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Ind vs Nz Final: "रोहित को इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत", गावस्कर ने उठाए भारतीय कप्तान पर सवाल

Champions Trophy: रोहित ने पिछले दिनों न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक बनाकर फॉर्म हासिल की थी, लेकिन उनका बल्ला चैंपियंस ट्रॉफी में फिर से खामोश हुआ, तो गावस्कर ने फाइनल से पहले उनके बारे में अहम बात कह दी है

Ind vs Nz Final: "रोहित को इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत", गावस्कर ने उठाए भारतीय कप्तान पर सवाल
नई दिल्ली:

टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के फाइनल में पहुंच चुकी है. करोड़ों क्रिकेटप्रेमियों ने रविवार को अभी से ही अपने-अपने अंदाज में भारत और न्यूजीलैंड (Ind vs Nz Final) मेगा फाइनल मुकाबला देखने की तैयारी कर ली है. लेकिन जहां सभी टीम इंडिया की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने कप्तान रोहित शर्मा की पावर-प्ले (शुरुआती 10 ओवरों) में बैटिंग एप्रोच पर सवाल खड़ा कर दिया है. महान दिग्गज का बयान तब आया, जब सेमीफाइनल में हेड कोच गौतम गंभीर ने रोहित का बचाव किया था. मेगा इवेंट से पहले रोहित ने इंग्लैंड के खिलाफ शतक जड़कर आलोचकों को खामोश कर दिया था, लेकिन चैंपियंस ट्ऱॉफी में भारतीय कप्तान अभी तक चार मैचों में सिर्फ 104 रन ही बना सके हैं. 

"पिछले दो साल से ऐसा कर रहे"

बहरहाल, एक चैनल से बातचीत में गावस्कर ने रोहित से अपनी जरूरत से ज्यादा आक्रामक एप्रोच पर विचार करने की अपील करते हुए कहा, "अगर रोहित लंबे समय तक बैटिंग करते हैं, तो वह अकेले ही भारत को मैच जिता सकते हैं". सनी बोले, "रोहित पिछले करीब दो साल से इस एप्रोच के साथ खेल रहे हैं. इसकी शुरुआत भारत में हुए विश्व कप के आस-पास हुई थी. और अभी भी इस इस फॉर्मूले से जुड़े हुए हैं."


"टैलेंट के हिसाब से सफलता नहीं"

पूर्व कप्तान ने कहा, "रोहित को कुछ सफलता मिली थी, लेकिन वैसी नहीं, जैसी उनकी प्रतिभा है. रोहित एक असाधारण प्रतिभा के खिलाड़ी हैं. उनके स्ट्रोकों की रेंज कहीं बड़ी है. बहुत से बल्लेबाजों के पास उनके जैसे शॉट नहीं हैं." उन्होंने कहा, "इसलिए दर्शकों के नजरिए से अगर वह 25 ओवर तक भी बैटिंग करते हैं, तो भारत 18-200 के आस-पास होगा. आप कल्पना कीजिए कि अगर भारत उस समय तक कुछ ही  विकेट खोता है,  तो यहां से टीम इंडिया सो 350 या इससे ज्यादा का स्कोर बना सकती है." गावस्कर बोले, "रोहित को इस पर विचार करने की जरूरत है. आप जाते हैं, आक्रामक खेलते हैं तो यह अलग बात है, लेकिन यहां थोड़े विवेक के इस्तेमाल की भी जरूरत है कि 25-30 ओवर बैटिंग की जाए. अगर वह ऐसा करते हैं, तो वह सामने वाली टीम से मैच छीन लेंगे." "

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