए यह सीरीज नई शुरुआत है। वह बतौर कप्तान पहली बार किसी बड़ी सीरीज में टीम की कप्तानी करेंगे, लेकिन उनका इरादा साफ है, वे हर हाल में श्रीलंका में टेस्ट जीतना चाहते हैं। इसकी एक वजह भी है। कोहली भारत के लिए अब तक 3 टेस्ट मैचों में कप्तानी कर चुके हैं, लेकिन टीम कोई भी मैच नहीं जीत पाई है। हालांकि कप्तान के तौर पर कोहली का व्यक्तिगत प्रदर्शन शानदार है। उन्होंने कप्तानी वाले 3 टेस्ट मैचों में 463 रन बनाए हैं। कोहली ने इस दौरान 3 शतक बनाए हैं और उनकी बल्लेबाजी का औसत 92 से ज्यादा है।
उनके करियर औसत 45 के दोगुने से भी ज्यादा। यानी कोहली जिम्मेदारी का बोझ खुद उठाने में सक्षम कप्तान हैं, लेकिन इसी नजरिए से देखें तो एंजिलो मैथ्यूज भी कमाल के कप्तान साबित होते हैं। कप्तान बनने के बाद मैथ्यूज का व्यक्तिगत प्रदर्शन भी काफी शानदार होता गया।
मैथ्यूज़ ने कप्तान के तौर पर 18 टेस्ट मैचों में 1794 रन बनाए हैं। इस दौरान उनकी बल्लेबाजी का औसत 71 से ज्यादा का है, जो उनके करियर औसत 51 से ज्यादा है। अपने कुल 5 शतकों में 4 शतक उन्होंने कप्तान बनने के बाद बनाए हैं। विराट कोहली की एक बड़ी खासियत यह भी है कि वह टीम के खिलाड़ियों के साथ काफी घुल-मिल जाते हैं और आक्रामक तेवर से पूरी टीम को जीत के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस पहलू में एंजिलो मैथ्यूज का पलड़ा कमजोर है।
कूल अंदाज़ होने के चलते उनमें आक्रामकता की कमी दिखाई देती है, लेकिन इसका फ़ायदा यह है कि वह टीम के सभी साथियों की बात सुनते हैं। इतना ही नहीं वह एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं। बल्लेबाजी के अलावा तेज गेंदबाज के तौर पर भी वे टीम इंडिया की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
ऐसे में एग्रेसिव और कूल कप्तानों की यह टक्कर देखने लायक होगी।
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