
कुछ समय पहले तक चोट के कारण क्रिकेट की कई बड़ी प्रतियोगिताओं से दूर रहने वाले इस समय दुनिया के नंबर एक पेसर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) इस समय गेंद से आग उगल रहे हैं. यूं तो बुमराह ने हैदराबाद में पहली पारी में दो सहित मैच में चार विकेट चटकाकर मैच में छह विकेट चटकाकर अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन भारत सीरीज का पहला टेस्ट मैच हार गया था, लेकिन दूसरे टेस्ट में पहली पारी में 6 सहित मैच में नौ विकेट चटकाकर प्लेयर ऑफ द मैच बने, तो यह प्रदर्शन हमेशा के लिए फैंस की यादों में समा गया. और अगर जस्सी फिर से राजकोट में जरूरत पर धमाल मचा देते हैं, तो चौंकिएगा बिल्कुल भी मत. बहराहल, इस बेहतरीन प्रदर्शन के बीच बुमराह ने वो कमाल कर दिखाया है, जिसके आस-पास भी बड़े से बड़े गेंदबाज भी नहीं पहुंच सके.
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अगर हम घरेलू पिचों पर कम से कम 25 विकेटों को आधार बनाकर औसत की बात करें, तो बुमराह भारतीय इतिहास में टॉप पर हैं. बुमराह अभी तक भारतीय पिचों पर 29 विकेट चटका चुके हैं. और उनका औसत 13.06 हैं. बुमराह के बाद दूसरे नंबर पर पिछले साल विश्व कप में सुपरस्टार बनकर उभरे मोहम्मद शमी हैं, जिनके भारतीय पिचों पर आए 76 विकेट 22.10 के औसत के साथ आए हैं. आप खुद देख सकते हैं कि बुमराह और शमी के बीच औसत में कितना ज्यादा अंत है.
वहीं, तीसरा नंबर टीम इंडिया से बाहर चल रहे पेसर उमेश यादव हैं. बहुत ही हैरानी की बात है कि BCCI के सालाना अनुबंध में शामिल उमेश इंग्लैंड के खिलाफ टीम में नहीं हैं, लेकिन भारतीय पिचों पर उनके 101 विकेट 25.88 के औसत आए हैं. इनके और बुमराह के बीच औसत का अंतर लगभग दोगुने का है.
ऐसे निकलता है गेंदबाजी का औसत
आपको सरल शब्दों में समझा दें कि गेंदबाजी औसत का मतलब है कि बॉलर ने कितने रनों के अंतराल पर विकेट चटकाया है. मतलब बुमराह ने भारतीय जमी पर 13.06 रन के बाद विकेट चटकाया है. आप किसी भी गेंदबाज के कुल विकेटों की संख्या को उसके विकेट से भाग देंगे, तो आपके सामने गेंदबाज का औसत सामने होगा. इसमें फेंके गए ओवरों की संख्या अप्रासंगिक हो जाती है. जो पहलू मायने रखता है वह हर बॉलर विशेष का प्रत्येक विकेट कितने रन बाद चटकाया गया है. यह बताता है कि बॉलर की विकेट चटकाने की गति कैसी है.
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